Advertisement

पीएम मोदी ने 'ई-विटारा' को दिखाई हरी झंडी, कहा - आत्मनिर्भर भारत और हरित भविष्य की दिशा में बड़ा कदम

इस उपलब्धि के साथ भारत अब सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के इलेक्ट्रिक वाहनों का वैश्विक विनिर्माण केंद्र भी बन जाएगा. इसका मतलब है कि भारत में बने ईवी न केवल घरेलू बाजार की जरूरतें पूरी करेंगे, बल्कि दुनियाभर में भी निर्यात किए जाएंगे. इससे देश में रोजगार के नए अवसर, तकनीकी नवाचार और सतत विकास की दिशा में प्रगति तेज होगी.

Image Credit:PM Modi In Ahmedabad

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार, 26 अगस्त को एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत करते हुए भारत में निर्मित मारुति सुजुकी की पहली बैटरी इलेक्ट्रिक कार 'ई-विटारा' को हरी झंडी दिखाई. यह कार्यक्रम गुजरात के हंसलपुर में आयोजित किया गया, जहां से पीएम मोदी ने न केवल ई-विटारा के 100 से अधिक देशों में निर्यात की शुरुआत की, बल्कि भारत के बैटरी निर्माण सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम भी उठाया.

भारत बनेगा हरित गतिशीलता का वैश्विक केंद्र

इस अवसर पर पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि यह दिन भारत की आत्मनिर्भरता और हरित गतिशीलता के क्षेत्र में एक विशेष मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि ई-विटारा पूरी तरह से भारत में बनी एक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV) है, और अब यह दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों में भेजी जाएगी. यह पहल न सिर्फ 'मेक इन इंडिया' को सशक्त बनाएगी बल्कि भारत को ग्रीन मोबिलिटी के एक अंतरराष्ट्रीय हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी बड़ा कदम है.

टीडीएस संयंत्र में शुरू हुआ हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड निर्माण

ई-विटारा के निर्यात के साथ ही पीएम मोदी ने गुजरात स्थित TDS लिथियम-आयन बैटरी संयंत्र में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड के स्थानीय निर्माण की शुरुआत भी की. यह संयंत्र तीन कंपनियों तोशिबा, डेंसो और सुजुकी के संयुक्त सहयोग से बनाया गया है और अब भारत में बैटरियों के उत्पादन की क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा. इसके जरिए अब भारत में लगभग 80 प्रतिशत बैटरियों का निर्माण स्थानीय स्तर पर संभव हो सकेगा, जिससे देश का विदेशी निर्भरता कम होगी और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा.

‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को नई रफ्तार

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि यह पहल भारत को हरित परिवहन (Green Mobility) के वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है. साथ ही यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों को भी सशक्त करता है. ई-विटारा का निर्माण और उसका वैश्विक निर्यात दर्शाता है कि भारत अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक और निर्यातक देश बन रहा है.

भारत बना सुजुकी के ईवी निर्माण का वैश्विक केंद्र

इस उपलब्धि के साथ भारत अब सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के इलेक्ट्रिक वाहनों का वैश्विक विनिर्माण केंद्र भी बन जाएगा. इसका मतलब है कि भारत में बने ईवी न केवल घरेलू बाजार की जरूरतें पूरी करेंगे, बल्कि दुनियाभर में भी निर्यात किए जाएंगे. इससे देश में रोजगार के नए अवसर, तकनीकी नवाचार और सतत विकास की दिशा में प्रगति तेज होगी.

Advertisement

Advertisement