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ईरान पर हुए अमेरिकी हमलों पर भड़के फारूक अब्दुला, मुस्लिम देशों की चुप्पी पर उठाए सवाल, कहा - आने वाले समय में उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे...

ईरान पर हुए अमेरिकी हमलों के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने निराशा जाहिर की है. एक न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'आज नहीं खड़े हुए, तो आने वाले वक्त में इसी तरह से गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. मुझे इस बात पर निराशा है कि ईरान पर किए गए हमले के बाद पूरी मुस्लिम दुनिया चुप है. आज ईरान इन हमलों का सामना कर रहा है. अगर अब नहीं जागे, तो कल अमेरिका उनके लिए भी आगे आएगा. अगर आप चुप हैं, तो मान कर चलिए आप अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.'

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने ईरान-इजरायल युद्ध पर अपना बयान दिया है. उन्होंने मुस्लिम देशों की चुप्पी साधने पर सवाल खड़े किए और सभी को चेताते हुए कहा कि भविष्य में उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. इस दौरान उन्होंने ईरान की तारीफ करते हुए कहा कि वह कभी झुकेगा नहीं. 

मुस्लिम देशों की चुप्पी पर भड़के - फारुक अब्दुल्ला 

ईरान पर हुए अमेरिकी हमले के बाद जम्मू- कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने निराशा जाहिर की है. एक न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'आज नहीं खड़े हुए, तो आने वाले वक्त में इसी तरह से गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. मुझे इस बात पर निराशा है कि ईरान पर किए गए हमले के बाद सभी मुस्लिम देश चुप हैं. आज ईरान इन हमलों का सामना कर रहा है. अगर अब नहीं जागे, तो कल अमेरिका उनके लिए भी आगे आएगा. अगर आप चुप हैं, तो मान कर चलिए आप अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.'

'गर्दने कट जाएगी लेकिन वह झुकेंगे नहीं'

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम ने ईरान की तारीफ करते हुए कहा कि 'अमेरिकी हमलों के बाद भी वह अपनी महत्वाकांक्षा नहीं छोड़ेगा. अगर कोई इस सोच के साथ चल रहा है कि ईरान अपनी महत्वाकांक्षा छोड़ेगा, तो वह बहुत बड़े भ्रम में चल रहा है. ईरान कर्बला को याद करता है. वह यह सोचता है कि यह दूसरा कर्बला है. उनकी गर्दने कट जाएंगी, लेकिन वह झुकेंगे नहीं.'

अमेरिका-इजरायल नहीं चाह रहे कि ईरान परमाणु देश बने 

अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि 'वह यहां पर सत्ता परिवर्तन चाहते हैं, लेकिन क्या ऐसा करने से चीजें सही हो जाएंगी? अमेरिका और इजराइल का शुरू से मानना है कि ईरान को परमाणु शक्ति नहीं बनने देना है. अगर दोनों देशों को लग रहा है कि ईरान अपनी महत्वाकांक्षा छोड़ देगा, तो वह गलतफहमी में जी रहे हैं.'

अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकाने पर किया हमला 

बता दें कि फारूक अब्दुल्ला का यह बयान अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकाने पर किए गए हमलों के बाद आया है. 22 जून को अमेरिका के भारी भरकम बम से भरे विमानों ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर हमले किए हैं. इनमें फोर्डो समेत 2 ठिकाने शामिल हैं. यह इलाका ईरान के परमाणु संवर्धन के मुख्य केंद्रों में से एक है. इन जगहों पर GBU-57 A/B बंकर बस्टर बम गिराए गए हैं. 

हमलों के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने दी सीधी चेतावनी 

अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु केंद्रों पर किए गए हमलों के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीधी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि तेहरान संतोषजनक शांति समझौते पर सहमत होने में अगर विफल रहता है, तो आगे की कार्रवाई की जा सकती है. राष्ट्र के नाम पर संबोधन देते हुए ट्रंप ने यह भी कहा कि ईरान के लिए या तो शांति होगी या फिर त्रासदी. हमने पिछले आठ दिनों में जो कुछ देखा है. वैसा ही कुछ आगे भी जारी रहेगा. 

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