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'वह मेरे लिए विषय नहीं, समय की बर्बादी है…', महुआ मोइत्रा पर फिर फूटा कल्याण बनर्जी का गुस्सा, TMC में छिड़ी रार

TMC सांसद कल्याण बनर्जी पार्टी की अन्य सांसद महुआ मोइत्रा पर हमलावर हैं. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ''वह (महुआ मोइत्रा) मेरे लिए विषय नहीं है. वह बहुत ही घटिया स्तर की हैं. उनके बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है.

तृणमूल कांग्रेस (TMC) के दो नेता इन दिनों आमने-सामने हैं. लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी पार्टी की अन्य सांसद महुआ मोइत्रा पर हमलावर हैं. बनर्जी ने मोइत्रा को समय की बर्बादी कह दिया है. इसके अलावा, निम्नस्तरीय कहकर भी दोनों के बीच पहले से चला आ रहा विवाद बढ़ा दिया है. हाल ही में कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में टीएमसी के चीफ व्हिप के पद से इस्तीफा दिया है.

‘मेरे लिए विषय नहीं है, समय की बर्बादी…’
एनडीटीवी के अनुसार, चार बार के सांसद कल्याण बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, ''वह (महुआ मोइत्रा) मेरे लिए विषय नहीं है. वह बहुत ही घटिया स्तर की हैं. उनके बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है. उनकी वजह से मैं कई लोगों के लिए बुरा बन गया हूं. यह समय की बर्बादी थी, मैंने अपनी ताकत बर्बाद की. वह मेरे ध्यान के लायक नहीं. मेरी गलती थी कि मैंने उन पर ध्यान दिया.'' 

उन्होंने आगे कहा कि मेरे एक जूनियर वकील भाई ने मुझे मैसेज किया था. उससे मुझे अहसास हुआ कि महुआ मोइत्रा मेरे लिए विषय नहीं हैं. मुझे अभी बहुत काम करना है. कल्याण और महुआ मोइत्रा के बीच लंबे समय से पर्दे के पीछे खींचतान चल रही थी, लेकिन हालिया तनाव की शुरुआत श्रीरामपुर के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने से हुई. उन्होंने 2023 का आठ मिनट पुराना एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह "प्रश्न के बदले नकद" मामले में आचार समिति की कार्यवाही के दौरान लोकसभा में महुआ का बचाव करते दिखाई दे रहे हैं. इससे भी ज़्यादा हैरान करने वाली बात यह थी कि कल्याण ने न सिर्फ़ महुआ और अपनी पार्टी को, बल्कि आधिकारिक भाजपा हैंडल और कांग्रेस को भी टैग किया. पार्टी नेताओं ने इसे ‘हद पार करने’ जैसा माना है. 

मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा हुआ था मंजूर 
इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस ने बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए मंगलवार को वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी का लोकसभा के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा मंजूर कर लिया और उनके उत्तराधिकारी का नाम भी घोषित कर दिया. इसे पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी की ओर से अपने मुखर सांसदों को नियंत्रित करने और असंतुष्ट नेताओं को चेतावनी देने का संकेत माना जा रहा है.

ये साफ संकेत देते हुए कि पार्टी में असहमति और अवज्ञा बर्दाश्त नहीं होगी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने न सिर्फ कल्याण बनर्जी का इस्तीफा स्वीकार किया, बल्कि बड़ा बदलाव भी किया. इसके तहत काकोली घोष दस्तीदार को नया मुख्य सचेतक और शताब्दी रॉय को लोकसभा का उपनेता नियुक्त किया गया.

24 घंटे बाद हुआ नेतृत्व में बदलाव 
कल्याण के इस्तीफा देने के सिर्फ 24 घंटे बाद हुए इस नेतृत्व बदलाव से साफ हो गया कि ममता बनर्जी पार्टी में अनुशासन लाने के लिए सख्त कदम उठा रही हैं. तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “यह उन लोगों के लिए संदेश है जो खुद को पार्टी से बड़ा समझते हैं. एक कड़ा संदेश देना जरूरी था.” बड़े संसदीय फेरबदल के तहत सोमवार को पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी को लोकसभा में नया नेता बनाया गया. वह वरिष्ठ सांसद सुदीप बंदोपाध्याय की जगह लेंगे, जो कई महीनों से बीमार हैं.

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