'माशाल्लाह, न्यूक इंडिया...', अमेरिकी चर्च में गोलीबारी के आरोपी के हथियार पर लिखा था भारत विरोधी संदेश, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं तस्वीरों में दावा
अमेरिका के मिनियापोलिस में स्थित एक चर्च में हुए हमले में दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि 17 लोग घायल हैं. हमलावर ट्रांसजेंडर था और उसके हथियार और मैगेजीन पर माशाल्लाह और Nuke India जैसे भारत विरोधी संदेश लिखे हुए थे, हालांकि इस पर पुलिस के आधिकारिक बयान का इंतजार है.
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अमेरिका के मिनियापोलिस राज्य के एक कैथोलिक चर्च पर हुए इस हमले में आठ और दस साल के दो बच्चों की मौत हो गई और 17 लोग घायल हो गए. चर्च के स्कूल के छात्र शैक्षणिक वर्ष के उद्घाटन के उपलक्ष्य में आयोजित प्रार्थना सभा में शामिल हुए थे. पुलिस ने बताया कि मारे गए लोगों में से तीन 80 साल से ज्यादा उम्र के थे और प्रार्थना सभा में शामिल होने आए थे. हमलावर ट्रांसजेंडर था और उसके हथियार पर भारत के लिए एक नफरत भरा संदेश भी था. कहा जा रहा है कि उसकी बंदूक पर बहुत सारे संदेश लिखे थे जिसमें भारत के लिए भी कथित तौर पर नफरती संदेस लिखे गए थे. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों के अनुसार इस पर अंग्रेजी में 'न्यूक इंडिया' और उसके ऊपर गलत रूसी भाषा में 'किल योरसेल्फ' लिखा था. हांलांकि इस तस्वरी की सत्यता की पुष्टि नहीं हो पाई है.
हमलावर के हथियार पर लिखे गए हैरान करने वाले संदेश
वहीं एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में X यूजर Eyal Yakoby (@EYakoby) ने हमलावर की बंदूक की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए दावा किया कि उस पर "माशाल्लाह" भी लिखा था, हालांकि इसकी भी पुष्टि नहीं हो पाई है कि ये तस्वीर और दावे कितने सच हैं. इसके अलावा यूजर ने आगे कहा कि हमलावर की गन पर "60 लाख पर्याप्त नहीं थे", "Israel Must Fall" के साथ-साथ ट्रंप को लेकर भी कई चीजें लिखी हुईं थीं. यहां ये बताना जरूरी है कि ये तस्वीरें अमेरिका से ही आ रही हैं, NMF News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आपको ये भी बता दें कि ट्रांसजेंडर हमलावर के बारे में सिलिसिलेवार ट्वीट करने वाले इस यूजर की प्रोफाइल देखने पर पता चला कि ये ट्रंप का भी करीबी है.
'पुलिस ने कर ली है हमलावर की पहचान'
पुलिस ने बताया कि हमलावर (जिसकी पहचान रॉबिन वेस्टमैन के रूप में हुई है) ने सेमी ऑटोमेटिक हथियार से गोलीबारी की. गोलीबारी उस समय हुई जब स्कूल में किंडरगार्टन से आठवीं कक्षा तक के बच्चे प्रार्थना कर रहे थे. इसी दौरान अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी गई.
दो बच्चों की हुई मौत, 17 घायल
चर्च पर हुए इस हमले में आठ और दस साल के दो बच्चों की मौत हो गई और 17 लोग घायल हो गए. चर्च के स्कूल के छात्र शैक्षणिक वर्ष के उद्घाटन के उपलक्ष्य में आयोजित प्रार्थना सभा में शामिल हुए थे. पुलिस ने बताया कि मारे गए लोगों में से तीन 80 साल से ज्यादा उम्र के थे और प्रार्थना सभा में शामिल होने आए थे.
कौन है हमलावर?
स्कूल के एक प्रकाशन के अनुसार, हत्यारे ने 2017 में बतौर रॉबिन वेस्टमैन इसी स्कूल में आठवीं तक की पढ़ाई की थी, और फिर 2020 में खुद को एक ट्रांसजेंडर लड़की घोषित कर दिया था और फिर कानूनी तौर पर अपना नाम बदल लिया था. उसने जो वीडियो अपलोड किया था, उसमें उसने कई नफरत भरे संदेश दिखाए थे, जिनमें "डोनाल्ड ट्रंप को अभी मार डालो" भी शामिल था, जो उसने इस्तेमाल किए गए हथियारों पर लिखे थे. हत्यारे ने लैटिनो, अफ्रीकी अमेरिकियों, यहूदियों और इजरायल के खिलाफ भी नफरत भरे संदेश लिखे थे.
समाचार एजेंसी IANS ने भी की वायरल वीडियो की जांच
पुलिस के अनुरोध पर उसके अपलोड किए गए वीडियो हटा दिए गए, लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी प्रतियां उपलब्ध थीं, और IANS एजेंसी ने भी वीडियो की बारीकी से जांच की तो भारत विरोधी संदेश का पता चला. वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि होमलैंड सचिव क्रिस्टी नोएम ने की, जिन्होंने एक एक्स पोस्ट में वीडियो में देखे गए हथियारों पर पाए गए कुछ लेखन का उल्लेख किया.
नोएम ने पोस्ट किया, "इस हत्यारे ने एक राइफल मैगजीन पर 'बच्चों के लिए,' 'तुम्हारा भगवान कहां है?' और 'डोनाल्ड ट्रंप को मार डालो' जैसे शब्द लिखे थे." संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक काश पटेल ने एक्स पर कहा कि उनकी एजेंसी इस गोलीबारी की जांच कर रही है. चर्च और बच्चों पर हुए इस हमले की गूंज अमेरिका और दुनिया भर में सुनाई दी.
वेटिकन की ओर से स्थानीय आर्कबिशप को भेजे गए एक टेलीग्राम में, पोप लियो ने मृतकों पर शोक व्यक्त किया और "प्रभु यीशु में शांति, धैर्य और सांत्वना की प्रतिज्ञा के रूप में अपना आशीर्वाद" भेजा.
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा, "कृपया मेरे साथ मिलकर सभी लोगों के लिए प्रार्थना करें." इसके साथ ही राष्ट्रपति ने पीड़ितों के सम्मान में रविवार तक सभी सरकारी भवनों और अमेरिकी राजनयिक मिशनों पर झंडे आधे झुके रहने का आदेश दिया. ट्रंप का नवीनतम घरेलू अभियान अमेरिकी शहरों में हिंसा से लड़ना है.
इससे पहले भी हमले में शामिल रहा है ट्रांसजेंडर समुदाय का व्यक्ति
पिछले दो वर्षों में किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति द्वारा किसी ईसाई संस्थान पर हमला करने की यह दूसरी घटना है. एक ट्रांसजेंडर पुरुष ने 2023 में एक ईसाई स्कूल में मास फायरिंग की थी, जिसमें 9 साल के तीन बच्चों और तीन वयस्कों की मौत हो गई थी.
वहीं, जून में एक बंदूकधारी ने मिनियापोलिस के एक उपनगर में पूर्व डेमोक्रेटिक स्टेट हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स स्पीकर मेलिसा हॉर्टमैन और उनके पति मार्क की हत्या कर दी थी और एक राज्य सीनेटर और उनकी पत्नी को गंभीर रूप से घायल कर दिया था.
अमेरिकी कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस द्वारा तैयार की गई एक सूची के अनुसार, 2020 से अल्पसंख्यक ईसाई संप्रदाय पर कम से कम 390 हमले हुए हैं.
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