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राजस्थान के स्कूलों में नहीं मनाया जाएगा 'शौर्य दिवस', भयंकर विरोध के चलते सरकार ने फैसला वापस लिया

बता दें कि राजस्थान सरकार ने हाल ही में बाबरी मस्जिद विध्वंस की तारीख पर सभी सरकारी स्कूलों को 'शौर्य दिवस' मनाने का निर्देश दिया था, ताकि स्टूडेंट्स और स्टाफ में देशभक्ति, राष्ट्रीयता, साहस, सांस्कृतिक गर्व और राष्ट्रीय एकता' को बढ़ावा मिले, लेकिन बढ़ते विवाद के बाद इस निर्देश को वापस ले लिया गया है.

राजस्थान सरकार के एक 'विवादित आदेश' को कुछ घंटे बाद वापस ले लिया गया है. अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 6 दिसंबर 2025 को 'शौर्य दिवस' नहीं मनाया जाएगा. इससे पहले राजस्थान की भजन लाल सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में बाबरी मस्जिद विध्वंस की तारीख 6 दिसंबर को 'शौर्य दिवस' मनाने का निर्देश दिया था. सरकार के इस फैसले पर सेकेंडरी बोर्ड शिक्षा के डायरेक्टर सीताराम जाट के बयानों में भी इसको लेकर विरोधाभास सामने आया, उन्होंने कहा कि एग्जाम चल रहे हैं. इसलिए कैंपस में कोई और एक्टिविटी या इवेंट करना मुमकिन नहीं है. 

शौर्य दिवस मनाने के फैसले को सरकार ने वापस लिया 

बता दें कि राजस्थान सरकार ने हाल ही में बाबरी मस्जिद विध्वंस की तारीख पर सभी सरकारी स्कूलों को 'शौर्य दिवस' मनाने का निर्देश दिया था, ताकि स्टूडेंट्स और स्टाफ में देशभक्ति, राष्ट्रीयता, साहस, सांस्कृतिक गर्व और राष्ट्रीय एकता' को बढ़ावा मिले, लेकिन बढ़ते विवाद के बाद इस निर्देश को वापस ले लिया गया है. 

फैसला वापस लेने के पीछे क्या रही वजह? 

सरकार ने इस फैसले को वापस लेने के पीछे की कोई वजह नहीं बताई है. वहीं शिक्षा मंत्री ने इसे वापस लेने के पीछे दूसरी वजह बताई है. इसके अलावा ऑफिशियल WhatsApp ग्रुप पर आदेश जारी किया गया कि 'अनअवॉयडेबल हालात' के चलते इस फैसले को वापस लिया गया. 

6 दिसंबर 1992 को गिराई गई थी बाबरी मस्जिद 

बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिराई गई थी, जिसे राजस्थान सरकार ने 6 दिसंबर को 'शौर्य दिवस' मनाने का निर्देश दिया था, सरकार के इस फैसले पर विपक्ष और मुस्लिम समुदायों ने आलोचना की थी, जिसके बाद इसे वापस ले लिया गया है. 

सेकेंडरी बोर्ड शिक्षा के डायरेक्टर सीताराम जाट ने जताया विरोध

सरकार के इस फैसले पर सेकेंडरी बोर्ड शिक्षा के डायरेक्टर सीताराम जाट के बयानों में भी इसको लेकर विरोधाभास सामने आया, उन्होंने कहा कि एग्जाम चल रहे हैं, इसलिए कैंपस में कोई और एक्टिविटी या इवेंट करना मुमकिन नहीं है, वहीं सीताराम जाट ने इस बारे में बताया है कि उन्होंने ऐसा कोई भी आदेश नहीं दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि मुझे नहीं पता कि यह कैसे सर्कुलेट हो रहा है. इससे पहले भी इसी मामले में सोशल मीडिया पर एक ऑर्डर सर्कुलेट हुआ था, जिसे डिपार्टमेंट ने 5 नवंबर को खारिज कर दिया था.

शौर्य दिवस पर कौन से कार्यक्रम होने वाले थे?  

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में बाबरी मस्जिद गिराए जाने वाली तारीख पर शौर्य दिवस के निर्देश पर काफी विवाद हुआ, इसके निर्देश में भारतीय कल्चरल गौरव, राम मंदिर आंदोलन, वीरता और बलिदान की परंपराओं और राष्ट्र-निर्माण में युवाओं की भूमिका जैसे अलग-अलग थीम पर निबंध कॉम्पिटिशन का प्रस्ताव था. इनमें स्कूलों से अयोध्या राम मंदिर और भारतीय योद्धाओं पर पेंटिंग कॉन्टेस्ट आयोजित करने और राम मंदिर पर एग्जीबिशन लगाने के लिए कहा गया था. 

शौर्य दिवस कार्यक्रम को लेकर बढ़ा विवाद

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में 'शौर्य दिवस' मनाने के कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस और मुस्लिम ग्रुप्स ने कड़ी आलोचना की. इस मामले पर कांग्रेस के स्टेट प्रेसिडेंट गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 'यह सरकार बच्चों को बाबरी मस्जिद गिराए जाने के दिन को बहादुरी का दिन बताना चाहती है. ऐसा करके वे सिर्फ धार्मिक माहौल को खराब करेंगे.' प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि 'बाबरी मस्जिद गिराया जाना 'एक जुर्म था.' उन्होंने BJP सरकार पर 'ऐतिहासिक घटनाओं को तोड़-मरोड़कर पेश करने और स्कूली बच्चों पर अपनी पॉलिटिकल कहानी का बोझ डालने की कोशिश करने' का आरोप लगाया. 

भारत एक सेक्युलर देश

इस मामले पर राजस्थान मुस्लिम फोरम के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद नजीमुद्दीन ने कहा कि 'हमारा देश एक सेक्युलर देश है. सरकार स्टूडेंट्स को मस्जिद गिराए जाने की याद में कैसे मजबूर कर सकती है.'

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