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चीन से गलबहियां यूनुस को पड़ी भारी, भारत ने बांग्लादेश को दी आर्थिक चोट, इन सामानों के आयात पर लगाया बैन

भारत सरकार ने पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश को लेरक बड़ा फैसला लिया है. वाणिज्य मंत्रालय ने बांग्लादेश से आने वाले कुछ सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है. अब कुछ खास सामान ही वो भी कुछ चुनिंदा बंदरगाहों से ही भारत में आएंगे.

मोहम्मद यूनुस भारत के मुश्किल वक्त में साथ नहीं देंगे, भारत से इतर होकर चीन-चीन चिल्लाएंगे और चीन में जाकर भारत के कुछ राज्यों को लेकर विवादित बयान देंगे, तो इसका खामियाजा तो भुगतना ही पड़ेगा बांग्लादेश को लेकर केंद्र सरकार ने कड़ा फैसला लिया है, जिसके बाद कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के बाद अब भारत ने बांग्लादेश पर भी 'व्यापार स्ट्राइक' कर दी है.

दरअसल, भारत ने बांग्लादेश से आने वाले कुछ सामानों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं वाणिज्य मंत्रालय ने बांग्लादेश से भारत में रेडीमेड गारमेंट्स और प्रोसेस्ड फूड जैसे कुछ सामानों के आयात पर सीमित बंदरगाहों से ही अनुमति देने के लिए अधिसूचना जारी की है.

मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, कुछ खास सामान केवल कुछ बंदरगाहों से ही भारत में आ पाएंगे अगर रेडीमेड कपड़ों की बात करें, तो वे केवल न्हावा शेवा और कोलकाता बंदरगाहों से ही भारत आ पाएंगे इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड या प्लास्टिक जैसे सामान भी कुछ खास बंदरगाहों से ही आ सकेंगे. यह कदम भारत की ओर से उठाया गया है. इसे लेकर दुनिया के कई देशों का कहना है कि अगर यूनुस "चीन-चीन" चिल्लाएंगे, तो भारत इसी तरह जवाब देगा.

जानकारी के लिए बता दें कि भारत ने बांग्लादेश के लिए आयात नियमों को सख्त कर दिया है वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी दी है और मंत्रालय के अधीन विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने बड़ा फैसला लिया है.

 यूनुस ने चीन को किया था आमंत्रित

बताया जा रहा है कि जैसे ही यह नियम लागू होने की बात सामने आई, बांग्लादेश में हड़कंप मच गया अब बांग्लादेश से कुछ सामान केवल कुछ ही बंदरगाहों से भारत आ सकेगा इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं, जिनमें व्यापार का असंतुलन और कुछ राजनीतिक टिप्पणियां शामिल हैं.

मोहम्मद यूनुस ने, जो बांग्लादेश के चीफ एडवाइज़र (या कार्यवाहक प्रधानमंत्री) हैं, चीन में जाकर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि भारत के पूर्वी भाग में सात भू-आबद्ध राज्य हैं जिन्हें 'सात बहनों' के नाम से जाना जाता है, और उनका समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है. उन्होंने खुद को "बंगाल की खाड़ी का संरक्षक" बताते हुए चीन से कहा था कि वह बांग्लादेश के रास्ते अपना सामान दुनिया भर में भेज सकता है. यूनुस के इस बयान के बाद भारत ने आक्रामक रुख अपना लिया और अब आयात नियमों को सख्त करते हुए बड़ा फैसला लिया गया है.

 नए नियम से क्या बदलेगा?
नए नियम के अनुसार, रेडीमेड कपड़े केवल दो बंदरगाहों: न्हावा शेवा और कोलकाता से ही आयात किए जा सकेंगे. इन्हें किसी भी ज़मीनी चेक पोस्ट या बंदरगाह से नहीं लाया जा सकेगा. प्रोसेस्ड फूड, कॉटन, फलों का रस, प्लास्टिक और लकड़ी का फर्नीचर, ये सभी सामान भी सिर्फ विशेष बंदरगाहों से ही भारत में आ सकेंगे. यह प्रतिबंध असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, पश्चिम बंगाल के कुछ खास चेक पोस्ट पर लागू होगा, यानी वही राज्य जिनको लेकर यूनुस ने चीन में विवादित टिप्पणी की थी.

हालांकि, यदि बांग्लादेशी सामान भारत के रास्ते नेपाल और भूटान जा रहा है तो उस पर ये नियम लागू नहीं होंगे इसके अलावा मछली, एलपीजी, खाने का तेल और पत्थर के टुकड़े जैसे कुछ जरूरी सामानों को इन प्रतिबंधों से छूट दी गई है.

तुर्की का व्यापारियों ने किया विरोध
इस फैसले से स्पष्ट संदेश गया है कि जो देश भारत के खिलाफ खड़ा होगा, आतंकवाद या दुश्मन देशों का समर्थन करेगा, उसके साथ भारत सख्ती से पेश आएगा यह सिर्फ बांग्लादेश पर लागू नहीं होता, तुर्की इसका एक और उदाहरण है.

तुर्की ने उस समय पाकिस्तान का समर्थन किया जब वह भारत पर आतंकी हमले कर रहा था तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन तक मुहैया कराए, जिनकी मदद से वह भारत पर हमला कर रहा था हालांकि, भारत ने एक-एक कर सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया लेकिन इस पूरे प्रकरण के बाद भारत में "बॉयकॉट तुर्की" अभियान शुरू हो गया.

भारतीय व्यापारियों ने तुर्की के उत्पादों का विरोध किया, जिससे तुर्की को करोड़ों का नुकसान हुआ इस घटनाक्रम ने साफ कर दिया है कि भारत अब सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी जवाब देगा.

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