'एक-दूसरे की सफलता में योगदान दे सकते हैं ...', एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ की बैठक, कहा - 'हमने बॉर्डर पर शांति बनाए रखने की कोशिश की
भारत और चीन के विदेश मंत्री की राजधानी दिल्ली में मुलाकात हुई है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत के दो दिनों के दौरे पर हैं. इस दौरान दोनों ही देशों के रिश्ते को और भी ज्यादा मजबूत करने पर चर्चा हुई.
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विशेष प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि 'दोनों देशों के बीच 24वें दौर की वार्ता के लिए आपका और आपके प्रतिनिधिमंडल का मैं भारत में स्वागत करता हूं. अक्तूबर 2024 में कजान में हमारे नेताओं की मुलाकात के बाद से यह किसी भी चीनी मंत्री की पहली यात्रा है. यह खास अवसर हमें अपने द्विपक्षीय संबंधों को पूरा करने और समीक्षा करने का अवसर प्रदान करता है.'
'हमने बॉर्डर पर शांति बनाए रखने की कोशिश की है'
जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी संग बैठक के दौरान कहा कि 'हमने बॉर्डर पर शांति बनाए रखने की कोशिश की है. हमने सहयोग बढ़ाने और चीन-भारत संबंधों में सुधार, विकास की गति को और भी ज्यादा मजबूत करने का विश्वास साझा किया है. दोनों देशों के विकास के साथ-साथ एक-दूसरे की सफलता में भी योगदान दे सकें, ताकि एशिया और विश्व में स्थिरता लाई जा सके. जिसकी हमें जरूरत है.'
'चीन और भारत के संबंध कठिन दौर से गुजरे हैं'
भारत के विदेश मंत्री ने आगे कहा है कि 'चीन और भारत के संबंध कठिन दौर से गुजरे हैं, लेकिन अब दोनों ही देशों की साझेदारी इसे बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है. चीन और भारत के संबंधों में एक कठिन दौर देखने को मिला है, लेकिन अब आगे बढ़ना चाहते हैं. इसके लिए दोनों पक्षों की ओर से एक स्पष्ट और रचनात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है. इस प्रयास में हमें तीन मूल्यों, एक दूसरे का सम्मान, संवेदनशीलता और पारस्परिक हितों को ध्यान में रखना चाहिए. हमें यह ध्यान रखने की जरूरत है कि मतभेद विवाद का रूप न ले और न ही प्रतिस्पर्धा संघर्ष में बदले.'
सीमा शांति पर जोर
जयशंकर ने इस दौरान कहा है कि 'दोनों देशों के बीच संबंधों में सकारात्मक गति तभी आ सकती है, जब सीमा पर शांति स्थापित हो. आप कल हमारे विशेष प्रतिनिधि एनएसए अजीत डोभाल के साथ सीमा संबंधी मुद्दों पर चर्चा करेंगे. यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारे संबंधों में किसी भी सकारात्मक गति का आधार बॉर्डर पर संयुक्त रूप से शांति और सौहार्द बनाए रखने की क्षमता है. यह भी जरूरी है कि तनाव कम करने की प्रक्रिया आगे बढ़े.'
टैरिफ प्लान पर भी बातचीत की उम्मीद
इस दौरान एस जयशंकर ने यह भी कहा कि 'जब दुनिया के दो सबसे बड़े देश मिलते हैं, तो अंतर्राष्ट्रीय स्थिति पर चर्चा स्वाभाविक है. हम एक मल्टीपोलर एशिया सहित एक निष्पक्ष, संतुलित और मल्टीपोलर वैश्विक व्यवस्था चाहते हैं. वर्तमान परिवेश में, वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखना स्पष्ट रूप से जरूरी है.' कल के दिन कई अन्य मुद्दों पर भी उनसे चर्चा होने की उम्मीद है.
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