Advertisement

पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं के लिए शुरू किया 'जिहादी कोर्स', आतंकी मसूद अजहर की बहन दे रही ट्रेनिंग

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकी समूह जैश-ए- मोहम्मद ने अपने आतंकी समूह को चलाने और धन इकट्ठा करने के लिए 'जिहादी' कोर्स की शुरुआत की है. आतंकी संगठन के इस कोर्स का मकसद 'महिला ब्रिगेड' में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की भर्ती करना है. इस कोर्स में मुख्य भूमिका आतंकवादी मसूद अजहर की बहन के अलावा कमांडो की कई अन्य रिश्तेदार भी शामिल हैं.

पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन 'जिहादी' कोर्स शुरू किया है. इस कोर्स का नाम 'तुफात अल मुमिनात' है. कोर्स का नेतृत्व आतंकवादी मसूद अजहर की बहनें और उमर फारूक की पत्नी करेंगी. मीडिया में सामने आए दस्तावेजों के आधार से पता चला है कि आतंकी समूह ने धन इकट्ठा करने के लिए और महिला ब्रिगेड में अधिक से अधिक महिलाओं की भर्ती के लिए यह ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी की है. 

आतंकवादी संगठन 'जैश-ए-मोहम्मद' ने 'जिहादी' कोर्स शुरू किया

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकी समूह जैश-ए- मोहम्मद ने अपने आतंकी समूह को चलाने और धन इकट्ठा करने के लिए जिहादी कोर्स की शुरुआत की है. आतंकी संगठन के इस कोर्स का मकसद महिला ब्रिगेड में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की भर्ती करना है. इस कोर्स में आतंकवादी मसूद अजहर और उसकी बहन के अलावा कमांडो की कई अन्य रिश्तेदार भी शामिल हैं, इसके जरिए संबंधित महिलाएं प्रतिभागियों को जिहाद, धर्म और इस्लाम के नजरिए से अवगत कराएंगी. इनमें महिलाओं को रोजाना 40 मिनट की ऑनलाइन 'जिहाद' की ट्रेनिंग दी जाएगी. 

ट्रेनिंग से जुड़ी खबर पहले ही सामने आई 

दरअसल, कुछ समय पहले भी इस तरह की रिपोर्ट सामने आई थी कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित जैश-ए-मोहम्मद एक 'महिला ब्रिगेड' तैयार कर रहा है, जिसका नाम 'तुफात उल मुमिनात' दिया गया है, संगठन द्वारा शुरू किए गए इस जिहादी कोर्स की फीस 500 रुपए निर्धारित की गई है. 

'तुफात उल मुमिनात' के गठन की घोषणा की

बता दें कि मसूद अजहर ने 8 अक्टूबर को जैश-ए-मोहम्मद की महिला ब्रिगेड 'तुफात उल मुमिनात' के गठन की घोषणा की थी. 19 अक्टूबर को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रावलकोट में महिलाओं को समूह में शामिल करने के लिए 'दुख्तरान इस्लाम नामक' एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था. 

महिलाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में चरमपंथी गुट महिलाओं का अकेले बाहर जाना अनुचित मानते हैं. यही वजह है कि जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन महिलाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहा है, ताकि वह ISIS, हमास, लिट्टे की तर्ज पर पुरुष आतंकवादी ब्रिगेड के साथ महिला को भी ट्रेनिंग दे सके और महिला ब्रिगेड बना सके. आतंकी संगठन का मकसद महिलाओं को ट्रेनिंग देकर आत्मघाती फिदायीन हमले के लिए उनका इस्तेमाल करना है.  

कौन है महिला ब्रिगेड की कमांडर?

नए ढांचे का नेतृत्व जैश-ए-मोहम्मद के वरिष्ठ नेताओं विशेष रूप से मसूद अजहर की बहनों सादिया और समायरा अजहर कर रही हैं. इसके अलावा एक और कमांडर फारूक की पत्नी और उनकी महिला रिश्तेदारों को सौंपी गई है. 

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →