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योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि, किसानों से खरीदा 8.28 लाख MT धान, सिर्फ 48 घंटे में मिले रहे हैं पैसे

UP: योगी सरकार के इन सुधारों और योजनाओं का असर जमीनी स्तर पर साफ दिखाई देता है. रिकॉर्ड स्तर की धान खरीद, पारदर्शी व्यवस्था, बायोमीट्रिक सत्यापन और त्वरित भुगतान ने किसानों की आय बढ़ाई है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हुआ है.

Image Source: Social Media

CM Yogi: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें सीधा फायदा पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धान खरीद को बेहद आसान और पारदर्शी बनाने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. यही कारण है कि आज प्रदेश के किसान बिना किसी दिक्कत के अपना धान सरकारी केंद्रों पर बेच पा रहे हैं और उन्हें पूरा लाभ भी मिल रहा है. सरकार समय-समय पर धान खरीद की समीक्षा करती रहती है ताकि खरीद की प्रक्रिया में कहीं भी कोई रुकावट न आए और किसान को किसी भी स्तर पर परेशानी न झेलनी पड़े. खाद्य एवं रसद विभाग लगातार खरीद केंद्रों की निगरानी कर रहा है और जो भी समस्या आती है, उसे तुरंत हल कर दिया जाता है.

धान खरीद अभियान को मिल रहा किसानों का पूरा सहयोग


पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 1 अक्टूबर से और पूर्वी यूपी में 1 नवंबर से शुरू हुई धान खरीद को किसानों ने पूरे मन से अपनाया है. इसका नतीजा यह है कि खरीद शुरू होने के सिर्फ 59 दिनों के अंदर ही सरकार ने 1.39 लाख से ज्यादा किसानों से 8.28 लाख मीट्रिक टन धान खरीद लिया है. यह आंकड़े बताते हैं कि किसान सरकारी खरीद से संतुष्ट हैं और बड़ी संख्या में केंद्रों पर धान बेचने पहुंच रहे हैं. इतना ही नहीं, अभी तक 5.44 लाख से ज्यादा किसान धान बेचने के लिए पंजीकरण करवा चुके हैं, जिससे साफ दिखता है कि किसानों का भरोसा सरकार की खरीद प्रणाली पर बढ़ा है.

प्रदेश में 4225 खरीद केंद्र—लक्ष्य से भी ज्यादा


सरकार ने किसानों तक धान खरीद की सुविधा पहुंचाने के लिए इस बार पूरे प्रदेश में कुल 4225 खरीद केंद्र खोल दिए हैं, जो पहले तय किए गए लक्ष्य से भी अधिक हैं. इन क्रय केंद्रों पर किसान आसानी से आकर अपना धान बेच सकते हैं और सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ उठा सकते हैं. यह केंद्र गांव-गांव और ब्लॉक स्तर तक पहुंच बना रहे हैं ताकि किसी किसान को दूर न जाना पड़े.

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48 घंटे के अंदर भुगतान, सरकार की सबसे बड़ी सुविधा


सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी किसान को धान बेचने के बाद भुगतान पाने के लिए इंतजार न करना पड़े. इसलिए सरकार की ओर से यह व्यवस्था लागू कर दी गई है कि खरीद के 48 घंटे के अंदर किसान के बैंक खाते में पैसा पहुंच जाए. इससे किसानों को तुरंत राहत मिलती है और उन्हें अगली फसल की तैयारी में आर्थिक परेशानी नहीं झेलनी पड़ती.

खरीद प्रक्रिया में बड़े सुधार  

धान खरीद प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए योगी सरकार ने कई बड़े बदलाव किए हैं, जो जमीन पर साफ दिखने लगे हैं. खरीद केंद्रों पर अब ई-पॉस मशीनों से बायोमीट्रिक सत्यापन किया जाता है, जिससे फर्जी बिक्री और बिचौलियों की गड़बड़ी पूरी तरह बंद हो गई है. केवल वही किसान अपना धान बेच सकते हैं, जिन्होंने पहले पंजीकरण कराया हो. इससे पारदर्शिता बढ़ी है और बिचौलियों की भूमिका बिल्कुल खत्म हो गई है. इसके अलावा 48 घंटे में भुगतान की व्यवस्था और खरीद की खुली निगरानी ने किसानों का सरकार पर भरोसा और बढ़ा दिया है.

एमएसपी पर खरीद - 2369 और 2389 रुपये प्रति कुंतल


सरकार इस बार धान की खरीद 2369 रुपये प्रति कुंतल (कॉमन वैराइटी) और 2389 रुपये प्रति कुंतल (ग्रेड-ए) के एमएसपी पर कर रही है. यह रेट किसानों के लिए काफी फायदेमंद है, क्योंकि वे बिना किसी कटौती के पूरा पैसा सीधे अपने बैंक खाते में पा रहे हैं.

प्रदेश के किन जिलों में कब से शुरू हुई खरीद?

पश्चिमी उत्तर प्रदेश - मेरठ, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद, आगरा, अलीगढ़, झांसी, लखनऊ (लखीमपुर खीरी, हरदोई, सीतापुर):
1 अक्टूबर से धान खरीद जारी है.

पूर्वी उत्तर प्रदेश - अयोध्या, आजमगढ़, कानपुर, चित्रकूट, देवीपाटन, प्रयागराज, गोरखपुर, मीरजापुर, बस्ती, वाराणसी, और लखनऊ के उन्नाव व रायबरेली जिले: 1 नवंबर से धान खरीद शुरू हुई है.
 
किसानों की आय, भरोसा और आत्मनिर्भरता बढ़ी


योगी सरकार के इन सुधारों और योजनाओं का असर जमीनी स्तर पर साफ दिखाई देता है. रिकॉर्ड स्तर की धान खरीद, पारदर्शी व्यवस्था, बायोमीट्रिक सत्यापन और त्वरित भुगतान ने किसानों की आय बढ़ाई है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हुआ है.

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