सऊदी अरब को अपने परमाणु हथियार सौंपेगा पाकिस्तान? ख्वाजा आसिफ के बयान से बवाल, पुरानी डील का भी हो रहा खुलासा!
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक बायन देकर उन अफवाहों को फिर से हवा दे दी है कि उसका परमाणु कार्यक्रम सऊदी अरब द्वारा को-स्पॉन्सर्ड है. यानी कि सऊदी ने यही कहकर पाक को सीक्रेटली पैसे दिए थे कि वो जरूरत पड़ने पर उसे अपने परमाणु हथियार देगा.
Follow Us:
पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम हमेशा से वसूली, पैसे, ब्लैकमेलिंग और भारे पर देने के लिए था, इस बात पर अब मुहर लग गई है. पाक के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वो अपना परमाणु कार्यक्रम सऊदी अरब को दे सकता है. यानी कि आतंकिस्तान ने साफ कर दिया है कि वो पैसे के लिए अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम का ब्लूप्रिंट बेच सकता है.
चोरी का है पाकिस्तान का न्यूक्लियर हथियार?
पाकिस्तान के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उसका पूरा परमाणु कार्यक्रम ही चोरी और आयातित टेक्नोलॉजी पर है. पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्रोम के जनक अब्दुल कादिर खान के बारे में मशहूर है कि उसने बतौर Super SPY के रूप में काम किया URENCO के प्लांट से महज 16 दिनों के अंदर पूरा फॉर्मूला चुरा लिया.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ के इस बयान के काफी मायने निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि सऊदी अरब, ईरान और इजरायल के खिलाफ पाकिस्तानी न्यूक्लियर प्रोग्राम का इस्तेमाल जब चाहे कर सकता है और इस्लामाबाद पैसे के लिए ये बखूबी करेगा. यानी कि PAK-सऊदी रक्षा समझौते की अहमियत इसी से समझी जा सकती है कि वो किस दिशा में जा रही है.
जानकारों के मुताबिक यह कदम इजरायल को कूटनीतिक संदेश देने के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि पाकिस्तान से इतर सऊदी अरब अब तेल अवीव की तरफ अब उस तरह का होस्टाइल नहीं रहा है जैसा वो पहले हुआ करता था. अब्राहम अकॉर्ड होने के बाद चीजें बदल गईं हैं. UAE ने एक तरह से इजरायल को मान्यता दे ही दी है, फ्लाइट ऑपरेशन भी शुरू कर दिया गया है. और तो और दोनों देशों के बीच डिप्लोमेटिक मिशन भी स्थापित हो गया है. और ऐसा कहा जाता है कि संयुक्त अरब अमीरात बिना सऊदी अरब की सहमति के कोई भी बड़ा फैसला नहीं लेता है.
इजरायल को लंबे समय से मिडिल ईस्ट का अकेला परमाणु हथियार संपन्न देश माना जाता है. ऐसे में यह बयान ऐसे समय आया है जब पिछले हफ्ते इजरायल ने कतर में हमास आतंकियों को निशाना बनाते हुए हमला किया था, जिसमें छह लोग मारे गए थे. इस घटना के बाद खाड़ी अरब देशों में अपनी सुरक्षा को लेकर नई चिंताएं बढ़ गई हैं. यह सब उस वक्त हो रहा है जब IDF गाजा पट्टी पर पूर्ण कब्जे के लिए टैक और हथियार लेकर अंदर दाखिल हो चुकी है.
⚡ BIG: Pakistan Def Minister says it’s nukes are available for Saudi Arabia:
— OSINT Updates (@OsintUpdates) September 19, 2025
Pakistani Defense Minister Khawaja Asif said Pakistan’s nuclear capabilities would be available under the new Pakistan-Saudi mutual defence pact.
“What we have, our capabilities, will absolutely be… pic.twitter.com/kPU6tb67gu
क्या सऊदी अरब को अपना न्यूक्लियर प्रोग्राम देगा पाकिस्तान?
आपको बताएं कि पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो टीवी को दिए इंटरव्यू में आसिफ से जब सवाल किया गया कि क्या पाकिस्तान को परमाणु हथियारों से मिलने वाली ताकत और डराने वाली (डिटेरेंस) क्षमता सऊदी अरब को भी मिलेगी? इस पर आसिफ ने कहा, 'मैं पाकिस्तान की परमाणु क्षमता के बारे में एक बात साफ कर दूं. यह क्षमता हमने बहुत पहले ही हासिल कर ली थी, जब हमने परीक्षण किए थे. तब से हमारी फौजें जंग के मैदान के लिए प्रशिक्षित हैं.' 'हमारे पास जो भी है, उन्हें दिया जाएगा.’ उन्होंने आगे कहा, 'जो हमारे पास है और जो क्षमताएं हमने विकसित की हैं, उन्हें (सऊदी अरब) को इस समझौते के तहत उपलब्ध कराया जाएगा.'
KSA will support Pakistan when it goes to war with even India - NaPak Def Min Khwaja Asif
— India Strikes YT 🇮🇳 (@IndiaStrikes_) September 20, 2025
He, however, wasn't clearly able to say, so let us do it.
KSA has more to gain from their relations with India than the other. KSA-NaPak Security Pact is nothing more than NaPak selling… https://t.co/Dtx6CfqkiF pic.twitter.com/u9N68fAEYa
आपको बता दें कि बुधवार को पाकिस्तान और सऊदी अरब ने स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट (SMDA) पर साइन किए हैं. इसके तहत अगर अब 'एक पर हमला दोनों पर हमला' माना जाएगा. इस एग्रीमेंट के सामने आने के बाद आतंकिस्तान की तरफ से तो काफी गीदड़भभकी दी जा रही है. वो इसे ऐसे प्रोजेक्ट कर रहा है जैसे कि जंगी हालात में, चाहे वो भारत से हो या अफगानिस्तान से, सऊदी अरब उसे अपने ऊपर हमला मानकर कर अटैक कर देगा. हालांकि हालांकि अब तक सऊदी अरब ने इस समझौते पर आधिकारिक तौर पर कुछ कहा है.
A potentially consequential step in Pakistan-Saudi relations has been reportedly been announced, a mutual defense agreement (not on the level of a treaty, but it’s not clear if Saudi Arabia and #Pakistan make a distinction between a treaty and an agreement) stating that any…
— Zalmay Khalilzad (@realZalmayMK) September 17, 2025
सऊदी अरब का है पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम?
आपको बताएं कि किस्तान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में कहा जाता है कि ब्लूप्रिंट के मामले में चुराया हुआ है, और इसके लिए फंडिंग सऊदी अरब ने की थी. इस संबंध में लंबे समय से उड़ रहे अफवाहों को और हवा देते हुए अमेरिका के दिग्गज डिप्लोमेट और अफगानिस्तान के लिए पूर्व अमेरिकी दूत जल्मे खलीलजाद ने कहा कि जो समझौता सऊदी-पाकिस्तान के बीच हुआ है, क्या वो ये कन्फर्म कर रहा है कि पाकिस्तानी न्यूक्लियर प्रोग्राम सऊदी अरब का फंड किया हुआ है.
यह भी पढ़ें
और तो और पाकिस्तान के सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर जनरल फिरोज हसन खान ने कहा था कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 'खुले हाथों वित्तीय मदद दी थी, जिसकी वजह से परमाणु कार्यक्रम जारी रह सका, खासकर उस समय जब देश पर पाबंदियां लगी हुई थीं.'
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें