ग्रामीण सड़कों को नई रफ्तार, 6043 किमी सड़कों पर हुआ काम पूरा, बिहार के गांवों में पहुंचा विकास
बिहार के ग्रामीण इलाकों में 6043 किलोमीटर लंबी सड़कों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है।इस कार्य पर 3059 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई है. विभाग को इसके लिए कुल 3294 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये थे.
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बिहार सरकार अब गांवों को पक्की और बेहतर सड़कों से जोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ मरम्मती कार्यक्रम के तहत गांवों की सड़कों पर तेज़ी से काम हो रहा है. गांव की सड़कें सिर्फ मिट्टी की पगडंडी नहीं... अब ये विकास की नई पहचान है! बिहार के ग्रामीण इलाकों में 6043 किलोमीटर लंबी सड़कों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है.इस कार्य पर 3059 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई है. विभाग को इसके लिए कुल 3294 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये थे. यह काम मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण कार्यक्रम के तहत हो रहा है. यह बिहार सरकार की ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति 2018 के तहत संभव हो रहा है. इस नीति का मकसद सिर्फ सड़क बनाना नहीं, बल्कि उसकी देखभाल और उसकी मरम्मती का काम भी सुनिश्चित करना है. इन सड़कों के निर्माण और मरम्मती से गांवों को बाजार तक, बच्चों को स्कूलों तक और मरीजों को अस्पताल तक पहुंचना आसान हो गया है. इससे कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के भी नए रास्ते खुल रहे हैं.
बजट की राशि में हुआ इज़ाफ़ा
2006-07 में जब इस योजना की शुरुआत हुई तब बजट सिर्फ 106 करोड़ रुपये था. लेकिन अब ये राशि बढ़कर 3059 करोड़ रुपये हो गई है. यानी सरकार का ध्यान अब सिर्फ नई सड़कें बनाने पर नहीं, पुरानी सड़कों की हालत सुधारने पर भी है. बेहतर सड़कों की बदौलत किसानों को बाज़ार, छात्रों को साकूल और ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँचने में पहले से अधिक सुविधा हो रही है.
नीतीश सरकार का दावा है कि यह योजना ‘विकसित बिहार’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. गांवों में अब सड़कों की तस्वीर बदल रही है. ग्रामीण कार्य विभाग ने वर्ष 2024-25 में 6043 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों की मरम्मत और देखभाल का काम किया गया. इस काम के लिए सरकार ने 3294 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी. अब तक 3059 करोड़ ग्रामीण सड़कों के सुधार पर खर्च किए जा चुके हैं.
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