Kadak Baat : Deputy Speaker के चुनाव से पहले फंस गया विपक्ष, PM Modi ने कर दिया खेल
डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर विपक्ष फंस गया है. मोदी सरकार ने नया दांव चल दिया है।
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अब विपक्ष मजबूत है तो उसने डिप्टी स्पीकर पद के लिए दावेदारी ठोक दी है। विपक्ष शोर मचा रहा था कि डिप्टी स्पीकर पद नहीं दिया गया। तो वो स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार खड़ा करेगा, खड़ा भी किया।आखिर में क्या हुआ हार ही मिली वहीं दूसरी तरफ डिप्टी स्पीकर को लेकर विपक्ष ने बवाल शुरू कर दिया है। लेकिन मोदी सरकार ने भी विपक्ष को एक और बड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है।सूत्रों के मुताबिक
स्पीकर पद मिलने के बाद अब मोदी सरकार की यह राय है कि टीडीपी जैसे बीजेपी के किसी सहयोगी दल को यह पद मिल सकता है तो ऐसे में विपक्षी खेमें में यह पद नहीं जाने की संभावना है।एक खास बात और बता दें कि जब कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार थी तो डिप्टी स्पीकर का पद बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA के पास था लेकिन अब NDA अलग खेल करने की तैयारी में हैं और इस खेल में फंसेगा तो पूरा विपक्ष। वो कैसे चलिए विस्तार से समझाते।जैसा की लोकसभा स्पीकर के लिए विपक्ष ने वोटिंग करवाई लेकिन बहुमत किसके पास था। NDA के पास जाहिर सी बात है जिसके ज्यादा वोट उसका पलड़ा भारी स्पीकर पद बीजेपी आसानी से जीत ले गई और अब डिप्टी स्पीकर के लिए भी यही होगा दोनों पक्ष अपना अपना उम्मीदवार उतारेंगे और जिसके पाले में ज्यादा वोट जाएंगे। वो आसानी से बाजी मार ले जाएगा यही वजह है कि NDA TDP को इस पद के लिए आगे कर सकता है।क्योंकि NDA के पास बहुमत है ज्यादा वोट है,तो डिप्टी स्पीकर का पद भी हल्ला काट रहे विपक्ष के हाथों से निकला दिखाई दे रहा है।बता दें कि
- 17वीं लोकसभा में उपसभापति का पद खाली था
- 16वीं लोकसभा में तत्कालीन बीजेपी सहयोगी AIADMK के एम थंबीदुरई डिप्टी स्पीकर थे
तो पिछली लोकसभा में विपक्ष मजबूत नहीं था,इसलिए डिप्टी स्पीकर के पद पर ये लोग दावेदारी नहीं कर पाए और जब विपक्ष मजबूत है तो लगातार डिप्टी स्पीकर का पद मांगकर हंगामा काट रहा है। इस मुद्दे पर आप सांसद की संसद में जमकर बहस भी हुई।विपक्ष हंगामा काटने में बिजी है और मोदी सरकार ने खेल शुरू कर दिया है। आगे की धांसू रणनीति सेट कर ली है।जिससे विपक्ष के हाथ खाली रहने वाले हैं।
तो चलिए ये भी बताते है डिप्टी स्पीकर की पावर क्या होती है।दरअसल
- लोकसभा अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपसभापति सदन के संरक्षक के रुप में काम करता है
- अगर डिप्टी स्पीकर सदन की अध्यक्षता नहीं कर रहे होते हैं तो वो बतौर सांसद सदन में बोल सकते हैं
- वरीयता क्रम में उपसभापति दसवें स्थान पर है, जबकि लोकसभा अध्यक्ष छठे स्थान पर है
ऐसे में अब विपक्ष मजबूती से दावा कर रहा है कि कुछ भी हो डिप्टी स्पीकर का पद उन्ही के पाले में जाएगा।अखिलेश यादव तक संसद में ये बात जोरों शोरों से कर चुके हैं।खैर अब डिप्टी स्पीकर पद की गेंद किसके पाले में जाती है।इसकी तस्वीर जल्द ही साफ हो जाएगी।
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