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इटावा में कथावाचकों की पिटाई के मामले में आया नया मोड़, मणि मुकुट यादव और उसके सहयोगी पर दर्ज हुई FIR, वजह कर देगी हैरान

इटावा में जाति विशेष के कथावाचकों की पिटाई और अपमान के मुद्दे में नया मोड़ सामने आया है. पुलिस ने परीक्षित परिवार की शिकायत पर दोनों कथावाचकों के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने का मामला दर्ज कर लिया है.

Created By: केशव झा
26 Jun, 2025
( Updated: 04 Dec, 2025
02:50 AM )
इटावा में कथावाचकों की पिटाई के मामले में आया नया मोड़, मणि मुकुट यादव और उसके सहयोगी पर दर्ज हुई FIR, वजह कर देगी हैरान

उत्तर प्रदेश के इटावा में समाज विशेष के कथावाचक को कथित तौर पर उसकी जाति के कारण अपमान करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मुद्दे पर हो रही सियासी बयानबाजी और सपा प्रमुख अखिलेश द्वारा इसे उठाने के बाद पूरे घटनाक्रम में नया मोड़ सामने आया है. पुलिस ने कथा का आयोजन कराने वाले परीक्षित परिवार की तरफ से आरोपों के बाद यादव कथा वाचक मणि मुकुट यादव और उसके सहयोगी  संत कुमार यादव के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. इटावा पुलिस ने दोनों कथावाचकों के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड बनाने और जाति छुपाकर कथा करने के मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत सिंह यादव के खिलाफ ये मुकदमा इटावा के बकेवर थाने में दर्ज किया है.

कथावाचकों की पिटाई के बाद चार आरोपियों को जेल भेज दिया गया था
दरअसल, इटावा के बकेवर इलाके में स्थित दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान जाति छुपाने के मुद्दे पर 21 जून को दोनों कथावाचकों की पिटाई की गई थी. इस दौरान उनके बाल भी काट दिए गए थे. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उन्हें जेल भेज दिया था.

मुकुट मणि यादव के पास मिले दो आधार कार्ड
हालांकि, इस मामले में सियासत तेज होने के बाद दोनों कथावाचकों पर फर्जी आधार कार्ड बनाने और जाति छुपाकर कथा करने का आरोप लगा था. इस मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि मुकुट मणि यादव के पास दो आधार कार्ड मिले हैं, जिन पर दो अलग-अलग नाम हैं. इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले में जांच शुरू कर दी है.

अखिलेश यादव ने सरकार पर बोला था हमला, PDA से जोड़ा था

कथावाचकों के साथ हुई अभद्रता को लेकर सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार पर सवाल उठाए थे. उन्होंने एक्स अकाउंट पर लिखा था, "इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई. हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुद्ध किया गया अपराध है. सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए. अगर आगामी 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नही हुई तो हम ‘पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा’ के एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे."

पीड़ित कथावचकों की सपा सुप्रीमो से हुई थी मुलाकात
इसके बाद, दोनों कथावाचकों ने लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी. अखिलेश ने एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा था, "‘इटावा कथावाचन पीडीए अपमान कांड’ के पीड़ितों का सम्मान किया गया और उनकी आर्थिक हानि के लिए सहायता राशि दी गई और जिस दृष्टिहीन कलाकार की ढोलक छीनी गयी, उसे नई ढोल भी दी गई."

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परीक्षित परिवार की महिला रेनू तिवारी ने लगाए थे कथावाचक पर छेड़खानी के आरोप
इससे पहले परीक्षित महिला रेनू तिवारी ने कथावाचक और उसके सहयोगी पर छेड़खानी का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि जब वह कथावाचक और उसके सहयोगी को पहले दिन का खाना खिला रही थीं, तो कथावाचक ने उनकी उंगली पकड़ी और उनसे बदतमीजी करने की कोशिश की, यानी छेड़खानी की.
अब परीक्षित परिवार का आरोप है कि कथावाचकों ने अपनी असल पहचान छिपाकर उन्हें धोखा दिया और फर्जीवाड़ा किया. दोनों ने अपने आधार कार्ड पर नाम और जाति बदल दी और इस तरीके से उनकी आस्था को ठेस पहुंचाई.

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