रात में बिजली होगी सस्ती, बिल पर इतने रुपये प्रति यूनिट की छूट, हरियाणा सरकार ने उद्योग मालिकों को दी बड़ी सौगात
Haryana: नाइट टैरिफ से उद्योगों और राज्य दोनों को फायदा रात में बिजली की मांग कम रहती है, इसलिए सरकार चाहती है कि उद्योग इस समय अधिक से अधिक बिजली इस्तेमाल करें.
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Electricity Bill: हरियाणा सरकार ने राज्य के उद्योगों को राहत देते हुए नाइट टाइम टैरिफ योजना लागू कर दी है. इस योजना के तहत रात के समय काम करने वाले उद्योगों को बिजली बिल में बड़ी छूट मिलेगी. अब अगर कोई उद्योग रात 10 बजे से सुबह 5:30 बजे तक चलता है और उसका हाईटेंशन (HT) कनेक्शन है, तो उसे प्रति यूनिट 3 रुपये की छूट मिलेगी. यह योजना 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी. इस फैसले का मकसद यह है कि बड़े उद्योग रात के समय ज्यादा बिजली उपयोग करें, जिससे बिजली वितरण संतुलित रहे और उद्योगों को भी फायदा मिल सके. उत्तर हरियाणा और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगमों ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं.
अब कम कीमत पर बिजली - उद्योगों के लिए बड़ा फायदा
अभी तक 66 केवी लाइन वाले उद्योगों को प्रति यूनिट 6.75 रुपये का चार्ज देना पड़ता था.लेकिन नाइट टाइम टैरिफ लागू होने के बाद यह दर घटकर 3.75 रुपये प्रति यूनिट हो जाएगी. यानी लगभग आधी कीमत पर बिजली मिलेगी, जो बड़ी राहत है. हालांकि इस छूट का लाभ उन्हीं उद्योगों को मिलेगा जिनके पास स्मार्ट मीटर लगे हैं. यदि विभाग ने स्मार्ट मीटर नहीं लगाया है, तो उपभोक्ता खुद भी निर्धारित मानकों के अनुसार स्मार्ट मीटर लगवा सकते हैं. अगर किसी उद्योग का मीटर योजना के मुताबिक नहीं पाया गया, तो उसे योजना का फायदा नहीं दिया जाएगा.
योजना का लाभ ऐसे मिलेगा- आसान आवेदन प्रक्रिया
जो उद्योग इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें अपने संबंधित बिजली कार्यालय में आवेदन करना होगा. आवेदन मिलने के बाद विभाग तीन दिन के अंदर स्वीकृति की जानकारी दे देगा. ऊर्जा विभाग ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि नाइट टैरिफ चुनने वाले उपभोक्ताओं के बिजली बिल तय समय के अनुसार सही दरों पर ही जारी किए जाएं. इससे यह सुनिश्चित होगा कि उद्योगों को छूट का पूरा फायदा समय पर मिल सके.
उद्योग जगत की मांग - योजना की अवधि बढ़ाई जाए
कई उद्योग संगठनों का कहना है कि नाइट टाइम टैरिफ अच्छी योजना है, लेकिन इसकी अवधि बहुत कम है. यह योजना पहले केवल नवंबर से मार्च तक के चार महीनों के लिए लागू होती थी. उद्योग जगत की राय है कि सरकार को इस योजना की अवधि बढ़ाकर पूरे साल या कम से कम अधिक महीनों तक लागू करना चाहिए. बड़े उद्योगों के लिए अपनी कार्यशैली को चार महीनों में बदलना आसान नहीं होता। इसमें मशीनरी, उत्पादन लाइन और सबसे अहम मैनपावर के बदलाव का भी समय लगता है. उद्योगों का कहना है कि अगर योजना पूरे साल चले, तो अधिक से अधिक इंडस्ट्री इसका लाभ उठा सकती है.
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नाइट टैरिफ से उद्योगों और राज्य दोनों को फायदा रात में बिजली की मांग कम रहती है, इसलिए सरकार चाहती है कि उद्योग इस समय अधिक से अधिक बिजली इस्तेमाल करें. इससे उद्योगों का खर्च घटेगा और बिजली कंपनियों पर दिन के समय लोड भी कम होगा. कुल मिलाकर, यह योजना उद्योगों को राहत देने के साथ-साथ राज्य की बिजली व्यवस्था को भी संतुलित करेगी.
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