Advertisement

10 करोड़ के गहने लूटे, फिर गोशाला में 11 लाख दान का ड्रामा, ऐसे धरे गए तमिलनाडु लूटकांड के मास्टरमाइंड

चेन्नई में व्यापारी को बंदूक की नोक पर लूटने वाले ये लूटेरे मध्य प्रदेश में आकर उन्हीं रुपयों को धर्मार्थ के कार्यों में लगा रहे थे. इन लोगों ने 11 लाख रुपए हरियाणा, मुरैना, ग्वालियर समेत कई गोशालाओं और गरीबों में दान कर दिए लेकिन पुलिस की सक्रियता ने पूरा खेल बिगाड़ दिया.

Author
08 Oct 2025
( Updated: 11 Dec 2025
02:03 PM )
10 करोड़ के गहने लूटे, फिर गोशाला में 11 लाख दान का ड्रामा, ऐसे धरे गए तमिलनाडु लूटकांड के मास्टरमाइंड

10 करोड़ की लूट फिर उस पैसे से लाखों का दान और कोशिश रॉबिनहुड बनने की, लेकिन मंशा कुछ और, तमिलनाडु के त्रिची में हुए लूटकांड ने हर किसी को हैरान कर दिया. इस पूरे खेल को बेहद ही शातिराना तरीके से गैंग बनाकर अंजाम दिया गया. क्या है ये पूरा मामला, कैसे शातिर लूटेरों ने लूट का स्वरूप ही बदल दिया और कैसे अपने ही जाल में फंस गए. जानते हैं पूरी कहानी.

13 सिंतबर 2025 को तमिलनाडु के त्रिची में चेन्नई के एक ज्वैलर अपने साथी महेश और ड्राइवर प्रदीप के साथ डिंडीगुल से चेन्नई जा रहे थे. इस दौरान एक ब्लैक कार में सवार लोगों ने उनकी गाड़ी को रोका और ड्राइवर की आंख में मिर्ची झोंककर बंदूक की नोक पर लूट को अंजाम दिया. आरोपी कार में मौजूद 10 किलो सोना और तीन लाख कैश लूटकर फरार हो गए

दो दिन में आरोपियों तक कैसे पहुंची पुलिस? 

इस मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है. पांच आरोपी दो दिन के अंदर तमिलनाडु से ही गिरफ्तार किए गए. जबकि बाकी के दो को मध्य प्रदेश के बड़वानी से दबोचा गया. इन्हीं दो लूटेरों के पास लूटा हुआ सारा सोना था. पुलिस ने इनके पास से करोड़ों की कीमत वाले सोने के बिस्किट, कैश और पिस्टल बरामद की है. मध्य प्रदेश से गिरफ्तार लूटेरे में से एक महज 18 साल का है. जिसका नाम विक्रम जाट है जबकि दूसरा आरोपी 22 वर्षीय मांगीलाल कानाराम है. 

लूटे हुए गहनों की ईंट क्यों बनवाई?

आरोपियों ने जो सोना लूटा था उसमें मंगलसूत्र, हार, अंगूठी समेत तमाम आभूषण थे लेकिन पुलिस को आरोपियों से इन गहनों के बदले सोने की सोने के बिस्किट या ईंट बरामद हुई. त्रिची में इस बड़ी लूट को अंजाम देने के बाद इस गैंग के कुछ लोग सीधे मुंबई पहुंचे. यहां लूटेरों ने गोल्ड को गलवाकर इसके बिस्किट बनवा लिया. जबकि कुछ गहनों के बदले कैश ले लिया

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि मुंबई में इन्होंने तीन किलो सोना गलवाया था. इसके 11 नग बिस्किट बनवाए. जिसका वजन करीब ढाई किलो था. बचा हुआ आधा किलो सोना इन लोगों ने सोना गलाने वालों को दे दिया. इसके बदले उन्होंने महज 15 लाख रुपए कैश लिए. इसके पीछे आरोपियों की मंशा अपना बोझ कम करने की थी. क्योंकि भारी मात्रा में लूटे गए गहने एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में दिक्कत हो रही थी.  

गोशालाओं में दान किए लूट के 11 लाख

चेन्नई में व्यापारी को बंदूक की नोक पर लूटने वाले ये लूटेरे मध्य प्रदेश में आकर उन्हीं रुपयों को धर्मार्थ के कार्यों में लगा रहे थे. इन लोगों ने 11 लाख रुपए हरियाणा, मुरैना, ग्वालियर समेत कई गोशालाओं और गरीबों में दान कर दिए. यानी पहले पाप और फिर धर्मांत्मा वाले काम. ताकि भगवान की नजर में इस अपराध को कम किया जा सके, लेकिन कानून की नजर में इस दान को कहीं जगह नहीं दी जा सकती थी. मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, सात राज्यों में इन लूटेरों की तलाश की जा रही थी. आईजी और डीआईजी लेवल के अधिकारी इसकी जांच में जुटे हुए थे.

मध्य प्रदेश में कैसे पकड़े गए त्रिची लूट के आरोपी? 

लूटकांड का खुलासा करते हुए मध्य प्रदेश की निमाड़ रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि त्रिची के एसपी एस सेल्वनागरथिनम की सूचना पर बड़वानी के नागलवाड़ी इलाके में कार्रवाई की गई. उन्होंने बताया कि, सेंधवा शहर, सेंधवा ग्रामीण और नागलवाड़ी थाने के पुलिस दल ने बालसमुद के पास एक यात्री बस को रोका था. बस को रोककर उसमें सवार दो लोगों की तलाशी ली गई थी. इनके पास से करीब 9 किलो 435 ग्राम गहने, सोने के बिस्किट और 3 लाख के करीब कैश बरामद किया गया. आरोपियों के पास से हथियार भी बरामद हुए. गहने बैग में थे जबकि बिस्किट और कैश जेब में थे. दोनों आरोपी राजस्थान के रहने वाले थे. बताया जा रहा है गैंग के सभी सदस्य राजस्थान के ही हैं. जो अलग-अलग जगह लूट की कई वारदात को अंजाम दे चुके हैं. पुलिस ने इन्हें अरेस्ट कर तमिलनाडु पुलिस को सौंप दिया. 

इस मामले में बड़ा खुलासा ये भी हुआ है कि जिस व्यापारी को लूटा गया था उनका ड्राइवर यानी प्रदीप इन लूटेरों से मिला हुआ था. प्रदीप भी राजस्थान का ही रहने वाला था. उससे इनपुट मिलने के बाद ही आरोपियों ने 10 करोड़ से ज्यादा की इस लूट को अंजाम दिया. 

कौन हैं तमिलनाडु से गिरफ्तार हुए पांच लूटेरे? 

तमिलनाडु पुलिस ने जिन 5 आरोपियों को अरेस्ट किया है. उनमें सभी राजस्थान के रहने वाले हैं. इनका नाम राम, कैलाश, हनुमान, मनीष और सोहेल खान है. पुलिस ने इस मामले में धारा 309(4) के तहत केस दर्ज किया था. साथ ही एमपी से अरेस्ट दो आरोपियों पर आर्म्स एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया. 

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि लूट को दान का रूप दिया जाए. इससे पहले तेलंगाना में साल 2019 में लूटेरों ने ATM लूटने के बाद रकम का कुछ हिस्सा अनाथालय और मंदिर में दान किया. इसके अलावा साल 2016 में भी UP में ऐसा ही मामला सामने आया था. जहां यात्रियों से भरी बस को लूटने के बाद डकैटों ने कुछ हिस्सा गरीबों में बांटा. विदेशों में तो ऐसे लूटेरों को रॉबिनहुड की संज्ञा दी गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि अपराध का ये दानवीरकरण क्यों? क्यों अपराधियों के इस दान वाले स्टंट को महिमामंडित किया जाता है? आरोपियों के रॉबिनहुड वाले स्टंट को महानता करार देना कानून को कम आंकना होगा.

 

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
Gautam Khattar ने मुसलमानों की साजिश का पर्दाफ़ाश किया, Modi-Yogi के जाने का इंतजार है बस!
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें