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बौद्ध-बहुल राष्ट्र में सनातन का जयघोष! थाईलैंड के शाही परिवार ने मनाया गणेश चतुर्थी का उत्सव, की बप्पा की आरती, वायरल हो रहा VIDEO

थाईलैंड के शाही परिवार ने गणेश चतुर्थी मनाई, जो एक बौद्ध-बहुल राष्ट्र में हिंदू परंपराओं का समारोह दर्शाता है. मिनी रजदान द्वारा साझा किए गए वीडियो ने सोशल मीडिया पर वायरल होकर थाईलैंड में हिंदू धर्म के सतत प्रभाव और सांस्कृतिक समन्वय को रेखांकित किया है.

दक्षिण पूर्व एशियाई देश थाईलैंड में ज़्यादातर लोग बौद्ध हैं, लेकिन हिंदू धर्म का काफी प्रभाव रहा है. यह प्रभाव 2000 साल से ज्यादा पुराना है, जो भारत के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान से आया है. 19वीं सदी के अंत में तमिल और गुजराती समुदायों के भारतीय लोग थाईलैंड आए. 1890 के दशक में पंजाब से सिखों और हिंदुओं का बड़ा प्रवास हुआ, जिसने हिंदू परंपराओं को गहरा कर दिया. एक बौद्ध देश होते हुए भी यहां सनातन धर्म की परंपराएं आज भी जीवित हैं और त्योहार माए जाते हैं. इसी कड़ी में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें थाईलैंड के राज शाही परिवार के लोग बप्पा की आरती करते दिखाई दे रहे हैं. चुकि भारत सहित पूरी दुनिया में गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है, इस लिए यह वीडियो तेजी से शेयर किया जा रहा है. हालांकि इसकी टाइमिंग की पुष्टि नहीं हो पाई है कि ये मौका कब का है. ये वीडियो मिनी राजदान नाम की एक X यूजर शेयर किया है.

थाईलैंड के शाही परिवार ने गणेश चतुर्थी, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार, मनाया है, जो एक बौद्ध-बहुल देश में हिंदू धर्म के सतत प्रभाव को दिखाता है. मिनी रजदान द्वारा X पर साझा किए गए वीडियो में यह घटना वायरल हुई है.

शाही परिवार ने पूरे श्रद्धा के साथ की बप्पा की आरती 

वीडियो में शाही परिवार के सदस्यों को गणेश चतुर्थी के मौके पर पारंपरिक हिंदू रस्मों में शामिल होते हुए देखा गया है. त्योहार में गणेश की मूर्तियों की स्थापना, भेंटें और प्रार्थनाएँ शामिल हैं. यह दिखाता है कि शाही परिवार थाईलैंड की विविध सांस्कृतिक विरासत का संरक्षक है.

थाईलैंड में सनातन सांस्कृतिक का महत्व और प्रतीक चिन्ह

शाही परिवार द्वारा गणेश चतुर्थी मनाना थाई संस्कृति में हिंदू धर्म के प्रभाव का हिस्सा है. थाईलैंड का राष्ट्रीय प्रतीक गरुड़, विष्णु का वाहन, हिंदू पौराणिक कथाओं की ओर इशारा करता है. अयुत्थया शहर, जो रामायण के अयोध्या के नाम पर है, भी इस प्रभाव को दिखाता है. शाही परिवार की भागीदारी इन संबंधों को मजबूत करती है.

वायरल हो रहा वीडियो

वीडियो में दिखाई गई रस्में में फूल, फल और अन्य वस्तुओं की भेंट देना शामिल है, जो भगवान गणेश को समर्पित हैं. पुजारी की उपस्थिति और प्रार्थनाओं का जाप हिंदू रीति-रिवाजों का पालन दिखाता है. ये प्रथाएँ भारत में देखी जाने वाली हैं, लेकिन थाई संदर्भ में अनुकूलित हैं.

हिंदू परंपराओं आज भी संरक्षित हैं

थाई राजतंत्र लंबे समय से धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं, जिसमें हिंदू धर्म भी शामिल है, का संरक्षक रहा है. 1784 में राजा राम द्वारा देवस्थान मंदिर की स्थापना इसका उदाहरण है. शाही परिवार की गणेश चतुर्थी मनाने में भागीदारी इन परंपराओं को जारी रखने का संकेत है.

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

मिनी रजदान द्वारा साझा किए गए वीडियो ने सोशल मीडिया पर काफी ध्यान आकर्षित किया है. लोग शाही परिवार की हिंदू त्योहारों में भागीदारी की सराहना कर रहे हैं और थाईलैंड में हिंदू धर्म के महत्व पर चर्चा कर रहे हैं. यह वीडियो वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान की रुचि को दर्शाता है.

थाईलैंड के शाही परिवार द्वारा गणेश चतुर्थी मनाना देश की सांस्कृतिक विविधता को याद दिलाता है. यह हिंदू और बौद्ध परंपराओं के मेल को दिखाता है, जो थाईलैंड के समृद्ध इतिहास का हिस्सा है. यह घटना न केवल भगवान गणेश का जश्न मनाती है, बल्कि सांस्कृतिक सहअस्तित्व की विरासत को भी मनाते है.

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