क्या है घाम तापो पर्यटन, पीएम मोदी ने उत्तरकाशी में क्यों इसका जिक्र किया, जानिए फायदे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरकाशी का दौरा किया इस दौरान पीएम मोदी ने घाम तापो पर्यटन का नया मंत्र उत्तराखंड को दिया. दरअसल, प्रधानमंत्री ने घाम तापो शब्द स्थानीय भाषा गढ़वाली से लिया है, जो उत्तराखंड में सबसे ज्यादा प्रचलित है. सर्दियों में मैदानी इलाकों में प्रदूषण और कोहरे की वजह से धूप नहीं आती है, इसलिए प्रधानमंत्री ने लोगों के अपील की है कि उत्तराखंड आकर वह धूप का आनंद ले.

पीएम मोदी ने घाम तापों के जरिए गर्मियों के साथ-साथ सर्दियों में पर्यटन को बढ़ाने की अपील की। दरअसल, गर्मियों में तो अक्सर लोग पहाड़ों में घूमने जाते हैं, लेकिन सर्दियों में बर्फबारी, कोहरा और ठंड की वजह से जाने से बच जाते हैं। तो ऐसे में पीएम मोदी ने उत्तराखंड में 12 महीने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए समझाया कि जहां मैदानी इलाकों में सर्दियों में सूरज भी नहीं निकलता, कड़ाके की ठंड पड़ती है, वहीं पहाड़ों में जमकर सर्दियों में धूप खिलती है। तो ऐसे में लोग धूप सेंकने के लिए पहाड़ों का रुख करें। दरअसल, जिस घाम तापों शब्द का पीएम मोदी इस्तेमाल कर रहे हैं, उस शब्द का मतलब क्या है, चलिए बताते हैं।
क्या है घाम तापो पर्यटन?
घाम तापो शब्द का मतलब धूप सेंकना होता है।
घाम का मतलब धूप और तापो का अर्थ सेंकना होता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस शब्द का इसलिए इस्तेमाल किया क्योंकि दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में प्रदूषण और सर्दी के वक्त में धूप नहीं मिल पाती है, जिससे लोगों को कई बीमारियां लग जाती हैं, खासकर हड्डियों और त्वचा से जुड़ी बीमारियां। यही वजह है कि पीएम मोदी ने सर्दियों में उत्तराखंड में पर्यटन की बात को उठाया और अपील की कि उत्तराखंड पर्यावरण के लिहाज से बेहद साफ-सुथरा क्षेत्र है और यहां पहाड़ों पर हर बार धूप की छाप रहती है, इसलिए सभी लोग सर्दियों के मौसम में पहाड़ों पर आकर आनंद लें। इसे खास बनाने के लिए पीएम मोदी ने पर्यटन से जोड़ते हुए घाम तापों का नाम दिया।