अब क्या कहेंगे सोनिया-राहुल? फिलिस्तीनी राजदूत ने तो कर दी PM मोदी की तारीफ, कहा- बहुत अच्छा काम कर रहा भारत
कांग्रेस नेता राहुल गांधी-सोनिया गांधी मोदी सरकार की फिलिस्तीन नीति को लेकर हमला बोलते रहे हैं. ऐसे में फिलिस्तीनी राजदूत ने ही दोनों के दावों की हवा निकाल दी है. नई दिल्ली में फिलिस्तीन के राजदूत अब्दुल्ला अबू शावेश ने खुलकर पीएम मोदी की तारीफ की है और साफ कहा है कि वो भारत के किसी भी देश के साथ द्विपक्षीय रिश्तों में हस्तक्षेप नहीं करेगा.
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भारत में फ़िलिस्तीन के राजदूत अब्दुल्ला अबू शावेश ने मोदी सरकार और हिदुस्तान को लेकर तमाम तरह के विपक्षी हमले और पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा की हवा निकाल दी है. उन्होने दो टूक अंदाज में कहा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार उनके देश की पूरी मदद कर रही है. उन्होंने संवाददाओं से बातचीत में फ़िलिस्तीनियों का समर्थन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रशंसा की है. उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी का समर्थन कर रही है, जो फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों की सहायता के लिए ज़िम्मेदार है.
इतना ही नहीं उन्होंने जानकारी दी कि भारत वर्तमान में अरबों रुपए की लागत से फ़िलिस्तीन में एक अस्पताल परियोजना का निर्माण कर रहा है. वहीं शावेश ने कहा कि भारत का विदेश मंत्रालय फ़िलिस्तीन के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि फ़िलिस्तीन भारत को व्यापक दृष्टिकोण से देखता है और उन्होंने पुष्टि की कि फ़िलिस्तीन किसी अन्य देश के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में हस्तक्षेप नहीं करेगा.
आपको बता दें कि गाजा में इजरायल के ताबड़तोड़ हमलों और भारत के इजरायल के साथ मजबूत संबंधों के बीच फ़िलिस्तीनी राजदूत का ये बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. भारत में तैनात फिलिस्तीन के राजदूत अब्दल्लाह अबू शावेश ने इस दौरान कहा कि भारत फिलिस्तीनी लोगों की मदद करने में “बहुत अच्छा काम” कर रहा है. आपको बताएं कि बीते कई दिनों से जारी संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 80वीं बैठक के दौरान भी गाज़ा में तेल अवील की कार्रवाई का मुद्दा जोर-शोर से उठा.
फिलिस्तीनी राजदूत ने क्या कहा?
वीडियो में फिलिस्तीनी राजदूत अब्दल्लाह अबू शावेश को पत्रकारों से बात करते देखा जा सकता है. उन्होंने ब्लू सूट और टाई पहन रखी है और सिर पर पारंपरिक फिलिस्तीनी स्कार्फ (कफिया) बंधा है. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में, फिलिस्तीनी लोगों की मदद करने में बहुत अच्छा काम कर रहा है. कई प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है, जिनमें करोड़ों डॉलर की लागत वाला एक अस्पताल भी शामिल है. इसके अलावा, भारत संयुक्त राष्ट्र की राहत एजेंसी UNRWA को भी मदद दे रहा है, जो फिलिस्तीनी शरणार्थियों की सहायता करती है.”
फिलिस्तीनी एंबेसेडर ने आगे कहा, “हम भारतीय सरकार के साथ 24 घंटे संपर्क में रहते हैं और हर मुद्दे पर पारदर्शी तरीके से बात होती है. मैं भरोसा दिलाता हूं कि भारत और फिलिस्तीन के बीच किसी तरह के विवाद की कोई गुंजाइश नहीं है.” शावेश ने ये भी कहा कि वे भारत के द्विपक्षीय रिश्तों में दखल नहीं देंगे, लेकिन संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार परिषद में भारत की भूमिका को देखते हुए फिलिस्तीन-भारत संबंधों को “मैक्रो लेवल” पर आंका जा सकता है.
भारत-फिलिस्तीन के पुराने रिश्ते
भारत और फिलिस्तीन के ऐतिहासिक रिश्ते रहे हैं. भारत सरकार ने 1988 में आधिकारिक रूप से फिलिस्तीन को मान्यता दी थी, वहीं 1996 में रामल्ला में अपना प्रतिनिधि कार्यालय खोला. जानकारी के मुताबिक हाल के वर्षों में भारत ने फिलिस्तीन की कई प्रोजेक्ट्स में मदद की है, जिनमें अस्पताल, स्कूल और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट शामिल है. प्रधानमंत्री मोदी 2018 में रामल्ला भी गए थे, जहां उन्होंने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात कर 45 करोड़ रुपये की सहायता का ऐलान किया था. इसके अलावा, भारत लगातार UNRWA को फंडिंग देता है, जो फिलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद करता है.
Palestine Ambassador to India Abdallah Abu Shawesh praises Indian Govt led by Prime Minister @narendramodi and India’s foreign ministry for helping the Palestinian people. Says, won’t interfere in India’s bilateral relations with any other country (indirectly pointing at Israel). pic.twitter.com/rygfSxkXYs
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) September 27, 2025
सोनिया-राहुल को संदेश है फिलिस्तीनी राजदूत का बयान
आपको बता दें कि फिलिस्तीन राजदूत के इस बयान को कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष को जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. इनकी तरफ से आए दिन सरकार की फिलिस्तीन नीति पर सवाल उठाए जाते रहे हैं. हाल ही में अपनी एक चिट्ठी और लेख में कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने कहा था कि मोदी सरकार की ‘गहरी चुप्पी’ और ‘फिलिस्तीन से दूरी’ मानवता और नैतिकता का त्याग है. उन्होंने कहा कि भारत की नीति प्रधानमंत्री की इजरायल के साथ निजी दोस्ती से प्रेरित लगती है, न कि संवैधानिक मूल्यों या रणनीतिक हितों से.
वहीं राहुल गांधी ने भी कई मौकों पर भारत की फिलिस्तीन को लेकर विदेश नीति को लेकर हमला बोला था. उन्होंने साफ कहा था कि भारत को फिलिस्तीन के साथ खड़ा होना चाहिए और हिंसा के चक्र को खत्म करने में मदद करनी चाहिए. कांग्रेस पार्टी का स्टैंड रहा है कि भारत को फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने वाले देशों के समूह में शामिल होना चाहिए, जैसा कि फ्रांस, ब्रिटेन, और कनाडा ने किया है. ऐसे में अगर फिलिस्तीन के दूत ने ही भारत और भारत सरकार का धन्यवाद किया है तो जाहिर है अब विपक्ष को अपने स्टैंड पर विचार करना होगा.
ऐतिहासिक हैं भारत-फिलिस्तीन संबंध
भारत और फिलिस्तीन के बीच के रिश्ते लंबे समय से गहरे रहे हैं. भारत ने 1988 में फिलिस्तीन को मान्यता दी और 1996 में रामल्ला में एक प्रतिनिधि कार्यालय खोला. हाल के वर्षों में, भारत ने फिलिस्तीन को कई परियोजनाओं में सहायता दी है, जिसमें अस्पताल, स्कूल, और बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है.
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पीएम मोदी ने वर्ष 2018 में रामल्ला का दौरा किया था, जहां उन्होंने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की और 45 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की थी. इसके अलावा, भारत UNRWA को नियमित रूप से फंडिंग करता है, जो फिलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद करती है.
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