दाऊद का कट्टर दुश्मन, 3 बार एनकाउंटर…फिर भी बच निकला जिंदा, कहानी छोटा राजन के राइट हैंड डीके राव की
90 के दशक में मुंबई में अंडरवर्ल्ड को अपने इशारों पर नचाने वाला डीके राव पुलिस की गिरफ्त में आ गया है. वह तीन बार मौत को टक से छूकर आया. 7-7 गोली खाकर भी जिंदा बचा. डॉन छोटे राजन से उसकी वफादारी इस कदर थी कि उसने जेल में बैठे-बैठे राजन के दुश्मन को रास्ते से हटा दिया.
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80-90 का दशक, जब मायानगरी मुंबई सपनों के शहर के साथ-साथ अंडरवर्ल्ड की राजधानी भी बन गई थी. आधुनिकता के साथ-साथ यहां अंडरवर्ल्ड मानों सिस्टम का हिस्सा बन गया था और इस सिस्टम को अपने इशारों पर नचा रहा था डीके राव. वही डीके राव जो मौत को टक से छूकर तीन बार आया. जो 7-7 गोली खाकर भी जिंदा बच निकला. ये नाम एक बार फिर चर्चा में है. जानिए कहानी दिलीप मल्लेश वोरा उर्फ अमर्त्य राव उर्फ डीके राव की.
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अंडरवर्ल्ड के रैकेट को तोड़ते हुए गैंगस्टर डीके राव को अरेस्ट किया है. क्राइम ब्रांच ने उसके साथ-साथ दो और गुर्गों अनिल सिंह और मिमित भूटा को भी अरेस्ट किया है. तीनों की गिरफ्तारी जबरन वसूली और धमकी से जुड़ा है. मामला 1.25 करोड़ रुपए के लेन-देन से जुड़ा है.
क्या है पूरा मामला और कैसे हुई डीके राव की गिरफ्तारी?
10 अक्टूबर को मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी-एक्सटॉर्शन सेल ने डीके राव को उस वक्त अरेस्ट किया जब वह साउथ मुंबई के सत्र न्यायालय में एक सुनवाई के लिए पहुंचा था. टीम ने उसे कोर्ट परिसर से धर दबोचा. दरअसल, मुंबई के चेंबूर में रहने वाले एक बिल्डर ने एक शख्स से 1.25 करोड़ रुपए लिए थे. जब शख्स ने बिल्डर से अपने रुपए मांगे तो वह धमकाने लगा. इसके लिए उसने डीके राव और उसकी गैंग की मदद ली. बताया जा रहा है राव ने अपने साथियों अनिल सिंह और मिमित भूटा के साथ मिलकर बिल्डर को धमकी दी. पुलिस ने मामले की जांच की और डीके राव पर शिकंजा तेज कर दिया. डीके गैंग पर पुलिस की ये बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.
कौन है गैंगस्टर डीके राव?
डीके राव का जन्म मुंबई के माटुंगा इलाके में हुआ था. परिवार की आर्थिक हालत बेहद तंग थी. बचपन चोल में बीता और डीके राव ने चोरी, लूट, छिनतई जैसी वारदात को अंजाम देना शुरू कर दिया, लेकिन वो छोटी-मोटी वारदात से अंडरवर्ल्ड की गहराई में कब जा पहुंचा पता भी नहीं चला.
1980-90 के बीच डीके राव ने अडंरवर्ल्ड की दुनिया में पहली बार कदम रखे. छोटा राजन की गैंग से जुड़कर डीके वोरा ने छोटी मोटी से लूट से सीधे बैंक में डाका डाला. 80 का दशक जाते जाते डीके राव खौफ का बड़ा चेहरा बन गया था. लूट, रंगदारी, किडनैपिंग, फिरौती, जबरन वसूली और धमकी उसका पेशा थी. कई आपराधिक वारदातों में वह जेल भी गया लेकिन जेल से छूटते ही वापस उन्हीं कामों में लिप्त हो जाता था. जब वह छोटा राजन की गैंग से जुड़ा और दाऊद को खटकने लगा. एक समय में डीके राव को छोटा राजन का राइट हैंड माना गया था. उसने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के नाम में दम कर दिया था.
कैसे बना दाऊद इब्राहिम का दुश्मन?
साल 1993 के मुंबई बम धमाकों के बाद जब छोटा राजन दाऊद से अलग हो गया था. उस समय डीके राव ने छोटा राजन को चुना और दाऊद के खिलाफ कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया. बताया जाता है डीके राव को छोटा शकील ने दाऊद के साथ आने की पेशकश की थ, लेकिन उसने छोटा राजन को चुना और दाऊद का दुश्मन बन गया. दाऊद की डी कंपनी ने कई बार उसे मारने की कोशिश की, राव हर बार बच निकलता. छोटा राजन के मुंबई छोड़ने के बाद भी डीके राव मुंबई में आराम से रहा. छोटा राजन के पकड़े जाने के बाद डीके राव ने मुंबई में अपनी गैंग भी बनाई.
पुलिस एनकाउंटर में तीन बार बचा डीके राव
डीके राव पर हत्या, हत्या की कोशिश, रंगदारी, किडनैपिंग जैसे संगीन मामलों में 30 केस दर्ज हैं. वह कई बार पुलिस के निशाने पर आया. डीके राव संभवत अंडरवर्ल्ड का इकलौता ऐसा गैंगस्टर है जिसका 3 बार एनकाउंटर हुआ और वह हर बार बच निकला. एक एनकाउंटर में तो डीके राव ने मरने का नाटक कर पुलिस को चकमा दिया.
पहला एनकाउंटर इंस्पेक्टर अनिल महाबोले के साथ हुआ तो दूसरा लेडी इंस्पेक्टर मदुला लाड के साथ हुआ. वहीं, राव को तीसरे एनकाउंटर में पुलिस की 7 गोलियां लगीं. इसके बावजूद वह बच निकला. एनकाउंटर के दौरान ही उसे डीके राव नाम से जाना गया. जब पुलिस की गोली लगने से वह घायल हुआ तो उसके जेब से एक फर्जी बैंक आईडी मिली. जिसमें उसका नाम डीके राव था. तभी से गैंगस्टर को डीके राव कहा जाने लगा. डीके राव इतना शातिर था कि वह खूनी गैंगवार से भी कई बार बच निकला.
जेल में रहकर भी अपराध की दुनिया में एक्टिव रहा
डीके राव ने 3 दशक में ज्यादातर समय जेल में ही बिताया. साल 2013 में चर्चित अजय गोसालिया फायरिंग केस में भी डीके राव का नाम सामने आया था. फिर एक हत्या के मामले में वह जेल गया. तीन साल बाद 2016 में वह जेल से लौटा और फिर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा. एक ही साल में वह फिर जेल गया. इस बार मामला बिल्डर को धमकाने और रंगदारी का था. डीके राव ने अंटॉप हिल के SRA प्रोजेक्ट को रोकने के लिए बिल्डर को धमकी दी और 50 लाख की रंगदारी मांगी.
Mumbai Crime Branch's Anti-Extortion Cell arrested gangster DK Rao. A builder from Chembur had sought Rao's help to recover unpaid money. Rao allegedly threatened the debtor for over ₹1.25 crore. A police complaint led to an extortion and threat case, resulting in Rao's arrest… pic.twitter.com/eFtJZw1dhK
— IANS (@ians_india) October 10, 2025
जेल से करवाई छोटे राजन के दुश्मन की हत्या
साल 2002 में छोटा राजन और उसके सहयोगी ओपी सिंह के बीच दूरी आ गई. छोटा राजन पर उसके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगा था. उस समय ओपी सिंह नासिक जेल में बंद था. जबकि डीके राव दूसरी जेल में था. उसने अपने गिरोह के कुछ साथियों समेत अपना ट्रांसफर नासिक जेल में करवा लिया और ओपी सिंह की हत्या कर दी. जेल उसके लिए सजा नहीं बल्कि आराम की जगह बनती रही. जेल के भीतर और बाहर जरायम में उसका सिक्का हमेशा चलता रहा.
डीके राव अपराध का वो नाम है जिसने खौफ से अपनी किस्मत लिखी और हर बार मौत को मात दी. अब एक बार फिर जरायम की दुनिया का बड़ा नाम डीके राव पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है. पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में कोर्ट परिसर से डीके राव को अरेस्ट किया. सोशल मीडिया पर डीके राव की गिरफ्तारी के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं.
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