जिम में पसीने बहाने वालों के लिए वरदान है 'काकासन', मिलेंगे ग़ज़ब के फायदे, जानें सही विधि
काकासन, विशेष तौर पर शरीर के ऊपरी हिस्से की ताकत, एकाग्रता और लचीलापन बढ़ाने में मदद करता है. काकासन का नाम संस्कृत शब्द 'कक' से आया है, जिसका अर्थ है कौआ, क्योंकि इस आसन में शरीर की स्थिति कौए की तरह संतुलित दिखती है. यह आसन शुरुआती और अनुभवी योगियों दोनों के लिए लाभकारी है, बशर्ते इसे सही तकनीक से किया जाए.
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आज के समय में स्वस्थ रहने का बेहतरीन तरीका दवाई नहीं, बल्कि योगासन और प्राणायाम हैं. योग के कई आसनों में 'काकासन' काफी महत्वपूर्ण है, जिसे 'क्रो पोज' या 'बकासन' भी कहा जाता है. यह पेट और बाजुओं को मजबूती के साथ संतुलन बढ़ाने वाला आसन है.
हाथों, कंधों और कोर मसल्स को करता है मजबूत
काकासन, विशेष तौर पर शरीर के ऊपरी हिस्से की ताकत, एकाग्रता और लचीलापन बढ़ाने में मदद करता है. काकासन का नाम संस्कृत शब्द 'कक' से आया है, जिसका अर्थ है कौआ, क्योंकि इस आसन में शरीर की स्थिति कौए की तरह संतुलित दिखती है. यह आसन शुरुआती और अनुभवी योगियों दोनों के लिए लाभकारी है, बशर्ते इसे सही तकनीक से किया जाए.
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, बकासन, जिसे क्रो पोज या कौआ आसन भी कहा जाता है, एक योगासन है जो संतुलन और ताकत बढ़ाने में मदद करता है. यह आसन हाथों, कंधों और कोर मसल्स को मजबूत करता है, साथ ही एकाग्रता और मानसिक स्थिरता में भी सुधार करता है.
ककासन करने की सही विधि
योग एक्सपर्ट ककासन करने की सही विधि भी बताते हैं. ककासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर उकड़ू मुद्रा में बैठना चाहिए. दोनों हथेलियों को कंधों की सीध में जमीन पर रखें, उंगलियां फैली हुई हों. घुटनों को कोहनियों के पास लाएं और पैरों की उंगलियों पर संतुलन बनाएं. अब धीरे-धीरे शरीर का वजन हथेलियों पर डालते हुए पैरों को जमीन से ऊपर उठाना चाहिए. घुटनों को कोहनियों या ऊपरी बाहों पर टिकाना चाहिए. इस दौरान नजर सामने की ओर रखें ताकि संतुलन बना रहे.
इस स्थिति में 10-20 सेकंड तक ही रुकना और गहरी सांस लेते रहना चाहिए. एक्सपर्ट के अनुसार, शुरुआत में संतुलन बिगड़ने या गिरने का डर हो सकता है, इसलिए नीचे तकिया या गद्दा जैसी मुलायम चीजें सहारा के लिए रखें. धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं और सामान्य स्थिति में लौटें. इसे खाली पेट सुबह करना सबसे अच्छा है.
चिंता को कम करने में करता है मदद
ककासन के नियमित अभ्यास से कई शारीरिक और मानसिक लाभ मिलते हैं. यह बाहों, कंधों और कोर मांसपेशियों को मजबूत करता है. पेट के अंगों पर दबाव पड़ने से पाचन तंत्र बेहतर होता है. यह आसन एकाग्रता और मानसिक स्थिरता भी बढ़ाने में सहायक है, क्योंकि इसे करने के लिए ध्यान की जरूरत होती है. ककासन रीढ़ को लचीला बनाता है और शरीर का संतुलन सुधारता है. यह तनाव के साथ ही चिंता को कम करने में भी मदद करता है. नियमित अभ्यास से आत्मविश्वास बढ़ता है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है.
मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी उत्तम
ककासन न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी एक उत्तम आसन है, जो नियमित अभ्यास से जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है. हालांकि, ककासन करने से पहले शरीर को वार्मअप करना जरूरी होता है. गर्भवती महिलाओं और कलाई या कंधे में चोट वाले लोगों को इसे न करने की सलाह दी जाती है. यह आसन करने से पहले किसी योग विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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