Advertisement

अगर आपको अपनी कार की उम्र बढ़ानी है तो तुरंत माइलेज को करवाएं चेक, इन टिप्स को करें फॉलो

Car Tips: पेट्रोल इंजन और कारो की तुलना में कुछ महंगी होती है , लेकिन माइलेज काफी अच्छी मिल जाती है , जिसकी वजह से लोग डीज़ल कारो को खरीदना पसंद करते है।

30 Dec, 2024
( Updated: 30 Dec, 2024
12:32 PM )
अगर आपको अपनी कार की उम्र बढ़ानी है तो तुरंत माइलेज को करवाएं चेक, इन टिप्स को करें फॉलो
Google

Car Tips: एक तरह जहा डीज़ल इंजन वाली कारो की रनिंग कास्ट पेट्रोल कारो की तुलना में सस्ती पड़ती है। लेकिन डीज़ल इंजन वाकई कारो को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है।  क्योकि डीज़ल इंजन का ज्यादा पावरफुल होना एक बड़ी वजह है।पेट्रोल इंजन और कारो की तुलना में कुछ महंगी होती है , लेकिन माइलेज काफी अच्छी मिल जाती है , जिसकी वजह से लोग डीज़ल कारो को खरीदना पसंद करते है।  लेकिन इस बात पर भी ध्यान देना होगा की डीज़ल कारो की समय पर सर्विस न की जाए तो ये आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है और काफी प्रदूषण भी करती है।  यहां हम आपको कुछ डीज़ल से जुडी कारो की बेहतर देखभाल के लिए कुछ जरुरी टिप्स देने जा रहे है।  आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ......

एयर फ़िल्टर की सफाई 

वही आपको बात दें , अगर समय पर एयर फ़िल्टर की सफाई न की जाए तो इंजन को काफी नुकसान हो सकता है और साथ में माइलेज में भी गिरवाट देखने को मिलती है।  एयर फ़िल्टर का इस्तेमाल सभी इंटरनल कम्बुशन इंजन वाली कारो में इस्तेमाल होता है।  और ये फ़िल्टर इंजन की सेफ्टी के लिए भी बेहद जरुरी भी होता है।  इसलिए समय समय पर इसकी सफाई जरुरी है।  इसके ज्यादा गंदे होने पर इंजन के परफॉरमेंस ख़राब होने लगती है।  

कुल्लेट बदले 

डीज़ल इंजन कारे , पेट्रोल इंजन के कारो में जल्दी हीट होती है।  इसलिए समय समय पर डीज़ल इंजन वाली कारो में कुल्लेट की मात्रा चेक करते रहना चाहिए , वही अगर कुल्लेट की मात्रा कम हो जाए तो टॉप अप करे ताकि इंजन ओवर हीट से बच सके, और आपकी कार बेहतर परफॉरमेंस देती रहे।  आपको बता दें , कुल्लेट का काम इंजन को ठंडा करने का होता है।  

फ्यूल फ़िल्टर 

डीज़ल इंजन  की सफाई के लिए फ्यूल फ़िल्टर लगाया जाता ही।  अगर आप ऐसी जगह पर गाडी ज्यादा चलाते है , जहा धूल - मिटटी ज्यादा होती है तो वहा पर गाडी में लगे फ्यूल फ़िल्टर को समय समय पर चेक करते रहना जरुरी बनता है।  इसकी अनदेखी करने पर कचरा इंजन तक पहुँच सकता है , जिसकी वजह से इंजन में परेशानी आ सकती है।

इंजन आयल

डीज़ल कार में इंजन आयल को हर 5 ,000 से 7 ,500 किलोमीटर के बीच बदलवाना चाहिए।  अगर कार में सिंथेटिक इंजन आयल है , तो इसे 10 ,000 से 15 ,000 किलोमीटर के बच बदलाव चाहिए।  लेकिन अगर समय से पहले आयल कम हो गया हो या काला पड़ गया हो तो टॉप अप भी करवा सकते है।  इस बात का भी ध्यान रखे , की आयल चेंज करवाने के साथ ही आयल फ़िल्टर भी चेंज करे।    

LIVE
Advertisement
जब Modi सत्ता में आए तो अरब देशों से भारत के रिश्ते बिगड़ने का डर था ? Lalit Mishra
Advertisement
Advertisement