डोनाल्ड ट्रंप को बड़ी राहत, टैरिफ पर रोक के फैसले को फेडरल कोर्ट ने अस्थायी रूप से किया बहाल
टैरिफ को लेकर चौतरफा आलोचनाओं का सामना कर रहें अमेरिकी राष्ट्रपति को फेडरल कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. राष्ट्रपति ट्रंप की अपील पर फेडरल कोर्ट ने ट्रेड कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों लगातार खबरों के सुर्खियों में बने हुए हैं. टैरिफ को लेकर चौतरफा आलोचनाओं का सामना कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति को एक फेडरल कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. राष्ट्रपति ट्रंप की अपील पर फेडरल कोर्ट ने ट्रेड कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. इसके बाद उनके द्वारा लगाए गए अधिकांश टैरिफ को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया है. इससे एक दिन पहले ही मैनहटन स्थित एक संघीय कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए 'लिबरेशन डे' टैरिफ पर रोक लगाते हुए कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर ऐसा कदम उठाया गया है जो अमेरिका के संविधान के खिलाफ है.
यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट ने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा ट्रेड कोर्ट के फैसले के खिलाफ की गई अपील पर सुनवाई करते हुए 2 अप्रैल के टैरिफ को लागू रखने का आदेश दिया है. फेडरल कोर्ट के इस फैसले के बाद यह टैरिफ तब तक लागू रहेगा, जब तक कोर्ट इस पर आगे कोई विचार नहीं कर लेती है. जानकारी के मुताबिक कोर्ट में राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से तर्क दिया गया था कि टैरिफ हटाने से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को काफी नुकसान होगा. फेडरल कोर्ट द्वारा ट्रेड कोर्ट के फैसले को अस्थायी रूप से रोक लगाने मतलब है कि यूएस इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट के पिछले फैसले और आदेश फिलहाल स्थगित है. हालांकि कोर्ट ने इस निर्णय को लेकर कोई विस्तृत तर्क नहीं दिया है, बल्कि केस में वादियों को 5 जून तक तथा ट्रंप प्रशासन को इस मामले में 9 जून तक जवाब देने का निर्देश दिया है.
ट्रेड कोर्ट ने लगाई थी टैरिफ पर रोक
बताता चलें कि एक दिन पहले "कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड" के तीन जजों की बेंच ने टैरिफ के खिलाफ छोटे व्यापारियों के समूह और 12 डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल्स द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने जिस कानून "इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनामिक पावर एक्ट" का सहारा लिया है, वह उन्हें दुनिया भर में एक साथ टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं देता है और ना ही ट्रंप का तर्क मान्य है. कोर्ट ने जिस टैरिफ पर रोक लगाई थी, उसमें लिबरेशन डे टैरिफ और कनाडा, मैक्सिको और चीन के आयात पर लगाए गए टैरिफ शामिल थे. कोर्ट ने कहा था कि ट्रंप ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने और दुनिया भर के लगभग हर देश से आयात पर टैरिफ लगाने के लिए 1977 के इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनामिक पावर एक्ट को लागू करके अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है. इस बीच व्हाइट हाउस ने ऐसी भी तैयारी कर कर रखी थी कि अगर ट्रंप को फेडरल कोर्ट से भी निराशा हाथ लगती है तो टैरिफ लगाने के अन्य तरीकों पर विचार किया जाएगा.
वैश्विक बाजार में हलचल
बताते चलें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ का ऐलान किए जाने के बाद से ही वैश्विक बाजार में काफी हलचल देखने को मिली थी. इस अप्रत्याशित व्यापार नीतियों ने दुनिया भर में फाइनेंशियल मार्केट को अस्थिर कर दिया है. ट्रंप का यह फैसला व्यापार को अनिश्चितता में ढकेल दिया है, बहरहाल अब कोर्ट ने जिस तरह से ट्रंप के फैसले को बहाल किया है. उससे यह संकेत मिलते हैं कि ट्रंप आने वाले दिनों में और भी कड़े कदम उठा सकते हैं.