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कौन हैं बिहार की सविता देवी जिन्हें राष्ट्रपति और पीएम मोदी के साथ डिनर के लिए भेजा गया न्यौता, फूले नहीं समा रहे गांव वाले

बिहार की सविता को जब राष्ट्रपति भवन से 15 अगस्त की शाम आयोजित होने वाले विशेष रात्रि भोज का आमंत्रण मिला, तो पूरे गांव में जैसे उत्सव सा माहौल बन गया. यह आमंत्रण सविता देवी को प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत एक प्रेरणास्पद लाभार्थी के रूप में मिला है, एक ऐसा पल जो न केवल उनके जीवन का गौरव बन गया, बल्कि हर उस आम नागरिक की उम्मीद को भी जगाता है कि उनके जीवन में भी यह मौका फिर आ सकता है. तो आखिर कौन हैं सविता?

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04 Aug 2025
( Updated: 11 Dec 2025
02:02 PM )
कौन हैं बिहार की सविता देवी जिन्हें राष्ट्रपति और पीएम मोदी के साथ डिनर के लिए भेजा गया न्यौता, फूले नहीं समा रहे गांव वाले
Image: Savita Devi

कल्पना कीजिए-बिहार की मिट्टी की सौंधी खुशबू में पली-बढ़ी, जीवन की रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने में जुटी एक साधारण महिला, जिसकी दुनिया चूल्हे-चौके, खेत-खलिहान और बच्चों की परवरिश तक सिमटी हो-अगर उसी महिला को देश की प्रथम नागरिक, भारत की राष्ट्रपति, और सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन शख्सियत के साथ एक ही टेबल पर बैठकर, लाइट-कैमरा और मीडिया अटेंशन के बीच भोजन करने का अवसर मिल जाए, तो वह क्षण उसके लिए कैसा होगा? ऐतिहासिक ना? बिल्कुल-बिहार के पटना जिले के मसौढ़ी की साधारण गृहिणी सविता देवी के साथ कुछ ऐसा ही होने जा रहा है. सविता के लिए यह सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात नहीं, बल्कि उनके आत्मसम्मान और उसके जीवन-संघर्षों की एक गूंज है. एक ऐसा अनुभव जो यह साबित करता है कि देश के सर्वोच्च पद पड़ बैठा व्यक्ति भी आम लोगों के लिए सोचता है. 

जी हां, सविता को जब राष्ट्रपति भवन से 15 अगस्त की शाम आयोजित होने वाले विशेष रात्रि भोज का आमंत्रण मिला, तो पूरे गांव में जैसे उत्सव सा माहौल बन गया. यह आमंत्रण सविता देवी को प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत एक प्रेरणास्पद लाभार्थी के रूप में मिला है, एक ऐसा पल जो न केवल उनके जीवन का गौरव बन गया, बल्कि हर उस आम नागरिक की उम्मीद को भी जगाता है कि उनके जीवन में भी यह मौका फिर आ सकता है.

सविता देवी पूरे बिहार से चुनी गईं तीन लाभार्थियों में शामिल हैं, और मसौढ़ी से चयनित होने वाली अकेली महिला हैं. जैसे ही डाक से आमंत्रण पत्र उनके घर पहुँचा, वह उसे लेकर नगर परिषद कार्यालय पहुंचीं. वहां कार्यपालक पदाधिकारी और मसौढ़ी प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) ने उन्हें इस आमंत्रण की गरिमा और उसके पीछे छिपे महत्व के बारे में विस्तार से समझाया.

मसौढ़ी के वार्ड नंबर 2, तारेगना डीह की रहने वाली सविता देवी को राष्ट्रपति भवन से एक शानदार कार्ड मिला है. इस कार्ड के साथ एक इनविटेशन लेटर और कई गिफ्ट भी भेजे गए हैं. कार्ड पर सुंदर मधुबनी पेंटिंग बनी हुई है, जो देखने में बहुत ही आकर्षक है. इसके साथ एक बैग भी आया है. ये सब पाकर सविता देवी और उनका पूरा परिवार बेहद खुश है. ये पूरे मसौढ़ी के लिए गर्व की बात है. नगर परिषद के अधिकारी, रिश्तेदार और मोहल्ले के लोग उन्हें लगातार बधाई दे रहे हैं."

BDO ने बताया कि सविता देवी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिस तरह अपने घर का निर्माण कराया है, वह योजना के उद्देश्यों, मानकों और गुणवत्ता का उत्कृष्ट उदाहरण है. इसी वजह से उनका चयन राष्ट्रीय स्तर पर सराहे जाने वाले लाभार्थियों में हुआ है.

यह सम्मान उस नई सोच और दृष्टिकोण का भी प्रतीक है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में सामने आया है. एक ऐसी अनोखी पहल, जिसमें देश के आम नागरिकों, मेहनतकश लाभार्थियों और जमीनी स्तर पर बदलाव लाने वाले लोगों को भी राष्ट्रीय मंच पर सम्मानित किया जा रहा है. राष्ट्रपति भवन का दरवाज़ा अब सिर्फ नेताओं और अधिकारियों के लिए नहीं, बल्कि उन साधारण भारतीयों के लिए भी खुला है, जिन्होंने सरकारी योजनाओं का सही लाभ लेकर अपने जीवन को बदला और समाज के लिए मिसाल कायम की.

सविता देवी को क्यों आया राष्ट्रपति भवन से डिनर का न्यौता?
सविता देवी, बिहार के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं. वे स्वर्गीय शिवशंकर पंडित की पत्नी हैं और लंबे समय तक पक्के घर का सपना देखती रहीं. यह सपना तब साकार हुआ जब उनका चयन प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)-ग्रामीण संस्करण 1.0 के तहत हुआ. पहले उनका जीवन कच्चे मकान की असुरक्षा और सीमित संसाधनों में बीत रहा था, लेकिन इस योजना की मदद से उन्होंने अपना एक सुंदर, मजबूत और स्वाभिमान से भरा घर बना लिया. अब उनका यह घर न सिर्फ रहने की जगह है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी बन चुका है.

सम्मानित होंगी पटना की सविता देवी!

इस योजना की सफलता की मिसाल के रूप में सविता देवी को अब राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा रहा है. 15 अगस्त की शाम 6 बजे, वे राष्ट्रपति भवन में आयोजित विशेष डिनर कार्यक्रम में शामिल होंगी. यह आमंत्रण उन्हें पूरे बिहार राज्य से प्रधानमंत्री आवास योजना की एक आदर्श लाभार्थी के रूप में मिला है. इस गरिमामयी अवसर पर देश के प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रीगण और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे. समारोह के दौरान राष्ट्रपति सविता देवी को औपचारिक रूप से सम्मानित करेंगे — यह पल न केवल उनके लिए, बल्कि बिहार और देश के उन लाखों परिवारों के लिए प्रेरणा है, जो अब भी एक पक्के घर के सपने देख रहे हैं.

ऐसे समय में जब लोग बहुत हद तक अपने छोटे काम के लिए भी सरकारी दफ्तर के चक्कर लगाते हैं, सरकार से योजनाओं के पैसे लेकर कार्य पूरे नहीं करते हैं, उस समाज में सविता ने न सिर्फ योजना का लाभ लिया बल्कि उसे जमीन पर उतारा भी. इस कार्य के लिए उनके साथ-साथ पूरा तंत्र भी बधाई का पात्र है जिसने न सिर्फ लाभार्थियों की मदद की बल्कि उनका हक उन्हें दिया.

आज सविता देवी सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि प्रेरणा बन चुकी हैं. वो अब मसौढ़ी की पहचान, बिहार का गौरव और देश की बदलती तस्वीर की झलक हैं. उनका यह सम्मान यह सिद्ध करता है कि जब सरकार की योजनाएं ज़मीनी सच्चाई से जुड़ती हैं और आमजन ईमानदारी से उनका लाभ उठाते हैं, तो असाधारण परिवर्तन संभव है. यह कहानी हर उस महिला की आवाज़ है, जो सीमित साधनों में भी बड़े सपने देखती है. राष्ट्रपति भवन में सविता देवी की दर्ज होने वाली उपस्थिति बताती है कि अब सम्मान सिर्फ सत्ता तक सीमित नहीं, वह उस मिट्टी तक पहुंच चुका है जहाँ असली भारत सांस लेता है.

क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)?
प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी. इसका उद्देश्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब और निम्न-आय वर्ग के लोगों को आवासीय सुविधा प्रदान करना है. योजना के अंतर्गत, जो लोग अपनी ज़मीन पर घर बनाते हैं, उन्हें 2.5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है. जिनके पास जमीन नहीं है, उन्हें बिल्डरों के साथ साझेदारी के ज़रिए घर उपलब्ध कराए जाते हैं. इसके अलावा, यदि कोई लाभार्थी होम लोन लेता है, तो उसे 1.80 लाख रुपये तक की सब्सिडी भी दी जाती है. प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण विशेष रूप से उन लोगों को ध्यान में रखकर बनाई गई है जो कच्चे या एक कमरे वाले मकानों में रहते हैं और जिन्हें पक्के घर की सबसे ज्यादा जरूरत है.

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सविता देवी की कहानी इस योजना की ज़मीनी सफलता का जीवंत प्रमाण है. उनकी मेहनत, योजना की प्रभावशीलता और सरकार की जन-कल्याणकारी सोच — ये सभी मिलकर एक ऐसे भारत की तस्वीर पेश करते हैं, जहां हर नागरिक को सम्मान के साथ जीने का अधिकार और अवसर मिल रहा है.

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