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इलेक्ट्रोलिसिस फुट बाथ करती नजर आईं शिल्पा शेट्टी... आखिर ये होता क्या है? जानिए इसके फ़ायदे और नुक़सान

इलेक्ट्रोलिसिस फुटबाथ शरीर को डिटॉक्स करने का काम करता है. इसे डिटॉक्सिफिकेशन फुट बाथ, फुट डिटॉक्स या आयनिक क्लींजिंग के नाम से भी जाना जाता है. इस प्रोसेस में एक टब में नमक मिला हुआ गर्म पानी लेकर उसमें एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से हल्का इलेक्ट्रिक करंट छोड़ा जाता है. नमक वाले पानी में पैर डालकर 30 से 40 मिनट तक बैठा जाता है

01 May, 2025
( Updated: 01 May, 2025
05:43 PM )
इलेक्ट्रोलिसिस फुट बाथ करती नजर आईं शिल्पा शेट्टी... आखिर ये होता क्या है? जानिए इसके फ़ायदे और नुक़सान
बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक तस्वीर शेयर की. इस तस्वीर में वह इलेक्ट्रोलिसिस फुटबाथ करती नज़र आई जो उनके फैंस के बीच चर्चा का विषय बन गया. लेकिन क्या आपको पता है इलेक्ट्रोलिसिस फुटबाथ आखिर होता क्या है? क्या इससे पहले आपने इलेक्ट्रोलिसिस फुटबाथ के बारे में सुना है? क्या आपको इससे होने वाले फायदे और नुकसान की जानकारी है? अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे. 

क्या होता है इलेक्ट्रोलिसिस फुटबाथ?
इलेक्ट्रोलिसिस फुटबाथ शरीर को डिटॉक्स करने का काम करता है. इसे डिटॉक्सिफिकेशन फुट बाथ, फुट डिटॉक्स या आयनिक क्लींजिंग के नाम से भी जाना जाता है. इस प्रोसेस में एक टब में नमक मिला हुआ गर्म पानी लेकर उसमें एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से हल्का इलेक्ट्रिक करंट छोड़ा जाता है. नमक वाले पानी में पैर डालकर 30 से 40 मिनट तक बैठा जाता है जिससे शरीर के अंदर की सारी गंदगी पैरों के माध्यम से बाहर निकल जाती है जिसकी वजह से पानी का रंग बदल जाता है. इससे शरीर का तनाव भी दूर होता है और दर्द से भी राहत मिलती है. इस तरह का फुटबाथ मसल्स पेन, जॉइंट पेन और सूजन में भी राहत देने का काम करता है. 

क्या हैं इसके फायदे?
विशेषज्ञों के अनुसार इलेक्ट्रोलिसिस फुटबाथ के कई सारे फायदे हैं. गंदगी निकलने की वजह से इससे स्किन में ग्लो आता है. साथ ही शरीर की एनर्जी भी बढ़ती है. इसे करने से नींद अच्छी आती है और हमारा इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है.

क्या हैं नुकसान?
इलेक्ट्रोलिसिस फुटबाथ के जैसे कई फायदे हैं उसी प्रकार इसके कुछ नुकसान भी हैं. अगर आपकी त्वचा सेंसिटिव है तो इसे कराने से आपको जलन हो सकती है. घाव या फटी हुई त्वचा के साथ ये कराने से संक्रमण का खतरा रहता है. इससे कुछ लोगों को सांस की तकलीफ, सिरदर्द, या चक्कर भी आ सकते हैं.

इलेक्ट्रोलिसिस फुटबाथ में पानी में इलेक्ट्रिक करंट छोड़कर एनर्जी पैदा की जाती है जिससे शरीर में डिटॉक्स होता है. पानी का रंग बदलने का कारण होता है उसमें मौजूद मेटल की प्लेट्स का ऑक्सीकरण. 

अगर आप भी इलेक्ट्रोलिसिस फुटबाथ कराना चाहते हैं तो ऊपर बताई गई बातों का ध्यान ज़रूर रखें, साथ ही फुटबाथ के बाद, अपनी त्वचा को अच्छी तरह से धो लें और अच्छे से मॉइस्चराइज़ करें. इलेक्ट्रोलिसिस फुटबाथ सेहत के लिए फायदेमंद तो है, लेकिन ऐसा करने से पहले हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह ज़रूर लें.

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