ग्रेट निकोबार द्वीप समूह परियोजना के विरोध में क्यों उतरी कांग्रेस ?
ग्रेट निकोबार द्वीप समूह परियोजना है क्या ? कांग्रेस ग्रेट निकोबार द्वीप समूह परियोजना के विरोध में क्यों ? जयराम रमेश ने इस प्रोजेक्ट को बंद करने की मांग क्यों की ? जानिए सबकुछ।
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क्या है ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट?
इस प्रोजेक्ट के जरिए एक ऐसी जगह विकसित करने की योजना है जहां दुनियाभर के जहाज पहुंच सकें। सामान का आयात-निर्यात हो सके, केंद्र सरकार का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से पर्यटन, व्यापार और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में इस प्रोजेक्ट को लागू किया जाना है। अलग-अलग बंदरगाहों के बीच कंटेनरों के ट्रांसशिपमेंट को सुविधाजनक बनाने के लिए इस प्रोजेक्ट पर सरकार काम कर रही ।
ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट में कितना खर्च ?
रिपोर्ट के मुताबिक इसकी लागत 41000 करोड़ रुपये है, कुछ महीनों में प्रोजेक्ट का काम शुरू हो जाएगा।प्रोजेक्ट को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) से मंजूरी मिल गई है ।अब जब इस प्रोजेक्ट से भारत के आयात-निर्यात में इज़ाफ़ा और फ़ायदा होगा तो फिर इसका विरोध क्यों किया जा रहा है, तो इसके पीछे का कारण ये बताया जा रहा है कि- इस प्रोजेक्ट की वजह से आस-पास रहने वाले आदिवासी समुदायों के लोगों को परेशानी होगी, उनके अधिकार छिन जाएंगे, 130 वर्ग किलोमीटर का जंगल खत्म हो सकता है, शोमपेन जनजाति के जीवन पर भी बुरा असर पड़ेगा।
ऐसे में अब कांग्रेस ने इस प्रोजेक्ट का विरोध शुरु कर दिया है, कांग्रेस नेता जयराम रमेश को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर शिकायत की और इस परियोजना को बंद करने की माँग कर दी है। जयराम रमेश ने अपने पत्र में लिखा- इस परियोजना को दी गई सभी मंजूरी को तुरंत सस्पेंड किया जाए और संसदीय समिति द्वारा इसकी गहन और निष्पक्ष समीक्षा करने के बाद ही इसे लागू किया जाए, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को अपना धर्म निभाना चाहिए, इस परियोजना के विनाशकारी पारिस्थितिक और मानवीय परिणाम हो सकते हैं, शोम्पेन जनजाति पर बुरा असर पड़ेगा।
फ़िलहाल केंद्र सरकार ग्रेट निकोबार द्वीप समूह परियोजना को लेकर पूरी तैयार है और कांग्रेस इसके विरोध में अब केंद्रीय मंत्री को पत्र लिख रही है।
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