Advertisement

बिहार में बदलाव की बात कहकर लौंडा नाच! जन सुराज का वीडियो वायरल, PK हुए ट्रोल

प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज बिहार चुनावी मैदान में उतर चुकी है, लेकिन एक प्रचार कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वीडियो में मंच पर 'लौंडा नाच' होता दिख रहा है. इस पर राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई है, कुछ लोग इसे लोक परंपरा बता रहे हैं, तो कुछ सोशल मीडिया पर प्रशांत किशोर की पार्टी पर सवाल उठा रहे हैं.

23 Jun, 2025
( Updated: 04 Dec, 2025
07:11 AM )
बिहार में बदलाव की बात कहकर लौंडा नाच! जन सुराज का वीडियो वायरल, PK हुए ट्रोल

बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और राज्य की राजनीति एक बार फिर गर्माने लगी है. सभी प्रमुख दल अपने-अपने स्तर पर चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं. इस बीच चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज भी मैदान में उतर चुकी है. लेकिन पार्टी की एक प्रचार गतिविधि अब सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है.

दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में जन सुराज के प्रचार कार्यक्रम में 'लौंडा नाच' का आयोजन होता दिख रहा है. वीडियो में एक युवक साड़ी पहनकर पारंपरिक अंदाज में नाचते नजर आ रहा है, जबकि उसके साथ एक और युवक काले कुर्ते में थिरक रहा है. कार्यक्रम के मंच पर जन सुराज पार्टी का पोस्टर और प्रशांत किशोर की तस्वीर भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है. इस वीडियो के सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है. जहां कुछ लोग इसे ग्रामीण संस्कृति और लोक परंपरा से जोड़कर देख रहे हैं, वहीं कुछ लोग सोशल मीडिया पर वीडियो को शेयर कर प्रशांत किशोर की पार्टी पर सवाल उठा रहे है. इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा कि जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर पांडे की सभा में 'लौंडा डांस' कराया जा रहा है. क्या बिहार को ऐसे बदलेंगे? क्योंकि प्रशांत किशोर की छवि एक पढ़े-लिखे व्यक्ति और विचारक के रूप में है.

 

क्या भीड़ जुटाने के लिए हुआ आयोजन 
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो प्रशांत किशोर की एक जनसभा से ठीक पहले का है. जानकारी के अनुसार, सभा में भीड़ को रोके रखने और कार्यक्रम स्थल पर बनाए रखने के लिए ‘लौंडा नाच’ का आयोजन किया गया था. गौरतलब है कि चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर की राजनीति पारंपरिक नेताओं से काफी अलग मानी जाती है. वह अपने सार्वजनिक भाषणों में बार-बार बिहार के पिछड़ेपन के लिए राज्य के मतदाताओं के राजनीतिक रुझानों को जिम्मेदार ठहराते हैं. उनके प्रमुख मुद्दों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सड़क और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं. इतना ही नहीं, प्रशांत किशोर बिहार में प्रचलित ऑर्केस्ट्रा कार्यक्रमों और द्विअर्थी गीतों के विरोध में भी आवाज़ उठाते रहे हैं. ऐसे में उनकी सभा से पहले मंच पर 'लौंडा नाच' जैसे आयोजन ने न केवल उनकी छवि पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि उनके प्रचार की शैली को लेकर भी बहस छेड़ दी है.

यह भी पढ़ें

बताते चलें कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने तैयारियों की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की है. इस बार चुनावी मुकाबला मुख्य रूप से सत्ताधारी एनडीए गठबंधन और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच माना जा रहा है. हालांकि, प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज भी मैदान में पूरी ताकत से उतर चुकी है. अगर जन सुराज को चुनावी नतीजों में सफलता मिलती है, तो वह किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है, जिससे बिहार की राजनीति का गणित पूरी तरह बदल सकता है.

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
‘ना Modi रूकेंगे,ना Yogi झुकेंगे, बंगाल से भागेंगीं ममता, 2026 पर सबसे बड़ी भविष्यवाणी Mayank Sharma
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें