ग्रीन एनर्जी का हॉटस्पॉट बन रहा बिहार, नई उर्जा नीति से खींची चली आ रहीं देश की टॉप कंपनियां, आए 5,000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव
बिहार ग्रीन एनर्जी का नया हॉटस्पॉट बनता जा रहा है, जहां 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए हैं और कई बड़े MoU पर हस्ताक्षर हुए हैं; सरकार ने निवेशकों के लिए दरवाजे खोल दिए हैं और आगे बढ़कर हर स्तर पर सहयोग देने का आश्वासन दिया है. ऊर्जा और औद्योगिक विस्तार को बढ़ावा देने वाली नई नीति के तहत स्टांप ड्यूटी, स्टेट टैक्स और कस्टम ड्यूटी में 100 फीसद छूट दी जाएगी, जिससे लाइसेंसिंग आसान होगी, और टाटा पावर, अदाणी पावर, एलएंडटी, एनटीपीसी ग्रीन जैसी बड़ी कंपनियों की भागीदारी से यह पहल राज्य की ऊर्जा जरूरतें पूरी करने और निवेश को आकर्षित करने की दिशा में निर्णायक साबित होगी.
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बिहार में सीएम नीतीश कुमार के 2005 में सत्ता में आने के बाद से ही बिजली की समस्या का समाधान और गांव-गांव, शहर-शहर, 24 घंटे निर्बाध बिजली मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकता रही है. पूरे देश ने देखा है कि कैसे पिछले दो दशक में इस क्षेत्र में किस तरह काम हुए हैं. मसलन समूचित इलेक्टिसिटी के लिए पुराने ट्रांसफर्मर्स को रिप्लेस किया गया, पुरानी वायर को केबल वायर से बदला गया, पोल-खंभो को मजबूत किया गया, बिजली चोरी पर लगाम कसा गया, बिल के भुगतान पर नियंत्रण किया गया, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नीचे तक किया गया और हाल में टॉप-अप मीटर लगाया जाना, एक जर्नी है और बिहार पूरी मेहनत से यहां तक पहुंचा है. अब इसे और धार देने के साथ-साथ हरित उर्जा को अपनाने का समय है.
इसी सोच और संकल्प को देखते हुए हरित ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते बिहार ने शनिवार को एक और ऐतिहासिक कदम उठाया. पटना स्थित ज्ञान भवन में "बिहार नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों की संवर्द्धन नीति–2025" एवं "पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट प्रोमोशन पॉलिसी 2025" का भव्य लोकार्पण किया गया. इस मौके पर देश की नामी ऊर्जा कंपनियों और पीएसयू के प्रतिनिधियों ने न केवल भाग लिया, बल्कि राज्य में निवेश की जबरदस्त संभावना को लेकर गहरी रुचि भी दिखाई.
5,000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव, हुए कई MOUs साइन
इस आयोजन के दौरान बिहार सरकार ने करीब 5,000 करोड़ रुपये के निवेश वाले कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए. इनमें से प्रमुख रूप से, ब्रेडा और अवाडा के बीच 1 गीगावाट ग्राउंड माउंटेड व फ्लोटिंग सोलर परियोजनाओं के लिए समझौता किया गया.
BSPHCL और SECI के बीच ₹3,000 करोड़ की साझेदारी
बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड और SECI के बीच ₹3,000 करोड़ की साझेदारी पर सहमति बनी है. लार्सन एंड टुब्रो के साथ कजरा लखीसराय में ₹837.66 करोड़ की लागत से 116 मेगावाट/241 मेगावाट घंटा की बैटरी एनर्जी स्टोरेज परियोजना पर समझौता हुआ है. एनटीपीसी ग्रीन और बीएसपीजीसीएल के बीच 1000 मेगावाट बीईएसएस के लिए ₹1,500 करोड़ का करार हुआ है.
देश की शीर्ष कंपनियां पटना में एक मंच पर
इस मौके पर टाटा पावर, अदाणी पावर, लार्सन एंड टुब्रो, एनटीपीसी ग्रीन, विक्रम सोलर, गोदरेज, सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड, ईईएसएल, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, सीईएल समेत कई दिग्गज कंपनियों के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे. सभी ने बिहार की नीतियों की प्रशंसा करते हुए इसे निवेश के लिहाज से सबसे उपयुक्त राज्य बताया है.
बिहार देगा नेट ज़ीरो लक्ष्य को नई रफ्तार: ऊर्जा मंत्री
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि नई नीतियां राज्य को देश की हरित ऊर्जा यात्रा में अग्रणी बनाएंगी. उन्होंने कहा, हम निवेशकों को पूरी सुविधा देंगे. यह नीति स्वच्छ ऊर्जा के साथ-साथ व्यापक रोजगार और औद्योगिक विस्तार का मार्ग प्रशस्त करेगी.
उद्योग मंत्री ने दिखाई नई औद्योगिक नीति की झलक
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने बताया कि जल्द ही बिहार इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025 भी लाई जा रही है. गयाजी में 1700 एकड़ में इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किया जा रहा है. यहां पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों में निवेश का बड़ा अवसर होगा.
टैक्स में छूट, लाइसेंसिंग होगी आसान
ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस नीति की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, हम निवेशकों के लिए 100 फीसद स्टेट GST में छूट देंगे. स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क माफ माफ किया जाएगा. निवेशकों को एसटीयू चार्ज में भी छूट दी जाएगी. 5 वर्षों तक कस्टम ड्यूटी में भी 100 फीसद की छूट का प्रावधान किया गया है. उन्होंने निवेशकों से अपील करते हुए कहा कि आप लोग बिहार आइए, यहां नीतियों का समर्थन है, नेतृत्व का अवसर है और भविष्य की ऊर्जा क्रांति की ज़मीन तैयार है.
बिहार की सोच अब हरित से भविष्य तक
इस कार्यक्रम में बीइआरसी चेयरमैन आमिर सुबहानी, उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, बीएसपीएचसीएल सीएमडी मनोज कुमार सिंह, इन्वेस्टमेंट कमिश्नर कुंदन कुमार सहित कई अधिकारियों ने नीति की उपयोगिता और व्यावहारिक पक्षों पर विस्तार से बात की. उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने इस पहल को विजनरी बताया. कार्यक्रम का समापन बीएसपीजीसीएल एमडी महेंद्र कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.
इस बैठक में ऊर्जा क्षेत्र की देश की करीब 20 दिग्गज कंपनियों ने भाग लिया. ये कंपनियां हैं:
1. टाटा पावर
2. अशोका बिल्डकॉन
3. अवाडा एनर्जी
4. लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी)
5. इंटेली स्मार्ट
6. एनटीपीसी ग्रीन
7. सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया
8. अदाणी पावर
9. सिक्योर मीटर्स
10. अर्न्स्ट एंड यंग (ई एंड वाई)
11. सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड
12. पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया
13. गोदरेज एंटरप्राइजेज
14. विक्रम सोलर लिमिटेड
15. ग्रीनको
16. एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल)
17. वारी एनर्जी
18. सीईएल (सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड)
नवीन ऊर्जा का हब बनेगा बिहार
बिहार सरकार की यह नीति और पहल सिर्फ ऊर्जा उत्पादन को नहीं, बल्कि उसे आर्थिक विकास, रोजगार और औद्योगिक विस्तार से जोड़ने का रणनीतिक प्रयास कर रही है. हरित ऊर्जा के साथ हरित अर्थव्यवस्था की ओर राज्य ने कदम बढ़ा दिया है. आने वाले सालों में नवीन ऊर्जा के हब में उभरेगा जो नए रोजगार का भी सृजन करेगा.
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