कंट्रोल में रहेगा ब्लड प्रेशर, पाचन भी रहेगा दुरुस्त, सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है इलायची
इलायची में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं, जो कैंसर जैसे गंभीर रोगों से लड़ने में मदद करते इसमें मैग्नीशियम और पोटेशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन सामान्य रहता है और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है.
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इलायची सिर्फ खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहतरीन है. ये शरीर के कई हिस्सों के लिए औषधि की तरह काम करती है. ये ब्लड प्रेशर, पाचन, सांस, कैंसर रोकने और सूजन जैसी समस्याओं में मदद करती है. रोजाना इलायची का सेवन आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है.
कंट्रोल में रहेगा ब्लड प्रेशर
रात को दूध में इलायची उबालकर शहद के साथ पीना यौन रोग और गुप्त रोगों से राहत दिला सकता है. इलायची में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं, जो कैंसर जैसे गंभीर रोगों से लड़ने में मदद करते इसमें मैग्नीशियम और पोटेशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन सामान्य रहता है और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है.
पाचन में लाए सुधार
पेट की समस्याओं जैसे गैस, एसिडिटी और अपच में इलायची बेहद फायदेमंद है. खाने के तुरंत बाद इसका सेवन पेट को ठीक रखता है और पाचन में सुधार करता है.
अस्थमा और सांस की बीमारियों में देता राहत
इलायची की तासीर गर्म होती है, इसलिए यह अस्थमा और सांस की बीमारियों में भी राहत देती है. यह मुंह और त्वचा के कैंसर को रोकने में भी कारगर है.
एलर्जी और सूजन में मददगार
अध्ययनों के मुताबिक, इलायची में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर में इंसुलिन के लेवल को संतुलित रखने में मदद करते हैं. इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण एलर्जी और सूजन जैसी क्रॉनिक बीमारियों को कम करने में भी कारगर हैं.
सर्दी, खांसी या गले की खराश में फायदेमंद
सर्दी, खांसी या गले की खराश में हरी इलायची बहुत फायदेमंद है. रात को गुनगुने पानी के साथ इसे चबाकर खाने से राहत मिलती है. इलायची का नियमित सेवन पेट में अल्सर को भी कम करता है.
दांतों की कैविटीज की समस्या होती कम
इसके अलावा, भोजन के बाद इलायची खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है और दांतों की कैविटीज की समस्या भी कम होती है. उल्टी और मितली जैसी परेशानी में भी यह असरदार है.
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हालांकि सीमित मात्रा में ही इलायची का सेवन करें और किसी भी बीमारी के लिए इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदाचार्य की सलाह लें.
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