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लॉरेंस बिश्नोई की ताक़त के पीछे क्या छुपी है ‘परदादा’ भगवान की अदृश्य शक्ति

लॉरेंस के परदादा संत या फिर भगवान ? भगवान की तरह क्यों पूजता है पूरा गाँव, लॉरेंस के सुरक्षा कवच का सच क्या है ? देखिये सिर्फ़ धर्म ज्ञान पर

26 Oct, 2024
( Updated: 26 Oct, 2024
08:35 AM )
लॉरेंस बिश्नोई की ताक़त के पीछे क्या छुपी है ‘परदादा’ भगवान की अदृश्य शक्ति

सिंगर सिद्दू मूसेलाला का मर्डर पाकिस्तान से समंदर के रास्ते ड्रग तस्करी का मसला, करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह का मर्डर, बाबा सिद्धकी की हत्या या फिर सलमान खान को जान से मारने की धमकी,इन सबके तार एक ऐसे शख़्स से जोड़े जाते हैं, जो इस वक़्त गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। नाम है लॉरेंस बिश्नोई ये चेहरा आज की डेट में एक गैंगस्टर के तौर पर जाना जाता है, लेकिन इसके ख़ुद के गाँव वाले इसे मसीहा मानते हैं। तमाम मीडिया चैनलों से लेकर सोशल मीडिया तक, लौंरेस बिश्नोई का नाम छाया हुआ है..क्योंकि इसी नाम से बॉलिवुड के भाईजान की हालत फिलहाल टाइट है…सलमान खान को जान से मारने की धमकी या फिर घर के बाहर फ़ायरिंग इसके पीछे भाईजान का परिवार लॉरेंस बिश्नोई का हाथ बता रहा है और अगर इन आरोपों में सच्चाई है, तो सोचिये जेल में बैठकर बाहरी दुनिया को कंट्रोल करना अपने आप में कोई छोटी मोटी चीज नहीं है, लेकिन क्या इसी ताक़त के पीछे 80 साल पुराने मंदिर में मौजूद लॉरेंस के परदादा की अदृश्य शक्ति है, या फिर यूँ कहे कि लॉरेंस का सुरक्षा कवच उन्हीं के परदादा हैं? आख़िरकार लॉरेंस के परदादा की पूजा पूरा गाँव क्यों करता है ? इस पर देखिये हमारी ये ख़ास रिपोर्ट। 

दिल्ली से करीब 450 किमी पंजाब का दुरातांवाली गांव, ये जगह लॉरेंस की जन्मभूमि भी है और कर्मभूमि भी यहाँ शायद ही आपको कोई शख़्स ऐसा मिले, जो लॉरेंस को अपराधी के चश्मे से देखे। गाँव वाले आज भी लॉरेंस को एक अच्छे इंसान के तौर पर देखते हैं। लॉरेंस आज भी गाँव वालों के लिए अच्छा लड़का है, एक ऐसा लड़का, जिसे बड़ों की इज़्ज़त करनी आती है। ज़रूरतमंदों की सेवा करने वाला व्यक्ति ख़ुद से ज़्यादा दूसरों के बारे में सोचने वाला इंसान आपको ये जानकर हैरानी होगी आज भी पूरा गाँव लॉरेंस के परदादा की पूजा करता है, जिससे साफ़ है कि लाॉरेंस का परिवार धार्मिक है। दुरातांवाली गांव में घुसते ही जो लाल रंग की एक बड़ी सी इमारत नज़र आती है, उसी से बिश्नोई समाज की आस्था आज भी जुड़ी है। लॉरेंस के परदादा उसके पूर्वज महात्मा श्री साहबराम जी राहड़ जी को समर्पित ये मंदिर आज का नहीं बल्कि 80 साल पुराना है। इसी मंदिर में महात्मा श्री साहबराम जी राहड़ की समाधि हैं। यहीं पर एक अखण्ड ज्योत जलती है। हवन कुंड बना हुआ है और इसी के इर्द-गिर्द बिश्नोई समाज का मेला दिखता है। कहते हैं, गुरु श्री जम्भेश्वर भगवान जी के उपदेशों को महात्मा श्री साहबराम जी राहड़ ने लिखा, जिसकी एक कॉपी उन्हीं की समाधी के अंदर है। स्थानीय लोगों की मानें, तो  श्री साहबराम जी राहड़ जी बिश्नोई समाज के सबसे बड़े संत हैं, आलम ये है कि पूरा गाँव उन्हें ईश्वर के रूप में आज भी पूजता है। यहीं से गाँव-गांव का बच्चा अपने धर्म से रूबरू होता है। मंदिर का आधार ही पर्यावरण संरक्षण, पशु संरक्षण, अहिंसा है और यहीं से बिश्नोई समाज को प्रकृति पूजा करने की प्रेरणा मिलती हैं। लॉरेंस ने इसी मंदिर से ये जाना कि जीव हत्या सबसे बड़ा पाप है, तभी तो काला हिरण केस आज भी सलमान के गले ही हड्डी बना हुआ है। 


ज़मींदारी वाले परिवार से आने वाले लॉरेंस बिश्नोई की अबतक की कुंडली खंगालेंगे तो ये पायेंगे कि साल 2014 में लॉरेंस जेल गया, 4 मामलों में दोषी करार है। 2021 में मकोका लगी, जिसके चलते तिहाड़ भेजे गये और अभी साबरमती जेल में हैं।ना सिर्फ़ परिवार वाले बल्कि पूरा गांव ये मानता है कि लॉरेंस को ऐसे संस्कार मिले हैं कि वो नशे या अपराध के बारे में सोच भी नहीं सकता, उस पर मनगढ़ंत आरोप लगाए गये और उसकी ज़िंदगी बरबाद कर दी गई। सिक्के के दोनों पहलु आपके सामने है, डॉन या फिर मसीहा ?जो भी हो, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या आज भी परपोते का का सुरक्षा कवच परदादा हैं, जिनकी पूजा पूरा गाँव करता है। इस पर आप क्या सोचते हैं, कमेंट करके ज़रूर बताइयेगा

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