‘दुनिया को 150 बार तबाह कर सकता हू’ न्यूक्लियर टेस्ट से पहले ट्रंप ने क्यों दी धमकी? जिनपिंग को भी बड़ी चेतावनी
चीन अपनी परमाणु शक्ति को लगातार मजबूत कर रहा है और इसका इस्तेमाल वह ताइवान पर हमले के लिए भी कर सकता है. चीन अपने इरादों को जमीन पर उतारे इससे पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने बड़ी चेावनी दे दी.
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न्यूक्लियर टेस्ट शुरू करने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चौंकाया है. उन्होंने अमेरिका की परमाणु शक्ति के बारे में बताते हुए दुनिया को बड़ी चेतावनी दे दी. ट्रंप ने कहा कि जब रूस, चीन और उत्तर कोरिया अपने परमाणु परीक्षणों पर लगातार काम कर रहे हैं, तो अमेरिका अब और पीछे नहीं रह सकता. इसके साथ ही उन्होंने ताइवान पर चीन की चाल को भी पहले ही भांप लिया.
डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि, अगर उसने ताइवान पर हमला किया, तो इसके परिणाम गंभीर होंगे. दरअसल, ट्रंप ने CBS न्यूज के पॉपुलर शो ‘60 Minutes’ को दिया था. इस दौरान उन्होंने रूस को बड़ा इशारा करते हुए चीन को सीधी चेतावनी दी. ट्रंप ने सभी देशों की परमाणु ताकत के बारे में बताते हुए कहा, हमारे पास इतनी परमाणु शक्ति है कि हम दुनिया को 150 बार तबाह कर सकते हैं. रूस-चीन के पास बहुत हैं. फिर भी हम अकेले देश हैं जो टेस्ट नहीं कर रहे. ऐसे नहीं चलेगा.
ताइवान और चीन पर ट्रंप ने क्या कहा?
चीन अपनी सैन्य ताकत को लगातार बढ़ा रहा है और ताइवान से उसकी दुश्मनी किसी से छुपी नहीं है. ताइवान पर हमले की आशंका को देखते हुए ट्रंप ने पहले ही शी जिनपिंग को सावधान कर दिया.
ट्रंप ने कहा, अगर ताइवान पर हमला हुआ तो शी जिनपिंग जानते हैं कि इसका जवाब क्या होगा? उन्होंने हमारी मुलाकात में इस पर बात नहीं की, क्योंकि वह नतीजे जानते हैं. इस दौरान ट्रंप ने दावा किया है कि जिनपिंग ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि जब तक वह (ट्रंप) राष्ट्रपति हैं, तब तक चीन ताइवान को अपने नियंत्रण में लेने की कोई सैन्य कार्रवाई नहीं करेगा.
क्या ताइवान की रक्षा करेगा अमेरिका?
’60 मिनट्स’ के साथ इंटरव्यू के दौरान ट्रंप से पूछा गया कि, अगर चीन हमला करता है तो क्या ट्रंप अमेरिकी सेना को ताइवान की रक्षा करने का आदेश देंगे? इस पर ट्रंप ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया.
परमाणु परीक्षण पर ट्रंप ने क्या कहा?
हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दक्षिण कोरिया के बुसान में मुलाकात की. इस मुलाकात से पहले उन्होंने सोशल मीडिया ट्रूथ पर एक पोस्ट कर अमेरिका में न्यूक्लियर टेस्ट शुरू करने की जानकारी दी. उन्होंने इसे दोहराते हुए कहा, रूस, चीन और उत्तर कोरिया लगातार अपने हथियार कार्यक्रमों पर काम कर रहे हैं, और अमेरिका अगर चुप बैठा रहा तो ‘रणनीतिक संतुलन बिगड़ जाएगा.’
उत्तर कोरिया से लेकर रूस तक ट्रंप का संदेश
डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु संपन्न देशों का जिक्र करते हुए कहा, ‘नॉर्थ कोरिया तो हर महीने न्यूक्लियर टेस्ट करता है. चीन और रूस भी लगातार अपने कार्यक्रम चला रहे हैं. तो हम क्यों रुकें.’
दरअसल, बार-बार परमाणु परीक्षण के जिक्र के साथ ही ट्रंप की बेचैनी भी साफ झलक रही है. अमेरिका को डर है कि, दुनिया के कई देश खासकर चीन और रूस लगातार अपनी शक्तियों को बढ़ा रहे हैं. ऐसे में वह कहीं अमेरिका से आगे न बढ़ जाएं. इसी डर का नतीजा है कि ट्रंप ने अमेरिकी सेना को फौरन न्यूक्लियर टेस्ट शुरू करने के आदेश दिए हैं.
रूस ने बढ़ाई परमाणु शक्ति
रूस ने हाल ही में परमाणु संचालित अंडर वाटर ड्रोन और परमाणु-सक्षम क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण का दावा किया है. जिसे रूस ने अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया था. जबकि ट्रंप इसके खिलाफ थे. उन्होंने रूस को युद्ध खत्म करने पर ध्यान देने की नसीहत दी थी, हालांकि रूस ने इसे दरकिनार कर दिया. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूस पर फिर दावा किया कि, रूस ने हाल ही में ‘अनलिमिटेड रेंज वाली’ ब्यूरवेस्तनिक मिसाइल का परीक्षण किया है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि, अमेरिका की नीति ‘खुली और पारदर्शी’ है. जबकि बाकी देश छिपकर काम करते हैं. ट्रंप ने अपने बयान ये भी साफ किया कि, अमेरिका अब ‘सिर्फ संयम दिखाने’ की नीति नहीं अपना सकता. क्योंकि दूसरे देश इसे कमजोरी मान लेते हैं.
’60 मिनट्स’ के साथ इंटरव्यू में ट्रंप से पुतिन और जिनपिंग की तुलना को लेकर सवाल किया गया. उनसे पूछा गया कि, दोनों में से किससे निपटना ज्यादा मुश्किल है? इस पर उन्होंने जवाब दिया, दोनों हार्ड और स्मार्ट हैं. ये वो लोग हैं जिनसे खेला नहीं जा सकता. ये मजाक के लिए नहीं बैठे होते. ये गंभीर और मजबूत नेता हैं.
ट्रंप ने फिर किया भारत-पाक युद्ध रोकने का दावा
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हमेशा की तरह इस बार भी ट्रंप युद्ध रोकने का क्रेडिट लेने से नहीं चूके. उन्होंने फिर दावा किया है कि, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने में उन्होंने बड़ा रोल अदा किया. ट्रंप ने कहा, भारत और पाकिस्तान परमाणु युद्ध की कगार पर थे. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खड़े होकर उनका (ट्रंप) जिक्र किया था कि, अगर वह बीच में नहीं आते तो लाखों लोग मारे जाते. इससे पहले 70 बार ट्रंप भारत-पाक के बीच युद्ध रुकवाने का दावा कर चुके हैं. उन्होंने कहा, उनकी दखल के बाद ही दोनों की लड़ाई आगे नहीं बढ़ी.
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