'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे...', 'ट्रंप टैरिफ' के आगे नहीं झुका भारत तो गीदड़भभकी देने पर उतारू हुआ अमेरिका, कहा- नहीं देंगे कोई रियायत
भारत और अमेरिका के बीच आपसी संबंध एक बार फिर खराब हो गई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से निर्यात होने वाले सामान पर 50% टैरिफ लगा दिया है. इस बीच अमेरिका की नेशनल इकनॉमिक काउंसिल के डायरेक्टर और व्हाइट हाउस के सलाहकार केविन हैसेट ने कहा है कि अगर भारत ने अमेरिकी उत्पादों के लिए बाजार नहीं खोला, तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपना रुख नरम नहीं करेंगे.
Follow Us:
वो कहावत है ना- उल्टा चोर कोतवाल को डांटे... अमेरिकी सलाहकार केविन हैसेट ने बुधवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर भारत पीछे नहीं हटता है तो मुझे नहीं लगता कि राष्ट्रपति ट्रंप भी कोई रियायत देंगे.
भारत पीछे नहीं हटा तो अपना रवैया कड़ा करेंगे ट्रंप
केविन हैसेट ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान भारत पर अपने बाजार अमेरिकी उत्पादों के लिए न खोलने की जिद का आरोप लगाया और संकेत दिया कि अगर भारत ने पीछे हटने से इनकार किया तो राष्ट्रपति ट्रंप अपना रवैया और कड़ा कर सकते हैं. हैसेट ने कहा, "मुझे लगता है कि यह एक जटिल रिश्ता है. इसका एक हिस्सा रूस पर दबाव डालने की हमारी कोशिश से जुड़ा हुआ है, ताकि शांति समझौता हो सके और लाखों जानें बचाई जा सकें. और फिर भारत का अपने बाजार खोलने में अडियल रवैया भी इसमें शामिल है."
Director of the National Economic Council, Kevin Hassett:
— Journalist V (@OnTheNewsBeat) August 27, 2025
"If the Indians don't budge (on market access), then I don't think President Trump will either.."
It's about market access for BigAg pic.twitter.com/ID5UsHrhHN
बता दें कि उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन ने पुष्टि करते कि है की भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बुधवार से 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप के 6 अगस्त के कार्यकारी आदेश के बाद यह कदम उठाया गया है. इसके पीछे का कारण भारत का रूसी तेल खरीदना और व्यापार समझौते में देरी बताया गया है.
धैर्य को कमजोरी ना समझा जाए
अमेरिकी सलाहकार ने बातचीत को लंबी प्रक्रिया बताते हुए कहा कि धैर्य को कमजोरी न समझा जाए. जब आप व्यापार वार्ताओं को देखते हैं, तो एक सबक यह है कि आपको हमेशा लंबी दूरी पर नजर रखनी होती है और यह समझना होता है कि अंतिम समझौते से पहले उतार-चढ़ाव आते रहेंगे.
यह भी पढ़ें
इससे पहले अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भी द्विपक्षीय संबंधों पर बात करते हुए कहा कि यह रिश्ते जटिल जरूर हैं, लेकिन उन्हें भरोसा है कि अंततः दोनों देश एक साथ आएंगे. एक चैनल को दिए एक इंटरव्यू में बेसेंट ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मई या जून तक भारत के साथ एक व्यापार समझौता हो जाएगा. उन्होंने बताया कि भारत का रुख दिखावटी है. यह उनके पहले के बयानों से अलग है, जब उन्होंने कहा था कि भारत बातचीत में कुछ हद तक असहयोगी रहा है. बेसेंट ने कहा, "यह एक बेहद जटिल रिश्ता है. पीएम मोदी और ट्रंप के बीच शीर्ष स्तर पर बहुत अच्छे संबंध हैं. भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था. मुझे पूरा विश्वास है कि अंत में हम साथ आएंगे."
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें