दोस्ती का दिखावा कर ट्रंप ने नई चाल चल दी, मुसीबत में फंसे भारतीय, मंडराने लगा अमेरिका से जबरन डिपोर्टेशन का खतरा!
डोनाल्ड ट्रंप के नए फैसले से अमेरिका में रह रहे भारतीयों की मुसीबत बढ़ गई है. यहां H1B वीजा और छात्र वीजा पर रहे लोगों के टैक्स रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं. इसके जरिए उनकी साइड इनकम का पता लगाया जा रहा है. ये जांच प्रवासियों के वीजा नियमों को प्रभावित कर सकती है
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कब क्या कर दें कुछ नहीं कहा जा सकता. अमेरिकी विश्लेषकों ने तो उन्हें ‘अनप्रीडिक्टेबल’ शख्स की संज्ञा भी दे दी. भारत पर भारी भरकम टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप ने उस वक्त चौंका दिया जब उन्होंने PM मोदी की तारीफों के पुल बांध दिए. अपना अच्छा दोस्त बता दिया. इतना ही नहीं ट्रंप ने मोदी को ग्रेट प्रधानमंत्री भी करार दिया.
ट्रंप के इस बदलाव को कुछ एक्सपर्ट ने कूटनीति का हिस्सा बताया तो कुछ ने इसे महज दिखावा करार दिया. तो क्या सच में यह ट्रंप का दिखावा था? क्योंकि उनकी कथनी और करनी में अंतर साफ दिख रहा है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने भारतीय को प्रभावित करने वाला एक औैर फैसला ले लिया है. जिसका सीधा असर उन लोगों पर होगा जो एच-1बी वीजा और छात्र वीजा पर अमेरिका में रह रहे हैं. अमेरिका टैरिफ के बाद वीजा नियमों को और सख्त करने जा रहा है. अमेरिकी इमिग्रेशन एजेंसियां अब आंतरिक राजस्व सेवा (IRS) के टैक्स रिकॉर्ड्स खंगाल रही है. इसके पीछे मकसद बिना अनुमति वाले रोजगार का पता लगाना है.
वीजा नियम सख्त करने का बहाना!
प्रशासन की नजर अतिरिक्त कमाई पर है. साथ ही जो लोग अतिरिक्त कमाई का टैक्स भर रहे हैं उनके वीजा पर भी संकट मंडरा रहा है. जानकारी के मुताबिक, अमेरिका में अतिरिक्त कमाई का टैक्स भरने और अपनी इनकम रिपोर्ट की सही जानकारी देना भी मुसीबत मोल लेना हो गया है. सही रिपोर्ट देने के बावजूद लोगों पर वीजा अवधि बढ़ाने की मनाही, दोबारा आने पर रोक, यहां तक कि डिपोर्टेशन तक की कार्रवाई हो रही है.
छात्रों पर कैसे मंडराया संकट?
अमेरिका में H1B वीजा पर रह रहे लोग जो जॉब के साथ साथ किसी दूसरे सोर्स से भी इनकम पा रहे हैं. जैसे फ्रिलांस या ऑनलाइन साइड जॉब्स. इसके साथ-साथ जो छात्र अमेरिका में पढ़ाई के अलावा पार्ट टाइम नौकरी कर रहे हैं और अगर उन्होंने इसकी जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं दी. ये उनके डिपोर्टेशन का कारण बन सकता है.
बन सकता है टैक्स चोरी का केस
अमेरिका के इमिग्रेशन अटॉर्नी जाथ शाओ का कहना है कि, IRS ने इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) के साथ डेटा शेयर किया है. अब हम देख रहे हैं कि लोग उन्हीं कामों के लिए फंसे हैं, जिनकी कमाई उन्होंने खुद रिपोर्ट की और टैक्स भरा. यह सच्चाई उस वक्त सामने आती है जब कोई शख्स किसी दूसरे मामले या गलती में पकड़ा जाता है. जैसे किसी शख्स ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया हो. कार्रवाई के दौरान उसके दूसरे कमाई के सोर्स या पुराने सोर्स के बारे में पता चलता है. ये टैक्स चोरी का मामला बन सकता है.
अमेरिका में साइड इनकम वीजा नियमों का उल्लंघन कैसे?
एक्सपर्ट का कहना है कि अमेरिकी प्रशासन के इस कदम से H1 वीजा वाले सबसे ज्यादा रिस्क में हैं, क्योंकि उनकी नौकरी सीधे स्पॉन्सर कंपनी से जुड़ी होती है. टैक्स रिकॉर्ड में कमाई के सोर्स का पता लगा तो यह वीजा स्टेटस का उल्लंघन भी माना जा सकता है. जिसमें डिपोर्टेशन तक हो सकता है.
हालांकि एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि ब्याज या पूंजीगत लाभ (capital gains) जैसी इनकम पर समस्या नहीं होगी. जैसे शेयर, म्यूचुअल फंड, संपत्ति से हासिल की गई कमाई, लेकिन किसी फ्रीलांस प्रोजेक्ट या ऑनलाइन साइड जॉब्स गंभीर जोखिम को बढ़ा सकती है और प्रवासियों पर जबरन डिपोर्टेशन का खतरा मंडरा सकता है.
अमेरिका ने वीजा नियम और सख्त किए
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इससे पहले अमेरिका वीजा नियम बेहद सख्त कर दिए थे. अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, नॉन-इमिग्रेंट वीजा (NIV) के लिए आवेदन करने वालों को अब अपने देश या कानूनी निवास वाली जगह पर ही इंटरव्यू के लिए अपॉइंटमेंट लेना होगा. अमेरिका के इस आदेश के बाद भारतीय किसी और देश सहारा लेकर जल्दी में अपॉइंटमेंट नहीं ले पाएंगे.
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