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'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद PM मोदी पर भरोसे को लेकर क्या कहता है सर्वे? ओवैसी-राहुल गांधी पर क्या है जनता की राय? जानें

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आम जनता का भरोसा भारतीय सेना और मोदी सरकार पर और भी मजबूत हुआ है. इस बात का पता आईएएनएस मैटराइज के सर्वे से लगा है. जानिए देश के लोगों ने इस सर्वे में क्या प्रतिक्रियाएं दी हैं.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद आम जनता का भरोसा भारतीय सेना और मोदी सरकार पर और भी मजबूत हुआ है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर सशक्त नेता के तौर पर उभरे हैं बल्कि उन्होंने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी जैसे नेताओं को लिस्ट में काफी पीछे छोड़ दिया है. इस बात की पुष्टि आईएएनएस मैटराइज के हालिया सर्वे में की गई है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी पीएम मोदी की लोकप्रियता 

यह सर्वे 9 मई से 15 मई 2025 तक के बीच में किए गए हैं. इस सर्वे में कुल 7,463 लोगों की राय ली गई है, जिनमें पुरुष: 4,702 और महिला: 2,761 शामिल हैं. इस सर्वे में सभी राज्यों को शामिल किया गया है. आईएएनएस मैटराइज के सर्वे में लोगों से सवाल किया गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई कार्रवाई में देश का कौन सा नेता पाकिस्तान को सबक सिखाने में सबसे सक्षम है? इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे ज्यादा समर्थन मिला है. 70 प्रतिशत लोगों का मानना है कि नरेंद्र मोदी पाकिस्तान को सबक सिखाने में सबसे सक्षम हैं. इसके बाद राहुल गांधी का नंबर आता है, जिन्हें सिर्फ 5 प्रतिशत लोगों का साथ मिला है. वहीं, इसके बाद असदुद्दीन ओवैसी का नंबर आता है, जिन्हें 4 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला है. 'पता नहीं या कह नहीं सकते' के साथ 8 प्रतिशत लोग रहे हैं.

इस सर्वे के अनुसार, 69 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इस ऑपरेशन ने पीएम मोदी की वैश्विक छवि को और मजबूत किया है. जबकि 26 प्रतिशत का कहना है कि उनकी छवि में कोई बदलाव नहीं आया, और 5 प्रतिशत इस बारे में अनिश्चित हैं. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता पर असर के बारे में 74 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि लोकप्रियता बढ़ी है.

इसके अलावा, आईएएनएस मैटराइज सर्वे में 92 प्रतिशत लोगों ने माना है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद वर्तमान मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम है. 

ऑपरेशन सिंदूर के बाद मजबूत हुई भारत की छवि

आईएएनएस मैटराइज ने अपने सर्वे में लोगों से ये सवाल किया कि क्या भारत ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को सबक सिखाने में सफल रहा है? इस सवाल पर 66 प्रतिशत लोगों ने 'हां' में इसका जवाब दिया, जबकि 18 प्रतिशत लोग मानते हैं कि 'कुछ हद तक सफल' रहा है. इसके अलावा, 9 प्रतिशत लोगों का कहना है कि बिल्कुल सफल नहीं रहा. वहीं, 7 प्रतिशत लोग 'पता नहीं/कह नहीं सकते' के बीच फंसे दिखाई दिए.

अगले सवाल में लोगों से पूछा गया कि भारत के लिए पाकिस्तान जैसी न्यूक्लियर सशक्त देश के अंदर घुसकर हमला करना सदी की बड़ी उपलब्धि रही है? 72 प्रतिशत लोगों ने 'हां' जवाब देते हुए इसे बड़ी उपलब्धि बताया है. 9 प्रतिशत लोग कुछ हद तक मानते हैं, जबकि 12 प्रतिशत लोग कहते हैं कि ये बड़ी उपलब्धि नहीं है. साथ ही 7 प्रतिशत लोग पता नहीं/कह नहीं सकते में जवाब दिया।

क्या भारत पाकिस्तान के न्यूक्लियर कवच को भेदने में सफल रहा है? इस सवाल का 78 प्रतिशत लोगों ने 'हां' में जवाब दिया है। उनका मानना है कि भारत पाकिस्तान के न्यूक्लियर कवच को भेदने में पूरी तरह से सफल रहा है. इसके अलावा, 18 प्रतिशत लोग मानते हैं कि कुछ हद तक सफल रहा.

क्या ऑपरेशन सिंदूर की वजह से विश्व में भारत की छवि और मजबूत हुई है? 73 प्रतिशत लोगों ने हां में जवाब दिया और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से भारत की छवि मजबूत हुई है. 16 प्रतिशत लोगों को लगता है कि कुछ हद तक मजबूत हुई है, जबकि 19 प्रतिशत लोगों के मुताबिक, छवि पर कोई असर नहीं पड़ा है.

क्या विपक्ष के ऑपरेशन सिंदूर पर उठाए गए सवाल सही हैं? 27 प्रतिशत लोगों ने 'हां' में जवाब दिया और विपक्ष के सवालों को सही ठहराया. 9 प्रतिशत कुछ हद तक सही मानते हैं, जबकि 57 प्रतिशत लोगों को लगता है कि सवाल उठाना ठीक नहीं है. 

क्या ऑपरेशन सिंदूर के बाद संसद का विशेष सत्र बुलाने की विपक्ष की मांग सही है? 33 प्रतिशत ने 'हां' में जवाब दिया और 8 प्रतिशत लोगों ने कुछ हद तक सही बताया. इसके अलावा, 45 प्रतिशत ने विपक्ष की मांग को सही नहीं बताया. 

क्या विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर राजनीति कर रहा है? 57 प्रतिशत लोगों ने 'हां' में इसका जवाब दिया, जबकि 14 प्रतिशत लोगों ने कुछ हद तक सही बताया. 26 प्रतिशत लोग 'नहीं' के साथ हैं और 3 प्रतिशत 'पता नहीं या कह नहीं सकते' के साथ दिखाई दिए.

आपके अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी में से कौन सा नेता अधिक सशक्त फैसले लेने में सक्षम रहा है? इस सवाल पर 42 प्रतिशत लोगों की राय प्रधानमंत्री मोदी के साथ है, जबकि 29 प्रतिशत लोग पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ दिखाई दिए. साथ ही, 17 प्रतिशत लोग मानते हैं कि दोनों ही सशक्त फैसले लेने में सक्षम रहे हैं. 5 प्रतिशत को लगता है कि कोई भी सशक्त फैसला लेने में सक्षम नहीं रहा है, जबकि 7 प्रतिशत को लगता है कि पता नहीं या कह नहीं सकते. 

आपके अनुसार, क्या वर्तमान सरकार अब तक का सबसे कड़ा फैसला लेने वाली सरकार रही है? 79 प्रतिशत लोग 'हां' में इसका जवाब देते हैं और 16 प्रतिशत 'नहीं' में जवाब देते हैं और 5 प्रतिशत लोगों को लगता है कि 'पता नहीं या कह नहीं सकते. 

क्या भारत को युद्ध के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए? 66 प्रतिशत लोगों का कहना है कि हां, पूरी तरह से दबाव बनाना चाहिए, जबकि 22 प्रतिशत नहीं मानते हैं. वहीं, 12 प्रतिशत पता नहीं या कह नहीं सकते मानते हैं. 

क्या पाकिस्तान पर किए गए स्ट्राइक का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखना सही है? 76 प्रतिशत कहते हैं कि हां, नाम ठीक है, जबकि 12 प्रतिशत नहीं में जवाब देते हैं और 12 प्रतिशत को लगता है कि पता नहीं या कह नहीं सकते. 

क्या इस कार्रवाई के बाद भारतीय सेना और सरकार पर आम जनता का भरोसा और बढ़ेगा? 84 प्रतिशत लोग हां में जवाब देते हैं. उनका मानना है कि इससे भरोसा बढ़ेगा, जबकि 6 प्रतिशत लोग कहते हैं कि कुछ हद तक बढ़ेगा. 
 
आईएएनएस मैटराइज सर्वे में एक अन्य सवाल यह भी किया गया कि भारत के लिए पाकिस्तान जैसे न्यूक्लियर सशक्त देश के अंदर घुसकर हमला करना सदी की बड़ी उपलब्धि रही है? इस सर्वेक्षण में 72 प्रतिशत लोगों ने इसे सदी की बड़ी उपलब्धि करार देते हुए भारत की सैन्य और रणनीतिक क्षमता की सराहना की. वहीं, 9 प्रतिशत लोगों का मानना है कि यह उपलब्धि कुछ हद तक उल्लेखनीय है, जबकि 12 प्रतिशत ने इसे बड़ी उपलब्धि मानने से इनकार किया.

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