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क्या शादीशुदा बेटी भी पिता के पेंशन में होती है हकदार? जानें क्या है सरकार का नया नियम

Pension Rules: केंद्रीय सिविल सेवा का नियम 54 एक सोशल वेलफेयर स्कीम है। इस स्कीम के तहत ऐसे पेंशनर एम्पली जिनका निधन हो चुका है , उनके पति या पत्नी या बच्चो को आर्थिक सहायता दी जाती है।

25 Nov, 2024
( Updated: 26 Nov, 2024
10:17 AM )
क्या शादीशुदा बेटी भी पिता के पेंशन में होती है हकदार? जानें क्या है सरकार का नया नियम
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Pension Rules: सरकारी कर्मचारी की मृत्यु हो जाने जे बाद उनके परिवार को पेंशन के तौर पर हर महीने एक तय रकम दी जाती है।  इसे फॅमिली पेंशन भी कहते है।  ये फॅमिली पेंशन केंद्रीय सिविल सेवा नियम 2021 के मुताबिक , मृतक के परिवार को दी जाती है।  केंद्रीय सिविल सेवा का नियम 54 एक सोशल वेलफेयर स्कीम है।  इस स्कीम के तहत ऐसे पेंशनर एम्पली जिनका निधन हो चुका है , उनके पति या पत्नी या बच्चो को आर्थिक सहायता दी जाती है।कर्मचारी इस फॅमिली पेंशन के लिए खुद अपने परिवार के सदस्यों के नाम देता है, ताकि उसकी मृत्यु के बाद उसके परिवार को आर्थिक मदद मिलती रहे।  आइये जानते है इस खबर को विस्तार से ....

क्या बेटी होती है फॅमिली पेंशन की हकदार 

मृतक पेंशन की बेटी तब तक फॅमिली पेंशन पाने के लिए पात्र रहती है। जब तक उसकी शादी न हो जाएन, उसे नौकरी न मिल जाए या फिर वो मानसिक या शारारिक तौर पर विकलांग हो। अगर किसी के माता या पिता सरकारी कर्मचारी में थे , अगर उनकी बेटी अविवाहित , तलाकशुदा या विधवा है , तो ऐसे कर्मचारी के न होने पर बेटियों को फॅमिली पेंशन पाने की हकदार होती है। वही अगर शादी हो जाने के बाद बेटी विधवा हो जाती है।तब भी वो पेंशन पाने के हकदार में होती है।  

ऐसे में मिलता है बेटी को जीवन भर पेंशन 

अगर किसी कर्मचारी ने Forum 4 में अपनी बेटी का नाम डाला है , तो उसे आधारिक तौर पर परिवार का सदस्य माना जाता है।नियमों के मुताबिक अगर बेटी मानसिक या शारारिक तौर पर हैंडीकैप है , तो उस जीवनभर पारवारिक पेंशन मिल सकता है। मृतक सरकारी कर्मचारी की विधवा या तलाकशुदा बेटी भी जीवन भर पेंशन पाने की हकदार हो सकती है।  

पेंशन नियम के कौन है हकदार 

मृतक का जीवनसाथी यानी जिसका पति पत्नी का निधन हुआ हो। 

पेंशन के अभिवाहक (माता - पिता ) 

पेंशनर के बच्चे 

या फिर हैंडीकैप हो बच्चे 

अविवाहित बच्चो के पेंशन लेने के क्या है नियम 

  1. अगर अविवाहित बेटी की कोई जुड़वाँ बहन है , तो पेंशन की रकम दोनों बहनो में बराबर होती है।  
  2. अगर माता -पिता दोनों ही सरकारी कर्मचारी थे , तो बेटी 2 पेंशन पाने का हकदार होते है , मगर दोनों फॅमिली पेंशन की रकम 125000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  3. मृतक कर्मचारी की अविवाहित बेटी अगर भाई बहनो में सबसे बड़ी है।  तो माता पिता के जीवित न होने पर वो पारवारिक पेंशन पाने की हकदार होती है।
  4. वही अगर अविवहित बेटी पेंशन पाने के लिए पात्र है , तो पहली पेंशन से मिली रकम उसकी इनकम नहीं मानी जाएगी। 
  5. बेटी के शारारिक या मानसिक तौर पर विकलांग होने की सिचुएशन में उसे जिंदगी भर या फिर २५ साल तक न होने पर उसको पेंशन मिलेगा।
  6. अगर अविवाहित बेटी के माता -पिता ने तलाक के पीटिशयन फाइल की थी या उनका डाइवोर्स हो चुका था , तो उस सिचुएशन में अविवाहित बेटी भी पेंशन के लिए हक़दार होती है। 
  7. अगर सरकारी कर्मचारी ने अनाथ आश्रम से गोद ली हुई बच्ची को पाला है , तो उसको पारवारिक पेंशन  देने के लिए इंकार किया जा सकता है । 

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