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योगी सरकार का बड़ा फैसला, नॉन-हाइब्रिड धान की कुटाई पर राइस मिलों को 1% रिकवरी छूट, 15 लाख किसानों को मिलेगा लाभ

सरकार का मानना है कि 1 प्रतिशत रिकवरी छूट से सरकारी स्तर पर धान खरीद और चावल प्रसंस्करण की प्रक्रिया और तेज होगी. इससे पीडीएस हेतु चावल की उपलब्धता प्रदेश के भीतर ही सुनिश्चित की जा सकेगी और अन्य राज्यों से चावल की रैक मंगाने की आवश्यकता कम होगी. यह निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर भी बचत सुनिश्चित करेगा.

04 Nov, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
10:37 AM )
योगी सरकार का बड़ा फैसला, नॉन-हाइब्रिड धान की कुटाई पर राइस मिलों को 1% रिकवरी छूट, 15 लाख किसानों को मिलेगा लाभ

उत्तर प्रदेश सरकार ने धान कुटाई को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य के अन्नदाता किसानों और राइस मिल संचालकों को बड़ी राहत प्रदान की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लिए गए इस फैसले के तहत नॉन हाइब्रिड धान की कुटाई पर राइस मिलों को 1 प्रतिशत रिकवरी छूट दी जाएगी. सरकार का यह कदम न केवल कृषि क्षेत्र को मजबूती देगा, बल्कि रोजगार और निवेश में भी वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा.

किसानों और मिल संचालकों को सीधा लाभ

सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 13 से 15 लाख किसानों और 2000 से अधिक राइस मिल संचालकों को सीधा लाभ मिलेगा. इसके अतिरिक्त योगी सरकार इस राहत पैकेज के अंतर्गत 167 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति भी प्रदान करेगी, जिससे राइस मिल उद्योग को उत्पादन लागत में राहत मिलेगी और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी.

धान खरीद और चावल प्रसंस्करण में तेजी

सरकार का मानना है कि 1 प्रतिशत रिकवरी छूट से सरकारी स्तर पर धान खरीद और चावल प्रसंस्करण की प्रक्रिया और तेज होगी. इससे पीडीएस हेतु चावल की उपलब्धता प्रदेश के भीतर ही सुनिश्चित की जा सकेगी और अन्य राज्यों से चावल की रैक मंगाने की आवश्यकता कम होगी. यह निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर भी बचत सुनिश्चित करेगा.

पहले से हाइब्रिड धान पर 3% छूट लागू

गौरतलब है कि सरकार हाइब्रिड धान की कुटाई पर पहले से ही 3 प्रतिशत रिकवरी छूट दे रही है, जिसके लिए वह प्रतिवर्ष लगभग 100 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति करती है.

रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार

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सरकारी अनुमान के अनुसार इस नीति से प्रदेश में लगभग 2 लाख अतिरिक्त रोजगार अवसर सुदृढ़ होंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कृषि आधारित उद्योगों को गति देगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा. कुल मिलाकर, योगी सरकार का यह निर्णय अन्नदाता किसानों के हितों की रक्षा के साथ-साथ प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.

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