बप्पा की विदाई के समय करें इन खास चीजों का दान, मिलेगा आशीर्वाद और घर में आएगी खुशहाली
इस साल अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी. यह दिन गणेशोत्सव के समापन का प्रतीक है. बप्पा की विदाई के बाद कुछ विशेष वस्तुओं का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. चलिए जानते हैं कि अनंत चतुर्दशी के दिन किन चीजों का दान करना सबसे मंगलकारी होता है.
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गणपति बप्पा की विदाई का समय करीब आ गया है. इस साल अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी. यह दिन गणेशोत्सव के समापन का प्रतीक है, जब भक्त भावुक मन से बप्पा को विदा करते हैं और अगले वर्ष पुनः आगमन का वचन लेते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बप्पा की विदाई के बाद कुछ विशेष वस्तुओं का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसा करने से भगवान गणेश की कृपा पूरे वर्ष परिवार पर बनी रहती है. आइए जानते हैं कि अनंत चतुर्दशी के दिन किन चीजों का दान करना सबसे मंगलकारी होता है.
अन्न और वस्त्र का दान
गणेश विसर्जन के बाद अन्न और वस्त्र दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है. इस दिन आप किसी गरीब या जरूरतमंद को अनाज, जैसे चावल या दाल, और नए वस्त्र प्रदान कर सकते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि तथा आर्थिक स्थिरता बनी रहती है.
गुड़ का दान
गुड़ को बेहद शुभ माना जाता है और यह भगवान गणेश का प्रिय भोग भी है. अनंत चतुर्दशी के दिन गुड़ का दान करने से जीवन की अनेक परेशानियाँ दूर हो जाती हैं. आप चाहें तो मंदिर में गुड़ चढ़ा सकते हैं या किसी जरूरतमंद को दान कर सकते हैं. मान्यता है कि इस दान से जीवन में मिठास, सुख-शांति और खुशहाली का आगमन होता है.
नारियल का दान
हिंदू धर्म में नारियल को अत्यंत पवित्र माना गया है और इसका उपयोग हर शुभ कार्य में किया जाता है. बप्पा की विदाई के बाद नारियल का दान करना बेहद फलदायी माना जाता है. आप नारियल को किसी बहती नदी में प्रवाहित कर सकते हैं या किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दे सकते हैं. ऐसा करने से जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
मोदक और मिठाई का दान
मोदक भगवान गणेश का सबसे प्रिय भोग माना जाता है. गणपति विसर्जन के बाद मोदक या अन्य मिठाई का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है. आप मंदिर में या गरीबों के बीच मोदक और मिठाई वितरित कर सकते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस दान से भगवान गणेश का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं.
विसर्जन के बाद दान क्यों ज़रूरी है?
हिंदू धर्म में दान का विशेष महत्व है. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सुखकर्ता कहा गया है. जब भक्त उन्हें भावनाओं के साथ विदा करते हैं, तो दान-पुण्य का कार्य उनकी प्रसन्नता का साधन माना जाता है. मान्यता है कि यह दान घर से दरिद्रता को दूर कर देता है, सौभाग्य की वृद्धि करता है और पूरे वर्ष परिवार पर बप्पा की कृपा बनी रहती है.
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गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता और सुखकर्ता कहा जाता है. मान्यता है कि जब उन्हें श्रद्धा और भावनाओं के साथ विदा किया जाता है, तो दान-पुण्य करने से उनका आशीर्वाद विशेष रूप से प्राप्त होता है. इससे आर्थिक स्थिरता आती है, सुख-शांति की प्राप्ति होती है, नकारात्मकता का अंत होता है और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं.
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