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चीन का न्यूक्लियर पावर शो... विक्ट्री डे परेड में पहली बार दिखी DF-5C मिसाइल, इसकी क्षमता देख उड़ जाएंगे ट्रंप के होश

दूसरे विश्व युद्ध में जापान की हार के 80 साल पूरे होने पर चीन की राजधानी बीजिंग के थियानमेन चौक पर भव्य विक्ट्री डे परेड का आयोजन हुआ. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग की मौजूदगी ने आयोजन को खास बना दिया. करीब 25 देशों के नेता गवाह बने. इस दौरान चीन ने पहली बार अपनी न्यूक्लियर ताकत, खासकर नई DF-5C इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल, दुनिया के सामने पेश की.

03 Sep, 2025
( Updated: 03 Sep, 2025
06:13 PM )
चीन का न्यूक्लियर पावर शो... विक्ट्री डे परेड में पहली बार दिखी DF-5C मिसाइल, इसकी क्षमता देख उड़ जाएंगे ट्रंप के होश
Source: Social Media

चीन की राजधानी बीजिंग इन दिनों लगातार अंतरराष्ट्रीय खबरों में छाई हुई है. हाल ही में एससीओ की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की साझा तस्वीर ने अमेरिका को सीधा कूटनीतिक संदेश दिया. इसके तुरंत बाद बीजिंग एक बार फिर चर्चा में आ गया जब दूसरे विश्व युद्ध में जापान की हार के 80 साल पूरे होने पर थियानमेन चौक पर भव्य विक्ट्री डे परेड का आयोजन किया गया. इस परेड में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और खास बना दिया. करीब 25 देशों के शीर्ष नेता इस ऐतिहासिक परेड के गवाह बने. इस दौरान चीन ने अपनी सैन्य शक्ति की झलक दुनिया को दिखाया. 

हम धमकी से डरने वाला नहीं: शी जिनपिंग 

मंच से बोलते हुए शी जिनपिंग ने साफ शब्दों में कहा कि चीन किसी भी धमकी से डरने वाला नहीं है. उन्होंने अपने देश की सैन्य शक्ति और तकनीकी क्षमता को वैश्विक स्तर पर दिखाने का ऐलान कर दिया. उनके भाषण के तुरंत बाद जब परेड शुरू हुई तो दुनिया ने चीन की नई मिसाइल ताकत को पहली बार इतने बड़े पैमाने पर देखा. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार इस परेड में चीन ने कई आधुनिक और घातक हथियार दिखाए. इनमें हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल्स, वाईजे-21 एंटी-शिप क्रूज मिसाइल और JL-3 सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल शामिल रहे. लेकिन सबकी नजरें जिस हथियार पर जाकर टिक गईं, वह था चीन का नया और अब तक का सबसे घातक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल DF-5C.

दुनिया के लिए नया डर बनेगा DF-5C मिसाइल

DF-5C मिसाइल को हाल ही में पहली बार सार्वजनिक किया गया है और इसे जल्द ही सेना में शामिल किया जाएगा. यह चीन की पुरानी DF-5 सीरीज का एडवांस वर्जन है लेकिन इसकी क्षमताएं कई गुना खतरनाक मानी जा रही हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी 20,000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता है. यानी धरती पर कोई ऐसा कोना नहीं बचता जहां तक यह मिसाइल न पहुंच सके. यह एक साथ 10 वारहेड्स लेकर उड़ सकती है. मतलब एक ही मिसाइल से चीन 10 अलग-अलग टारगेट्स पर एक साथ हमला कर सकता है. इसमें लगे वारहेड्स न्यूक्लियर, पारंपरिक या डमी किसी भी प्रकार के हो सकते हैं. यानी दुश्मन को असली और नकली हमले का फर्क समझने में भी मुश्किल होगी.

DF-5C की क्या है खासियत?

Global Times की रिपोर्ट बताती है कि DF-5C कई गुना ध्वनि की गति (Mach) से उड़ान भर सकती है. इतनी तेज रफ्तार में किसी भी देश के पास इसे रोकने का लगभग कोई मौका नहीं रहता. यह तकनीक मिसाइल को न केवल तेज बनाती है बल्कि इसे दुश्मन की सुरक्षा प्रणाली से बचने का भी अतिरिक्त फायदा देती है. चीन ने इस मिसाइल में अपना Beidou Navigation System लगाया है. इस तकनीक से DF-5C बेहद सटीक निशाना साध सकती है. चाहे टारगेट 20,000 किलोमीटर दूर हो या 200 किलोमीटर पास, मिसाइल की सटीकता में कोई फर्क नहीं पड़ता.

वैश्विक राजनीति पर असर

बीजिंग ने विक्ट्री डे परेड के जरिए यह संदेश दुनिया को दिया है कि चीन अब अपनी ताकत छिपाने वाला देश नहीं रहा. बल्कि अब वह खुलकर अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करेगा. रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह शो ऑफ सिर्फ ताकत दिखाने भर के लिए नहीं था. दरअसल, चीन दुनिया को यह जताना चाहता है कि वह अब अमेरिका का विकल्प बनकर गैर-पश्चिमी देशों का नेतृत्व करने की क्षमता रखता है. DF-5C जैसी मिसाइलें इस दावे को और मजबूत करती हैं.

क्यों है यह परेड ऐतिहासिक?

यह आयोजन केवल सैन्य ताकत दिखाने का मंच नहीं था. इसमें इतिहास, राजनीति और कूटनीति का भी बड़ा संदेश छिपा था. जापान की हार के 80 साल पूरे होने पर चीन ने यह जता दिया कि उसने इतिहास से सबक लिया है और अब वह खुद को किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने देगा. रूस और उत्तर कोरिया के नेताओं की मौजूदगी ने दुनिया को संकेत दिया कि चीन अकेला नहीं है, बल्कि उसके पास रणनीतिक साझेदार भी हैं. और सबसे अहम बात, DF-5C ने यह साफ कर दिया कि आने वाले समय में चीन की गिनती दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु ताकतों में होगी.


विशेषज्ञों का मानना है कि बीजिंग की विक्ट्री डे परेड केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह चीन का खुला ऐलान था कि वह अब वैश्विक शक्ति संतुलन में बड़ा खिलाड़ी बनने की ओर बढ़ चुका है. DF-5C मिसाइल की क्षमता ने दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आने वाले समय में न सिर्फ एशिया बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा रणनीतियों में चीन की भूमिका अहम होगी. इसके साथ ही इस शक्ति प्रदर्शन को सीधे तौर पर अमेरिका को भेजे गए संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है. 

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दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति इन दिनों कई देशों पर टैरिफ लगाकर दबाव बनाने की रणनीति अपना रहे हैं. ऐसे में चीन अब उन देशों से संपर्क साधने और उन्हें एकजुट करने की कोशिश कर रहा है, जिन्हें अमेरिका की नीतियों से नुकसान उठाना पड़ा है. कुल मिलाकर संकेत साफ हैं कि आने वाले दिनों में कई बड़े देश अमेरिका से दूरी बनाकर चीन के साथ साझेदारी को तरजीह दे सकते हैं.

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