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90 मिनट में तय होगा 5 घंटे का रास्ता, महाराष्ट्र सरकार ला रही है 14,000 करोड़ का फ्रेट कॉरिडोर

Vadhavan Port: सरकार इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनवाने में लगी है और इसका काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. यानी आने वाले समय में इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी पूरी तरह बदलने वाली है.

Image Source: Social Media

Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार ने पालघर जिले में बन रहे वधावन बंदरगाह को समृद्धि महामार्ग से जोड़ने के लिए एक बड़े फ्रेट कॉरिडोर की तैयारी शुरू कर दी है. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान राज्य मंत्री दादा भुसे ने बताया कि यह एक विशाल प्रोजेक्ट है, जिस पर करीब 14,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. सरकार इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनवाने में लगी है और इसका काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. यानी आने वाले समय में इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी पूरी तरह बदलने वाली है.

5 घंटे की दूरी अब सिर्फ डेढ़ घंटे में

मंत्री दादा भुसे ने सदन में यह भी बताया कि इस नई परियोजना से लोगों का सफर काफी आसान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी पालघर से समृद्धि महामार्ग तक पहुंचने में करीब चार से पांच घंटे का समय लगता है, लेकिन फ्रेट कॉरिडोर बनने के बाद यही दूरी महज डेढ़ घंटे में पूरी की जा सकेगी. इसका मतलब है कि यात्रा समय में जबरदस्त कमी आएगी और आवाजाही बहुत तेज हो जाएगी.

परियोजना आखिर है क्या?


विधानसभा में शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के विधायक महेश सावंत ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े सवाल पूछे थे. इसके जवाब में मंत्री भुसे ने बताया कि यह फ्रेट कॉरिडोर वधावन बंदरगाह को सीधे समृद्धि महामार्ग तक जोड़ देगा. यह मार्ग दहाणु, विक्रमगढ़, जव्हार, मोखाडा और त्र्यंबकेश्वर जैसे कई इलाकों से होकर इगतपुरी तक पहुंचेगा. सरकार का कहना है कि इस पूरे रूट पर विकास की रफ्तार बढ़ जाएगी, व्यापारिक गतिविधियाँ तेज होंगी और स्थानीय लोगों को नए रोजगार भी मिलेंगे.

छह लेन और 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार


यह नया फ्रेट कॉरिडोर छह लेन का होगा, और इस पर वाहनों की संभावित स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहेगी. इससे माल ढुलाई काफी तेज होगी और उद्योगों को सामान भेजने-लाने में समय और लागत दोनों बचेंगी.
सरकार का मानना है कि तटीय क्षेत्रों को महाराष्ट्र के आंतरिक इलाकों से जोड़ने की यह कोशिश माल परिवहन सेक्टर में बड़ा बदलाव लाएगी और पूरे प्रदेश की लॉजिस्टिक व्यवस्था को नई ताकत मिलेगी.

वधावन बंदरगाह: दुनिया के टॉप 10 में शामिल होने की राह पर


पालघर के दहाणु के पास बन रहा वधावन बंदरगाह एक बहुत बड़ी परियोजना है. इसकी कुल लागत लगभग 76,220 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इस बंदरगाह से करीब 12 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है. 
यह बंदरगाह आधुनिक तकनीक और शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर से तैयार किया जा रहा है. इसमें कुल 9 कंटेनर टर्मिनल होंगे, जिनमें से हर टर्मिनल करीब 1,000 मीटर लंबा होगा. बंदरगाह की हैंडलिंग क्षमता 298 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष होगी. अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो वधावन बंदरगाह दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में शुमार हो सकता है.

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