सरकारी नौकरी के लालच में हैवान बना शिक्षक दंपत्ति, 4 दिन के मासूम को जंगल में दफनाया, वजह जानकर खौल उठेगा खून
स्कूल में छात्रों को हर रोज ‘लालच बुरी बला’ का पाठ पढ़ाने वाले छिंदवाड़ा के एक शिक्षक ने लालच में हर हद पार कर दी. यहां एक शिक्षक ने अपने 4 दिन के नवजात बच्चे को जंगल में पत्थरों के नीचे दफना दिया.
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लालच में कोई किस हद तक जा सकता है? क्या लालच किसी को अपने ही बच्चे का हत्यारा बना सकती है? वो भी एक शिक्षक को? मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां सरकारी नौकरी के लालच में एक शिक्षक ने अपने बच्चे को जिंदा दफना दिया.
स्कूल में छात्रों को हर रोज ‘लालच बुरी बला’ का पाठ पढ़ाने वाले छिंदवाड़ा के एक शिक्षक ने लालच में हर हद पार कर दी. यहां एक शिक्षक ने अपने 4 दिन के नवजात बच्चे को जंगल में पत्थरों के नीचे दफना दिया, ताकि बच्चा मर जाए और उसके चौथे बच्चे का पिता बनने का राज राज ही रह जाए. पत्थरों के नीचे दबा बच्चा रोता रहा सुबह हुई तो ग्रामीणों ने उसकी आवाज सुनकर बच्चे को बाहर निकाला. आनन-फानन में बच्चे को अस्पताल ले जाया गया जहां उसे सुरक्षित बचा लिया गया.
नौकरी बचाने के लिए बच्चे की बलि
पुलिस के मुताबिक, आरोपी पिता बबलू डांडोलिया और मां राजकुमारी डांडोलिया दोनों नांदनवाडी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं. दोनों के पहले से तीन बच्चे हैं. हाल ही में चौथा बच्चा हुआ था. सरकारी नियम के तहत शिक्षक की नौकरी के लिए 2 से ज्यादा बच्चे नहीं होने चाहिए. कपल ने सरकारी रिकॉर्ड में पहले से ही एक बच्चे के बारे में नहीं बताया था. अब चौथा बच्चा होने के बाद नौकरी पर ज्यादा खतरा मंडराने लगा. इसीलिए कपल ने प्रेग्नेंसी को भी छिपाया. 23 सितंबर को चौथे बच्चे का जन्म हुआ. इसके 4 दिन बाद 27 सितंबर को कपल ने नवजात को नांदनवाड़ी गांव के जंगल में ले जाकर दफना दिया.
चींटियों, सर्दी, हवा-पानी से लड़ते हुए बच्चा रातभर जूझता रहा. सुबह गांव वालों ने पत्थर हटाए तो नीचे बच्चा दबा था. उन्होंने तुरंत उसे हॉस्पिटल पहुंचाया. इंफेक्शन की वजह से बच्चे की हालत खराब हो गई थी. हालांकि इलाज के बाद बच्चा अब सुरक्षित है. कलयुगी मां बाप मासूम को मारने चले थे लेकिन ग्रामीणों ने उसे नई जिंदगी दे दी.
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पुलिस ने आरोपी माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर अरेस्ट कर लिया. दोनों पर धारा 93 BNS (लावारिस छोड़ना) और हत्या की कोशिश के तहत मामला दर्ज किया गया है. हालांकि ग्रामीणों का आरोप है कि हत्या की कोशिश का मामला पुलिस ने विरोध के बाद जोड़ा है. यहां ये भी सवाल उठता है कि बच्चे को मारना ही था तो कपल ने उसे जन्म ही क्यों दिया? यह घटना बताती है कि लालच खून के रिश्तों, मानवता और ममता का भी गला घोंट सकता है.
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