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जापान का मून मिशन फेल, सॉफ्ट लैंडिंग से ठीक पहले क्रैश हुआ मून लैंडर 'रेजिलिएंस'

जापान के महत्वकांक्षी चंद्र मिशन को बड़ा झटका लगा है. iSpace द्वारा विकसित चंद्रयान ‘रेजिलिएंस’ (Resilience) चंद्रमा के Mare Frigoris क्षेत्र में लैंडिंग के प्रयास के दौरान संभवत: दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. कंपनी के अनुसार, लैंडिंग के समय यान से संपर्क टूट गया था, जिससे आशंका है कि यान सफलतापूर्वक चंद्र सतह पर उतर नहीं पाया.

06 Jun, 2025
( Updated: 07 Jun, 2025
02:27 PM )
जापान का मून मिशन फेल, सॉफ्ट लैंडिंग से ठीक पहले क्रैश हुआ मून लैंडर 'रेजिलिएंस'

जापान के महत्वकांक्षी चंद्र मिशन को बड़ा झटका लगा है. देश की निजी अंतरिक्ष कंपनी iSpace द्वारा विकसित चंद्रयान ‘रेजिलिएंस’ (Resilience) चंद्रमा के Mare Frigoris क्षेत्र में लैंडिंग के प्रयास के दौरान संभवत: दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. कंपनी के अनुसार, लैंडिंग के समय यान से संपर्क टूट गया था, जिससे आशंका है कि यान सफलतापूर्वक चंद्र सतह पर उतर नहीं पाया. यह मिशन जापान के लिए पहला निजी चंद्र लैंडिंग प्रयास था, जिस पर वैश्विक निगाहें टिकी हुई थीं.हालांकि अभी तक मिशन की स्थिति की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

लैंडिंग से पहले तक सबकुछ था सामान्य
जानकारी के मुताबिक, 'रेजिलिएंस' यान ने चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किलोमीटर ऊपर की कक्षा (ऑर्बिट) से नीचे उतरना शुरू किया था. यह जापान का पहला निजी चंद्रयान था, जो चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की तैयारी में था. लैंडिंग से कुछ मिनट पहले तक सभी प्रणालियाँ सामान्य रूप से कार्य कर रही थीं. यान ने अपनी गति को धीमा किया, और जब वह सतह से लगभग 5 किलोमीटर की ऊँचाई पर था, तब उसका ‘पिच अप मैन्युवर’ भी सफलतापूर्वक पूरा हुआ. इसके बावजूद, अंतिम चरण में सभी टेलीमेट्री डेटा अचानक बंद हो गए और यान से संपर्क टूट गया, जिससे मिशन की विफलता की आशंका जताई जा रही है.फिलहाल iSpace का लाइवस्ट्रीम भी बंद हो गया है. 

हैम रेडियो ऑपरेटरों ने भी रेजिलिएंस से संपर्क टूटने की पुष्टि की
जापान के चंद्रयान ‘रेजिलिएंस’ से संपर्क टूटने की पुष्टि हैम रेडियो ऑपरेटरों ने भी की है. दुनियाभर में सक्रिय इन ऑपरेटरों ने यान से निकल रहे रेडियो सिग्नलों पर नज़र रखी थी, जो लैंडिंग के कुछ क्षण पहले अचानक बंद हो गए. यह तकनीकी संकेत दर्शाता है कि यान अंतिम चरण में दुर्घटनाग्रस्त हो गया होगा. बता दें कि यह iSpace का दूसरा चंद्र मिशन था, इससे पहले कंपनी ने साल 2023 में कोशिश की थी, उस दौरान संपर्क टूटने के चलते यान क्रैश हो गया था. 

iSpace ने शुरू की तकनीकी जांच
रेजिलिएंस मिशन की असफल लैंडिंग के बाद, iSpace ने तकनीकी जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है. कंपनी यह जानने की कोशिश कर रही है कि लैंडिंग से ठीक पहले क्या तकनीकी खामी हुई थी. अंतरिक्ष विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना चंद्रमा की सतह पर उतरने में शामिल तकनीकी जटिलताओं और चुनौतियों को उजागर करती है. उनका कहना है कि भले ही तकनीक अत्याधुनिक हो, लेकिन चंद्रमा पर सटीक और सुरक्षित लैंडिंग करना अब भी एक बेहद जटिल प्रक्रिया है, खासकर जब वह किसी निजी कंपनी द्वारा किया जा रहा प्रयास हो.

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