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अलहिंद, शंख एयर और फ्लाई एक्सप्रेस… जानें देश की 3 नई एयरलाइंस कंपनियों का पूरा ब्यौरा, कब तक भरेंगी उड़ान?

IndiGo संकट के बाद मोदी सरकार बहुत बड़ा फैसला लेते हुए 3 नई एयरलाइंस को धरातल पर उतारने जा रही है. जानें इन कंपनियों से जुड़़ी हर एक डिटेेल और कौन हैं मालिक.

एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़, धक्का-मुक्की, शोर, परेशान चेहरे… किसी की जरूरी क्लाइंट मीटिंग छूट रही थी तो कोई सात समंदर पार अपने  सपने पूरे करने जा रहा था, लेकिन इन सपनों पर हावी थी एक लापरवाही और मनमानी. ऐसी तस्वीर दोबारा न आए इसलिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. ये कदम Indigo जैसी विमान कंपनियों की मोनोपॉली के खिलाफ है. सरकार ने तीन नई एयरलाइंस को हरी झंडी दे दी है. 

यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब हाल ही में देश को इंडिगो (IndiGo) के ऑपरेशन से जुड़ी दिक्कतें का सामना करना पड़ा. इन हालातों ने न केवल विमान कंपनियों की मनमानी को उजागर किया बल्कि सरकार की भी आंखें खोली. इस घटनाक्रम के बाद ही सरकार को एविएशन सेक्टर में ज्यादा कंपनियों और विकल्पों की जरूरत महसूस हुई. इस ख्याल को धरातल पर उतारते हुए केंद्र सरकार ने तीन नई एयरलाइंस को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी किया है. इनमें शंख एयर, अलहिंद एयर और फ्लाई एक्सप्रेस एयरलाइंस हैं. 

नई एयरलाइंस पर एविएशन मिनिस्टर ने क्या कहा? 

जाहिर तौर पर सरकार का ये कदम एविएशन क्षेत्र में मोनोपॉली पर बड़ी चोट साबित होगा. नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू का कहना है, सरकार का लक्ष्य भारतीय आसमान में ज्यादा एयरलाइंस को बढ़ावा देना है. सरकार का मानती है कि नई एयरलाइंस के आने से यात्रियों को बेहतर सेवा और ज्यादा विकल्प मिलेंगे. उन्होंने कहा, 
‘स्टार एयर, इंडिया वन एयर और फ्लाई91 जैसी छोटी एयरलाइंस को पहले ही उड़ान योजना के तहत मौका दिया गया था. इन एयरलाइंस ने छोटे शहरों और कस्बों में हवाई सेवाओं में अहम भूमिका निभाई है.’ राम मोहन नायडू ने एक्स पोस्ट पर नई एयरलाइंस की जानकारी साझा की. 

हालांकि तीन नई एयरलाइंस को धरातल पर अपनी सेवाएं शुरू करने में थोड़ा समय लगेगा. अभी NOC (No Objection Certificate) जारी किया है. अभी अगला चरण AOC (Air Operator Certificate) के लिए होगा. 

NOC के बाद आगे की क्या प्रक्रिया है? 

NOC मिलने का मतलब है कि सरकार ने इन कंपनियों को एयरलाइन शुरू करने की आगे की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है. अब अगला चरण DGCA से एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (AOC) का होगा. 

अब सवाल ये है कि विमान कंपनियों को AOC के लिए क्या करना होगा? दरअसल, कंपनियों को प्लेन, पायलट और स्टाफ, मेंटेनेंस और रूट नेटवर्क से जुड़ी सारी तैयारियां करनी होंगी. ये प्रक्रिया कई महीनों तक चलती है. ताकि यह सुनिश्चित हो जाए कि कंपनी के विमान उडा़न भरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. 

अब तीन नई एयरलाइंस की पूरी डिटेल जानते हैं. सबसे पहले बात शंख एयर की करते हैं. 

  • शंख एयर UP की एयरलाइन कंपनी है
  • शंख एयर के चेयरमैन श्रवण कुमार विश्वकर्मा हैं  
  • शंख एयर फुल-सर्विस एयरलाइन के तौर पर पेश कर रही है
  • कंपनी का फोकस बड़े शहरों और प्रमुख राज्यों की कनेक्टिविटी पर है
  • साल 2026 की पहली तिमाही में उड़ान शुरू करने की योजना 

कंपनी का मानना है कि वह नेटवर्क का विस्तार धीरे-धीरे करेगी. इसके पीछे शुरुआती खर्चों को कंट्रोल करना है. बताया जा रहा है शुरू के 3 साल में 20 से 25 फ्लाइट ही शामिल की जाएंगी. 

दूसरी कंपनी- अलहिंद एयर 

एयरलाइन कंपनी अलहिंद केरल से जुड़ी हुई है. साल 1992 में इसकी स्थापना हुई थी. यह अलहिंद ग्रुप का हिस्सा है. यह ग्रुप ट्रैवल और टूर मैनेजमेंट इंडस्ट्री से जुड़ा है. इसके निदेशक टी. मोहम्मद हारिस हैं. कंपनी का कारोबार कई देशों में फैला हुआ है. जिसमें ज्यादातर अरब देश हैं. कंपनी का मुख्यालय केरल के कालीकट में हैं. कंपनी एविएशन क्षेत्र में रीजनल और लो-कॉस्ट कनेक्टिविटी पर फोकस कर रही है. छोटे विमानों के जरिए कई शहरों को जोड़ने पर फोकस किया जाएगा. 

फ्लाई एक्सप्रेस के बारे में जानें 

  • फ्लाई एक्सप्रेस एयरलाइंस एक कूरियर और कॉर्गो कंपनी है
  • तेलंगाना के हैदराबाद में फ्लाई एक्सप्रेस का मुख्यालय है 
  • रिपोर्ट के अनुसार, मूल कूरियर कंपनी के हेड कोंकति सुरेश (Konkati Suresh) हैं
  • अंतर्राष्ट्रीय कूरियर के क्षेत्र में फ्लाई एक्सप्रेस को 15 साल से ज्यादा एक्सपीरियंस 
  • FedEx, DHL और UPS जैसी अंतरराष्ट्रीय कूरियर कंपनियां
  • कंपनी पैसेंजर उड़ानों के साथ कार्गो सुविधा देगी

भारत में अभी कितनी एयरलाइन कंपनिया हैं? 

मौजूदा समय में भारत में 9 घरेलू एयरलाइंस हैं. इनमें IndiGO, Air India, Air India Express, एलायंस एयर (Alliance air), अकासा एयर, स्पाइसजेट, स्टार एयर, फ्लाई91, इंडियावन एयर. हालांकि भारतीय एविएशन सेक्टर में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी इंडिगो (65.6%) की ही है. इसके बाद एयर इंडिया (25.7%) है. बाकी बचा हिस्सा अन्य कंपनियों का है. 
सरकार ने अब तीन नई कंपनियों का रास्ता भी साफ कर दिया है. यह फैसला उड़ान किराया लिमिट में रखने के साथ-साथ IndiGo जैसी कंपनियों के एकछत्र राज को भी सीमित करेगा. 

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