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हिमाचल में गिरेगी कांग्रेसी सरकार ? जबरदस्त विरोध में उतरी जनता !

हिमाचल प्रदेश की सुक्खु सरकार एक ऐसा फ़ैसला लेने जा रही जिसे लेकर कहा जा रहा है कि वो ताबूत में आख़िरी कील साबित हो सकती है।

16 Feb, 2025
( Updated: 03 Dec, 2025
01:49 PM )
हिमाचल में गिरेगी कांग्रेसी सरकार ? जबरदस्त विरोध में उतरी जनता !
लगता है देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को बर्बाद करने का ज़िम्मा ख़ुद कांग्रेसियों ने ही उठा रखा है। बहुत दूर जाने की ज़रूरत नहीं है, कांग्रेसी नेताओं के बयान, कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के फैसले लगता है कांग्रेस की बची कुची नैया भी डुबो के ही मानेंगे। कई राज्यों से तो कांग्रेस पहले ही बाहर हो चुकी है, जिनमें बची है वहां से बेइज्जत होकर खदेड़े जाने का इंतज़ाम कर रही है।

जो फ़ैसला अब हिमाचल प्रदेश की कांग्रेसी सुक्खु सरकार ने लिया है, यक़ीं मानिये हिंदुओं की आस्था पर चोट करने से पहले कम से कम एक बार तो सोच लेना चाहिये थे, क्योंकि इस फ़ैसले पर जनता कह रही है कि कांग्रेस सरकार अपनी कब्र में एक और कील गाड़ने का काम कर रही है, विनाश काले विपरीत बुद्धि। आख़िर ऐसा कौन सा फ़ैसला सुक्खु सरकार की तरफ़ से लिया जा रहा है चलिये आपको बताते हैं।

दरअसल हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से 35 किमी दूर बसा है मणिकरण। यहां पर चूंकि धरती के गर्भ से गर्म पानी निकलता है तो इसकी अपने आपमें खूब मान्यता है, लेकिन इसी पावन कुंड के साथ सरकार छेड़छाड़ कर इसे कसौल लेकर जाने का खाका तैयार कर रही है। मणिकरण घाटी के ग्राहण में ईको पर्यटन नेचर पार्क बनाया जाएगा। इस नेचर पार्क के लिए मणिकर्ण से कसोल तक गर्म पानी लेने जाने की चर्चा है। मतलब पावन कुंड से छेड़छाड़ कर इस पानी को कसोल आने वाले पर्यटकों के लिए ले जाया जा रहा है ताकि वो इसका आनंद ले सकें, क्या ये हिंदुओं की आस्था को आघात पहुँचाने वाली बात नहीं ?


बिलकुल है, तभी तो हिमाचल के लोग सड़कों पर उतरकर इसका विरोध कर रहे हैं। घाटी के लोगों ने DC कुल्लू के सामने इस मुद्दे को रखा है और पानी के साथ छेड़छाड़ ना करने की अपील की है। मणिकरण का चूँकि धार्मिक महत्व ह इसलिए इसे कहीं और लेकर ना जाया जाये। बस इसी को लेकर हिमाचल की सरकार के ख़िलाफ़ जनता का रोष ज़ाहिर हो रहा है।

आप सोचिये पवित्र स्थान से पानी लेकर किसी पर्यटन स्थल पर सरकार क्यों लेकर जाना चाहेगी ? निश्चित तौर पर पैसा कमाने के लिए ? अब वही जनता सरकार के विरोध में उतर आई है। लोगों का कहना है कि कमाई के और भी ज़रिये हो सकते हैं, ये तो बिलकुल नहीं।
बहरहाल आपको मणिकरण के बारे में बता दें। यहां पर दो धर्मों का संगम होता है। नदी के एक तरफ़ शिव मंदिर है और दूसरी तरफ़ गुरुद्वारा, बीच में बहती है व्यास और पार्वती नदी। अब वैसे तो मणिकरण में काफ़ी बर्फ़ पड़ती है, हाड़ कंपा देने वाली सर्दी पड़ती है लेकिन इन सबसे इतर मणिकरण में खौलता पानी नज़र आता है। भाप निकलती रहती है। धरती के गर्भ से खौलता पानी निकलता रहता है।

इसके पीछे की कई कथाएं हैं। कहा जाता है कि शेषनाग ने महादेव के ग़ुस्से से बचने के लिए एक दुलर्भ मणि फेंक दी थी, इस वजह से ये चमत्कार हुआ। मणि के तेज से खौलता हुआ पानी निकलता है। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि गुरुद्वारा हो या मंदिर आप फ़र्श पर नंगे पैर चल नहीं सकते हैं। वैसे इसके पीछे साइंटिस्ट अपना तर्क देते हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि पानी के नीचे Radium जेनरेट होने की वजह से यहां का पानी हमेशा गर्म निकलता है।

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