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परमाणु खतरे से निपटने के लिए तैयार भारत, DRDO ने नौसेना को सौंपे 6 अत्याधुनिक स्वदेशी सिस्टम, जानें कैसे करेंगे काम

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय नौसेना को परमाणु, जैविक और रासायनिक (NBC) खतरों की निगरानी और सुरक्षा के लिए छह अत्याधुनिक स्वदेशी उत्पाद सौंपे हैं. इनमें GRASS, ESV, VRCMS, UGRMS, DECCOM और ORDS शामिल हैं.

15 Jul, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
02:16 AM )
परमाणु खतरे से निपटने के लिए तैयार भारत, DRDO ने नौसेना को सौंपे 6 अत्याधुनिक स्वदेशी सिस्टम, जानें कैसे करेंगे काम
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय नौसेना को परमाणु, जैविक और रासायनिक (NBC) खतरों की निगरानी और सुरक्षा के लिए छह अत्याधुनिक स्वदेशी उत्पाद सौंपे हैं. ये सभी उपकरण न्यूक्लियर क्वालिटी स्टैंडर्ड्स (NSQR) के अनुरूप डिज़ाइन और विकसित किए गए हैं, जो NBC परिदृश्यों में उच्च स्तर की विश्वसनीयता सुनिश्चित करते हैं.
 
इस अवसर पर एक विशेष समारोह जोधपुर स्थित डिफेंस लैबोरेटरी में आयोजित किया गया, जहां रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (DDR&D) के सचिव और DRDO के चेयरमैन ने इन उपकरणों को भारतीय नौसेना मुख्यालय के एसीएनएस (SSP) रियर एडमिरल श्रीराम अमूर को औपचारिक रूप से सौंपा.
 
DRDO ने नौसेना को सौंपे छह स्वदेशी NBC सुरक्षा उपकरण 
भारतीय नौसेना को DRDO द्वारा सौंपे गए छह अत्याधुनिक स्वदेशी उत्पाद परमाणु, जैविक और रासायनिक (NBC) खतरों की निगरानी और प्रतिक्रिया क्षमताओं को नई ऊंचाई देंगे. ये सभी उपकरण न्यूक्लियर क्वालिटी स्टैंडर्ड्स (NSQR) के अनुरूप विकसित किए गए हैं. आइए, जानते हैं इन छह प्रमुख उपकरणों के बारे में:
 
1. गामा रेडिएशन एरियल सर्विलांस सिस्टम (GRASS)
यह प्रणाली हवाई निगरानी के ज़रिए रेडिएशन की उपस्थिति का पता लगाती है. सीमावर्ती क्षेत्रों या किसी परमाणु घटना के बाद हालात का आकलन करने में यह उपकरण अत्यंत उपयोगी है.

 
2. एनवायरनमेंटल सर्विलांस व्हीकल (ESV)
इस मोबाइल प्लेटफॉर्म में अत्याधुनिक सेंसर लगे हैं, जो रेडियोधर्मी, रासायनिक और जैविक खतरों की निगरानी कर सकते हैं. यह वाहन आपात स्थितियों में त्वरित और विश्वसनीय डेटा प्रदान करता है.

 
3. व्हीकल रेडियोलॉजिकल कंटैमिनेशन मॉनिटरिंग सिस्टम (VRCMS)
यह उपकरण सैन्य वाहनों में रेडियोधर्मी संदूषण की पहचान करता है, जिससे मिशन के दौरान चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

 
4. अंडरवाटर गामा रेडिएशन मॉनिटरिंग सिस्टम (UGRMS) यह प्रणाली समुद्र के भीतर रेडिएशन की निगरानी में सक्षम है और नौसेना संचालन के दौरान समुद्री पर्यावरण की रक्षा में अहम भूमिका निभाएगी.

 
5. डर्ट एक्सट्रैक्टर और क्रॉस कंटैमिनेशन मॉनिटर (DECCOM)
यह उपकरण संदूषण की सफाई और निगरानी दोनों का काम करता है. इसे सैन्य अड्डों और नौसैनिक जहाजों पर प्रभावी रूप से उपयोग किया जा सकता है.

 
6. ऑर्गन रेडियोएक्टिविटी डिटेक्शन सिस्टम (ORDS)
यह सिस्टम किसी व्यक्ति—विशेषकर सैन्य कर्मियों—के शरीर में रेडियोधर्मी तत्वों की मौजूदगी का सटीक रूप से पता लगाता है.

 
इस अवसर पर भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी रियर एडमिरल श्रीराम अमूर ने DRDO का आभार व्यक्त करते हुए कहा,
"ये स्वदेशी उपकरण हमारी NBC सुरक्षा क्षमताओं में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे और नौसेना की ऑपरेशनल तत्परता को और मजबूत बनाएंगे."

 

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