पायलट की पहल, गहलोत की स्वीकृति…3 साल बाद मिले दोनों दिग्गज, राजस्थान कांग्रेस में रिश्तों की नई शुरुआत!
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट की हालिया मुलाकात ने सूबे की राजनीतिक अटकलों को फिर से नई हवा दे दी है. यह मुलाकात करीब तीन साल बाद हुई है, जिससे दोनों नेताओं के संबंधों में नई नरमी की अटकलें तेज़ हो गई हैं.

राजस्थान की सियासत में एक बार फिर हलचल देखने को मिल रही है. राज्य में भले ही वर्तमान समय में कोई चुनाव नहीं हो, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट की हालिया मुलाकात ने राजनीतिक अटकलों को फिर से हवा दे दी है. यह मुलाकात करीब तीन साल बाद हुई है, जिससे दोनों नेताओं के संबंधों में नई नरमी की अटकलें तेज़ हो गई हैं.
दरअसल, सचिन पायलट अपने दिवंगत पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि के कार्यक्रम का निमंत्रण देने के लिए अशोक गहलोत के निवास पहुंचे थे. इस सौजन्य भेंट की तस्वीर स्वयं अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की. गहलोत ने अपने पोस्ट में लिखा, “AICC महासचिव श्री सचिन पायलट ने आवास पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. श्री राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया. मैं और राजेश पायलट जी 1980 में पहली बार एक साथ लोकसभा पहुंचे एवं लगभग 18 वर्षों तक साथ में सांसद रहे. उनके आकस्मिक निधन का दुख हमें आज भी बना हुआ है. उनके जाने से पार्टी को भी गहरा आघात लगा था.” वही सचिन पायलट ने अभी इस मुलाकात की तस्वीर को अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. बता दें 11 जून को दौसा में पिताजी दिवंगत राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में आमंत्रित किया.
AICC महासचिव श्री @SachinPilot ने आवास पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. श्री राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 7, 2025
मैं और राजेश पायलट जी 1980 में पहली बार एक साथ ही लोकसभा पहुंचे एवं लगभग 18 साल तक साथ में सांसद रहे। उनके आकस्मिक निधन का दुख हमें… pic.twitter.com/GPLuXMtLKw
तीन साल पुरानी दरार हो रही छोटी?
गौरतलब है कि जुलाई 2021 के बाद यह पहला मौका है, जब दोनों नेताओं की सार्वजनिक रूप से मुलाकात हुई है. कांग्रेस आलाकमान लंबे समय से राजस्थान में गहलोत और पायलट के बीच मतभेदों को सुलझाने की कोशिश में लगा हुआ है. इस मुलाकात को केवल सामाजिक शिष्टाचार के रूप में देखना आसान होगा, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसके निहितार्थ और दूरगामी संकेतों पर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं.
क्या एकजुटता की ओर बढ़ रही है कांग्रेस?
राज्य में पार्टी की अंदरूनी एकजुटता एक अहम फैक्टर होगी. गहलोत और पायलट की यह मुलाकात इस दिशा में पहला सकारात्मक संकेत माना जा रहा है. जानकारी देते चलें कि साल 2020 में राजस्थान की कांग्रेस सरकार में सियासी संकट के दौरान दोनों नेताओं के बीच संबंध काफी ख़राब हो गए थे.