तमिलनाडु का अगला सीएम कौन ? अन्नामलाई, थलापति, स्टालिन पर सर्वे में बड़ा खुलासा
तमिलनाडु में चुनाव से पहले सर्वे शुरु हो चुके हैं, तमिलनाडु के मौजदूा राजनीतिक समीकरण को देखते हुए सी वोटर ने सर्वे किया और पसंदीदा मुख्यमंत्री को लेकर सवाल किया गया, विस्तार से जानिए पूरी खबर
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ऐसे में चुनाव से पहले सर्वे शुरू हो चुके हैं। तमिलनाडु के मौजूदा राजनीतिक समीकरण को देखते हुए सी वोटर ने सर्वे किया और पसंदीदा मुख्यमंत्री को लेकर सवाल किया गया। इस सर्वे में बीजेपी के तमिलनाडु अध्यक्ष के अन्नामलाई, TVK पार्टी के अध्यक्ष थलापति विजय, और मौजूदा मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को लेकर सवाल किया गया कि किसे वे अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे हुए। जनता ने बता दिया कि किसे वह अगला मुख्यमंत्री तमिलनाडु में बनाना चाहती है। दरअसल, इस वक्त हिंदी को लेकर जिस तरह से हंगामा तमिलनाडु में मचा हुआ है, वह यहां के चुनाव में एक अहम मुद्दा होगा। ऐसे में पसंदीदा मुख्यमंत्री के सवाल पर सर्वे में:
- 27 प्रतिशत लोगों ने एमके स्टालिन को मुख्यमंत्री पद के लिए पसंदीदा बताया।
- TVK पार्टी के चीफ थलापति विजय को 18 प्रतिशत लोग सीएम देखना चाहते हैं।
- AIADMK महासचिव पलानीस्वामी को 10 प्रतिशत लोग सीएम बनाना चाहते हैं।
- 9 प्रतिशत लोगों की पसंद बीजेपी के तमिलनाडु के अध्यक्ष के अन्नामलाई हैं।
तमिलनाडु में पसंदीदा मुख्यमंत्री को लेकर सर्वे में लोगों ने इस तरह से अपनी राय रखी। यानि मौजूदा मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ही तमिलनाडु के लोगों की पहली पसंद हैं, और इसके पीछे का कारण है स्टालिन के काम को लोग पसंद कर रहे हैं। स्टालिन सरकार के कामकाज पर:
- 15 प्रतिशत लोगों ने संतुष्टि जताई।
- 36 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह तमिलनाडु सरकार के काम से कुछ हद तक संतुष्ट हैं।
- 25 प्रतिशत लोग राज्य सरकार के काम से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं।
- 25 प्रतिशत लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया।
वहीं नए-नए राजनीति में आए सुपरस्टार विजय थलापति की लोकप्रियता सर्वे में खूब दिखी है, क्योंकि 18 प्रतिशत लोग उन्हें पसंद कर रहे हैं। वहीं बीजेपी के लिए तमिलनाडु में मुश्किलें अभी भी बनी हुई हैं। बताते चलें कि वहां हिंदी का मुद्दा खूब छाया हुआ है। स्टालिन हों या फिर विजय थलापति, हर कोई हिंदी का विरोध कर रहा है। मुख्यमंत्री स्टालिन हिंदी पर कहते हैं:
"अगर केंद्र सरकार हिंदी थोपने की कोशिश करती है, तो हम इसके खिलाफ पूरी तरह तैयार हैं। तमिलनाडु सिर्फ तमिल और अंग्रेजी का पालन करेगा। हिंदी को थोपने की किसी भी कोशिश का विरोध होगा।"
वहीं विजय थलापति ने जबसे राजनीति में कदम रखा है, तबसे ही हिंदी पर लगातार बोल रहे हैं:
"कोई भी व्यक्ति कोई भी भाषा सीख सकता है, लेकिन राज्य पर किसी अन्य भाषा को थोपकर और उसे राजनीतिक रूप से लागू करके राज्य की भाषा पर प्रश्नचिह्न लगाना अस्वीकार्य है। हम किसी अन्य भाषा के लिए अपना आत्मसम्मान नहीं छोड़ेंगे।"
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि तमिलनाडु में किस तरह से हिंदी को लेकर राजनीति हो रही है और चुनाव में यह अहम मुद्दा बन रहा है। ऐसे में बीजेपी के तमिलनाडु अध्यक्ष के अन्नामलाई ने हिंदी पर बयान देने वालों को जवाब देते हुए कहा:
"डीएमके की भाषा नीति में पाखंड है। जहां स्टालिन दावा करते हैं कि वह किसी भाषा का विरोध नहीं करते, वहीं तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों के छात्रों को तीसरी भाषा सीखने का मौका नहीं दिया जाता है, जबकि प्राइवेट स्कूलों में यह सुविधा है। किसी ने कोई भाषा थोपने की कोशिश नहीं की, झूठ फैलाया जा रहा है।"
तमिलनाडु में सर्वे के बीच हिंदी की यह लड़ाई जारी है। प्रांत पर हिंदी थोपने का आरोप स्टालिन और विजय थलापति लगा रहे हैं, तो वहीं अन्नामलाई कह रहे हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं है। लेकिन इतना तो तय है कि 2026 के विधानसभा चुनाव में तमिलनाडु में हिंदी का मुद्दा छाया रहेगा। इसके अलावा भी कई मुद्दे इस चुनाव में रहेंगे, जैसे:
- महिलाओं की सुरक्षा
- बेरोजगारी का मुद्दा
- नशीली दवाओं और शराब का मुद्दा
- विधायकों से जनता की नाराज़गी का मुद्दा
तो देखना होगा कि जनता किसे तमिलनाडु के लिए 2026 में चुनती है। फिलहाल सर्वे में तो स्टालिन आगे हैं, विजय थलापति की भी लोकप्रियता बढ़ी है, और अन्नामलाई का संघर्ष जारी है।
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