'ताकि सुबह नमाजियों की...', CDS अनिल चौहान ने किया ऑपरेशन सिंदूर की 'टाइमिंग' पर बड़ा खुलासा, बताया क्यों चुनी रात 1.30 बजे की घड़ी
CDS जनरल अनिल चौहान रांची में एक कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि 7 मई की रात 1:00–1:30 बजे आतंकी ठिकानों पर हमला इसलिए किया गया ताकि टेक्नोलॉजी का लाभ उठाते हुए आतंकियों को निशाना बनाया जा सके और निर्दोष नागरिकों की जान सुरक्षित रखी जा सके. अगर हमला सुबह करते तो नमाज के लिए निकले लोग भिमारे जाते इसलिए कार्रवाई का समय रात में चुना गया.
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना की ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर जो तबाही मचाई, उसने पूरी दुनिया को यह संदेश दे दिया कि भारत अपने नागरिकों और अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए हर हद तक जा सकता है. अब इस ऑपरेशन की टाइमिंग को लेकर चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने बड़ा खुलासा किया है.
दरअसल, जनरल चौहान झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे थे. यहां उन्होंने एक विशेष कार्यक्रम में शिरकत की और कई अहम मुद्दों पर खुलकर बात की. इस दौरान उन्होंने बताया कि आखिर क्यों भारतीय सेना ने आधी रात 1:00 से 1:30 बजे के बीच दुश्मन के ठिकानों पर हमला किया. उन्होंने न केवल ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि साझा की बल्कि सेना की ईमानदारी, तकनीकी क्षमता और नागरिकों के प्रति संवेदनशीलता पर भी जोर दिया.
संतुलन के साथ सेना ने किया काम
सीडीएस अनिल चौहान ने बताया कि इसमें हमारे जवानों और नागरिकों की शहादत ने पूरे देश को झकझोर दिया. इसके जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की योजना बनाई और पाकिस्तान की सरजमीं पर मौजूद आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया. जनरल चौहान ने साफ कहा कि भारत की सेना केवल शक्ति का प्रदर्शन नहीं करती बल्कि जिम्मेदारी और संतुलन के साथ कदम उठाती है. यही वजह थी कि इस एयर स्ट्राइक को रात के समय अंजाम दिया गया.
रात 1:00–1:30 बजे क्यों हुआ हमला?
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के लिए रात का समय चुनने के पीछे दो बड़ी वजहें थीं. पहला तो तकनीकी भरोसा, भारतीय सेना को अपनी टेक्नोलॉजी, सिग्नल इंटेलिजेंस और सैटेलाइट इमेजरी पर पूरा विश्वास था. उन्हें यकीन था कि अंधेरे में भी लक्ष्य का सटीक पता लगाया जा सकता है और दुश्मन के ठिकानों को तबाह किया जा सकता है. और दूसरा बड़ा कारण नागरिक सुरक्षा, जनरल चौहान ने जोर देकर कहा कि भारतीय सेना कभी भी निर्दोष नागरिकों की जान खतरे में नहीं डालती. अगर हमला सुबह 5:30–6:00 बजे के बीच होता, जब नमाज़ का समय होता है, तो बहावलपुर और मुरिदके जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में लोग बाहर निकलते. ऐसे में नागरिक हताहत होने का खतरा था. इसीलिए ऑपरेशन का समय आधी रात चुना गया ताकि आतंकियों को निशाना बनाया जा सके और निर्दोष लोगों को कोई नुकसान न पहुंचे.
#WATCH | Ranchi, Jharkhand: CDS Gen Anil Chauhan says, "... On the 7th (of May), the terrorist targets we had chosen, we struck them between 1:00 and 1:30 at night… Why did we strike at 1:30 at night? That is the darkest time, it would be the most difficult to get satellite… pic.twitter.com/Rxtuubk8Kg
— ANI (@ANI) September 18, 2025
सेना में नहीं है नेपोटिज्म: CDS अनिल चौहान
कार्यक्रम के दौरान जनरल चौहान ने युवाओं को सेना से जुड़ने का संदेश भी दिया. उन्होंने कहा कि सेना ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां नेपोटिज्म या सिफारिश की कोई जगह नहीं है. यहां केवल आपकी काबिलियत, ईमानदारी और देशभक्ति को महत्व दिया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि इस साल प्राकृतिक आपदाओं की संख्या सामान्य से कहीं अधिक रही और सेना ने हर बार नागरिकों की मदद के लिए सबसे पहले पहुंचकर राहत कार्य किए.
टेक्नोलॉजी से बनी नई सैन्य रणनीति
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की तकनीकी क्षमता और आधुनिक रणनीति की मिसाल बन गया. यह पहली बार था जब इतनी सटीकता के साथ रात में लंबी दूरी तक स्ट्राइक की गई. जनरल चौहान ने कहा कि आज की सेना सिर्फ ताकत का नाम नहीं है. यह ईमानदारी, जिम्मेदारी और आधुनिकता का संगम है. हमारी सेना ने साबित कर दिया कि तकनीक का सही इस्तेमाल करके कैसे आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा सकता है और साथ ही नागरिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकती है.
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बताते चलें कि जनरल अनिल चौहान का यह खुलासा युवाओं के लिए भी प्रेरणा है कि सेना केवल शक्ति का प्रतीक नहीं बल्कि ईमानदारी, जिम्मेदारी और देशभक्ति की सच्ची मिसाल है. भारत ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो तो भारतीय सेना हर चुनौती का डटकर सामना करने के लिए तैयार है.
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