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किसने और क्यों दिया 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम?... सूनी मांगों का बदला पूरा

पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला करने के लिए जो अभियान चला उसे 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया . ऐसे में अब यह सवाल भी उठ रहा है कि आखिर इस अभियान को 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम क्यों दिया और इसकी कमान पीएम मोदी ने किसके हाथ में सौंपी. जिसने आधी रात पाकिस्तानियों को उसकी कायराना हरकत का माकूल जवाब दिया

अपनी जमीन पर आतंकवाद को पालकर भारत में दहशतगर्दी फैलाने वाले पाकिस्तान के बुरे दिन की शुरुआत हो चुकी है लेकिन यह शुरुआत दिन के उजाले में नहीं बल्कि आधी रात को हुई जब, हिंदुस्तान की जनता भारतीय सेना के शौर्य साहस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसे चैन की नींद ले रही थी, तब पाकिस्तान में अचानक भारतीय सेना ने आतंकियों के ठिकानों पर आतिशबाजी की तरह मिसाइल की बरसात कर रही थी. पहलगाम हमले का इंतक़ाम लेते हुए भारत की तीनों सेनाओं ने एक संयुक्त अभियान चलाकर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के अंदर 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की. भारतीय सेना की इस कार्रवाई में पाकिस्तान के चार और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के पांच आतंकी ठिकानों के लिए भारतीय वायुसेना काल बन गई. इस कार्रवाई में 90 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं जबकि दर्जनों घायल बताए जा रहे हैं. भारत के इस कार्रवाई से पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है. जिन मस्जिदों के लाउडस्पीकर से नमाज की आवाजे आती थी, उसी लाउडस्पीकर से भागो भागो, अल्लाह हू अकबर की आवाज आने लगी. इसको सुनकर पाकिस्तान में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. इन सबके बीच सबसे बड़ी बात यह है कि भारत ने इस कार्रवाई के लिए जो अभियान चलाया उसे ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया. ऐसे में अब यह सवाल भी उठ रहा है कि आखिर इस अभियान को 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम क्यों दिया और इसकी कमान पीएम मोदी ने किसके हाथ में सौंपी. जिसने आधी रात पाकिस्तानियों को उसकी कायराना हरकत का माकूल जवाब दिया. 

बजरंगबली, सिंदूर,विधवा महिलाएं और मंगलवार की क्रोनोलॉजी

दरअसल, 22 अप्रैल को जब पहलगाम के बैसरन घाटी में चार की संख्या में आए आतंकवादियों ने पर्यटकों पर निशाना बनाया तो उन्होंने पहले तो धर्म पूछा उसके बाद गोली मारी. आतंकियों की इस कार्रवाई में कई महिलाओं के सुहाग उजड़ गए और यही वजह है कि पाकिस्तानियों को उसकी नापाक इरादों पर कार्रवाई के लिए भारत ने जो अभियान बनाया उस 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया. यही सिंदूर हनुमान जी के शरीर पर लगा होता है और ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के लिए हनुमान जी के अति प्रिय दिन मंगलवार की रात का समय चुना गया. अब यह सवाल उठता है कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए हनुमान की भूमिका किसने निभाई जिसने आधी रात पाकिस्तान में आतंकवादियों की लंका जला दी. 

खुफिया तरीके से हुई थी 'ऑपरेशन सिंदूर'की तैयारी

बताते चलें कि आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए थे कि आतंकवाद को पालने वाले पाकिस्तान पर किस तरह से कार्रवाई करनी है. इसके लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम तय होने के बाद पीएम मोदी ने इसकी कमान अपने सबसे भरोसेमंद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के हाथों में सौंपी. अजीत डोभाल ही हैं जिनकी देखरेख में भारत की तीनों सेनाओं ने संयुक्त अभियान चलाते हुए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. अजीत डोभाल पाकिस्तान को बहुत करीब से जानते हैं, यही वजह है कि पाकिस्तान के लाहौर से 409 किलोमीटर की दूरी दिल्ली में बैठकर अजीत डोभाल के दिमाग में पाकिस्तान में तबाही मचा दी. डोभाल ने ही इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए विशेष टीम के साथ मोर्चा संभाला था. प्रधानमंत्री मोदी और डोभाल ने यह तय कर लिया था कि पहलगाम हमले में मार गए लोगों और पूर्व में भी शहीद हुए जवानों की विधवा हुई महिलाओं का बदला लेना है. इसलिए भारत सरकार के तमाम मंत्री और सेना के अधिकारी इस ऑपरेशन की बहुत ही खुफिया तरीके से तैयारी कर रहे थे. 

कैस लिखी गई ऑपरेशन सिंदूर की पटकथा

ऑपरेशन सिंदूर के बाद जो प्राथमिक जानकारी निकाल के सामने आई है, उसके मुताबिक भारत की सेना जब पाकिस्तान पर मिसाइल की बरसात कर रही थी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रातभर जगे हुए थे और अजीत डोभाल उन्हें पल-पल की जानकारी दे रहे थे. क्योंकि पीएम मोदी ने इस ऑपरेशन की मंजूरी पहले ही अजीत डोभाल को दे दी थी, जिसके बाद उनकी टीम ने तमाम तैयारियां को पूरी करने के बाद  कार्रवाई को अंजाम दिया. ऑपरेशन सिंदूर के लिए अजीत डोभाल ने बड़ी ही नपे-तुले तरीके से आतंकियों के ठिकाने को चुना. ताकि पाकिस्तान में रहने वाली आम जनता को नुकसान ना हो, केवल आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया जाए. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में कब और कैसे तबाही मचानी है इसकी पूरी प्लानिंग और अंतिम फैसला NSA अजीत डोभाल ने लिया. इस ऑपरेशन की जानकारी किसी तरह से लीक न हो इसका डोभाल ने पूरा ध्यान रखा. 

कैसे तय हुआ ऑपरेशन सिंदूर का नाम?

आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपना विदेशी दौरा छोड़कर भारत वापस आए थे और एयरपोर्ट पहुंचने ही उन्होंने अजीत डोभाल कुछ महत्वपूर्ण अधिकारियों के साथ बैठक की थी. आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाते समय जब एक महिला ने कहा 'मेरे पति को मार दिए हो मुझे भी मार दो' तब उस महिला से आतंकवादी ने कहा 'तुम्हें नहीं मारेंगे, जाकर मोदी को बता देना.' यही वह बात थी जो महिला ने घटना के बाद मीडिया से कहीं और इसी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में ऑपरेशन सिंदूर का नाम आया और उन्होंने इसे फाइनल किया. इस नाम का मकसद आतंकवाद के खिलाफ बड़ी और निर्णायक कार्रवाई का है, ताकि पहलगाम हमले में मारे गए लोग और इससे पूर्व में शहीद हुए जवानों की विधवा महिलाओं को न्याय मिल सके.

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