यूपी के कुशीनगर जिले में जन्मीं 17 लड़कियों का नाम 'सिंदूर' रखा गया, मां-बाप बोले- 'ऑपरेशन सिंदूर' पर हमें गर्व
यूपी के कुशीनगर जिले के मेडिकल कॉलेज में 10 और 11 मई को जन्मी 17 नवजात लड़कियों के नाम 'सिंदूर' रखे गए हैं. इनमें कई परिवार के लोग शामिल हैं. इसकी जानकारी प्रिंसिपल डॉक्टर आरके शाही ने दी है.
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भारत की जांबाज सेना ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 निर्दोषों की मौत का बदला ले लिया है. 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत इस मिशन को अंजाम दिया गया. भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के पीओके वाले कुल 9 आतंकी ठिकानों पर हमला करते हुए इस मिशन को अंजाम दिया. भारत की जवाबी कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने जम्मू- कश्मीर, राजस्थान, पंजाब और गुजरात से सटी सीमा से ड्रोन और बम बरसाए, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी हमलों को नेस्तनाबूद कर दिया. भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' ने सभी देशवासियों को गौरवान्वित महसूस कराया है. इस बीच सनातन धर्म में महिलाओं की मांग का प्रतीक सिंदूर अब देश की आने वाली पीढ़ियों के बच्चियों के नाम हो गए हैं. बीते कई दिनों से देश के अलग-अलग कोने में पैदा हुई बच्चियों के नाम अब 'सिंदूर' रखे जा रहे हैं. इस बीच यूपी के कुशीनगर जिले में एक साथ 17 बच्चियों का नाम 'सिंदूर' रखा गया है. सभी बच्चियों के मां- बाप ने बताया कि उन्हें अपनी सेना पर गर्व है.
यूपी में 17 बच्चियों के नाम 'सिंदूर' रखे गए
बता दें कि यूपी के कुशीनगर जिले के मेडिकल कॉलेज में 10 और 11 मई को जन्मी 17 नवजात लड़कियों के नाम 'सिंदूर' रखे गए हैं. इनमें कई परिवार के लोग शामिल हैं. इसकी जानकारी प्रिंसिपल डॉक्टर आरके शाही ने दी है. जैसे ही यह खबर लोगों को पता चली, उन्होंने इन परिवारों को बधाई देना शुरू कर दिया.
'हमें इस पर गर्व है, यह शब्द नहीं एक भावना है' - बच्चे की मां
कुशीनगर के मेडिकल कॉलेज में बच्ची को जन्म देने वाली अर्चना शाही अपनी लड़की का नाम सिंदूर रखे जाने पर बताई कि 'पहलगाम आतंकी हमले में कई विवाहित महिलाओं की जिंदगी तबाह हो गई थी. उन्होंने अपने पतियों को खो दिया था, लेकिन हमारी सेना ने उनके सिंदूर का बदला लेकर हमें गर्व महसूस कराया है. अब सिंदूर सिर्फ एक शब्द नहीं बल्कि एक भावना है. इसलिए हमने अपनी बेटी का नाम सिंदूर रखने का फैसला किया है.' अर्चना के पति अजीत शाही ने भी कुछ इसी तरह कि भावना जताई है. उन्होंने कहा 'कि मेरी पत्नी और मैंने जन्म से पहले ही इस नाम को तय कर लिया था. यह शब्द हमारे लिए एक प्रेरणा है.' वहीं पडरौना जिले के रहने वाले मदन लाल गुप्ता ने बताया कि 'उनकी बहू ने जन्म देने से पहले ही तय कर लिया था कि अगर बेटी ने जन्म लिया, तो उसका नाम सिंदूर रखूंगी. हम सिर्फ ऑपरेशन को नहीं बल्कि इस दिन को भी मनाएंगे.'
'मेरी बेटी जब बड़ी होगी, तो उसमें हिम्मत आएगी'
इसके अलावा भटही बाबू गांव निवासी व्यासमुनि का कहना है कि 'इसमें उनकी बेटी में हिम्मत आएगी. जब मेरी बेटी बड़ी होगी, तो वह इस शब्द का सही मतलब समझेगी और खुद को भारत माता के लिए एक कर्तव्यनिष्ठ महिला के रूप में पेश करेगी. एक और महिला प्रियंका देवी ने कहा कि दूसरों के साथ मिलकर अपनी बेटी का नाम भारत की सैन्य कार्रवाई के नाम पर रखने का फैसला किया है.
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