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संभल में वक्फ ने 4 KM जमीन पर दावा ठोका है लेकिन कागज फर्जी है तो क्या उन सम्पत्तियों पर एक्शन होगा?

संभल की जामा मस्जिद के पास...जिस जमीन पर सत्यव्रत पुलिस चौकी बन रही है...उस पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया...लिहाजा प्रशासन ने जमीन से जुड़े दस्तावेज वक्फ बोर्ड से मांगे...और उनकी जांच पड़ताल शुरू की । जांच में वक्फ की तरफ से दिए गए तमाम कागज फर्जी साबित हुए । इस फर्जीवाड़े के बाद अब संभल में वक्फ बोर्ड जिन-जिन संपत्तियों पर अपना दावा जता रहा है...उनकी जांच होगी...एक-एक दस्तावेज खंगाले जाएंगे । ं अगर वक्फ के कागजात फर्जी साबित हुए...तो संभल में 4 किलोमीटर के दायरे में बड़ा बुलडोजर एक्शन होगा

07 Jan, 2025
( Updated: 07 Jan, 2025
08:09 PM )
संभल में वक्फ ने 4 KM जमीन पर दावा ठोका है लेकिन कागज फर्जी है तो क्या उन सम्पत्तियों पर एक्शन होगा?
संभल में 24 नवंबर के दिन जो हुआ वो दोबारा ना हो उसके लिए प्रशासन ने संभल की जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी बनाने का फैसला किया था। युद्ध स्तर पर काम भी हुआ, और लगभग काम भी पूरा कर लिया गया। इस पुलिस चौकी का नाम दिया गया, सत्यव्रत पुलिस चौकी, इस पुलिस चौकी का बनना मुस्लिमों के ठेकेदार बनने वालें लोगों को पसंद नहीं आया। इस मामले में सबसे ज्यादा मुखर होकर भडकाऊ भाईजान ने अपनी उपस्थिती दर्ज करवाई और एक्स पर लिख दिया। संभल की जामा मस्जिद के पास बनाई जा रही पुलिस चौकी वक्फ की जमीन पर है। इसके अलावा, प्राचीन स्मारक अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण प्रतिबंधित है। उत्तर प्रदेश सरकार को क़ानून का कोई एहतराम नहीं है।इसके अलावा कुछ कागजात लेकर भी भड़काऊ भाईजान एक्स पर आए।और कह दिया कि पुलिस चौकी वक्फ की जमीन पर बनाई जा रही है। यहां भी रुक जाते तो ठीक था लेकिन उन्होने कह दिया दिया संभल का चार किलोमीटर का इलाका वक्फ की जमीन पर है।मतलब अरबों रुपए की हजारों वर्ग मीटर की जमीन वक्फ की है। और संभल के ज्यादातर लोगों ने वक्फ की जमीन पर कब्जा कर रखा है।

इतना ही नहीं ज्यादातर सरकारी कार्यलय भी वक्फ की ही भूमि पर बने है। ये बात संभल प्रशासन के गले नहीं उतरी और उन्होने एक जांच टीम का गठन कर दिया। टीम ने जांच की तो पता चला की दस रुपए के स्टाम्प पेपर पर संभल की हजारों बीघा जमीन वक्फ को दे दी गई है। लेकिन ये कागजात वैध कागजात नहीं है।तो संभल के प्रशासन ने अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी। हालांकि ओवैसी का नाम इसमें नहीं है। लेकिन ओवैसी की मुस्किलें प्रशासन ने जरुर बढ़ा दी।खैर ये तो रही फर्जीवाडे की बात लेकिन अब सवाल ये उठता है कि जिस भूमि के फर्जी कागज दिखाए गए है क्या वहां योगी सरकार का बुलडोजर चलेगा।

सवाल उठ रहे है कि क्या वक्फ की मनमर्जी पर बुलडोजर दहाडेगा। जिन संपत्तियों के कागज फर्जी है, क्या उन पर बुलडोजर चलेगा। क्या इस पूरे 4 किलोमीटर के इलाके में बुलडोजर चलने वाला है। क्योंकि दीपासराय और खग्गुसराय के इलाकों में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर चल चुका है।


बुलडोजर का बड़ा एक्शन पहले ही संभल में जारी है। तो क्या ऐसा मान लिया जाए कि जो अब तक संभल में हुआ वो महज ट्रेलर था, और असली एक्शन अभी बाकी है। क्योंकि वक्फ से 1929 में दावा किया था कि कल्कि मंदिर से लेकर पीडब्लूडी विभाग तक की जमीन वक्फ की है।मतलब संभल के ज्यादातर सरकारी संस्थान वक्फ की भूमि पर बने है। लेकिन वक्फ के पास अपने दावों को सच साबित करने के लिए दस्तावेज हैं या नहीं है वो जांच का विषय है। क्योंकि जिस जगह पर पुलिस चौकी बन रही है उसके दस्तावेज तो फर्जी साबित हो गए है। वैसे कुछ रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है कि संभल में वक्फ की कुल 1601 संपत्तियां है।और इस बात को तो ओवैसी भी मान चुके है कि यूपी में वक्फ की कुल एक लाख इक्कीस हजार संपत्तियां है लेकिन एक लाख बारह हजार के पास कागज ही नहीं है।

तो ऐसे में सवाल ये है कि जब कागज नहीं है तो फिर उन संपत्तियों पर वक्फ का कब्जा कैसे है, क्यों है। और संभल की अगर बात करें तो जितनी संपत्तियों पर वक्फ का दावा है वो अरबो रुपए की है, खुद संभल के मुसलमान जियाउर रहमान के करिबियों पर वक्फ की जमीनों पर कब्जा करने के आरोप लगा चुके है। तो ऐेसे में सवाल सबसे बड़ा ये है कि जब जांच होगी और जो संपत्तियां वक्फ के कब्जे में है लेकिन कागज नहीं है तो क्या तब संभल में सबसे बड़ा बुलडोजर एक्शन होगा। क्योंकि वक्फ ने दावा तो चार किलोमीटर पर कर दिया है। अब संभल के प्रशासन का देखना है वो इस दावे का दम कैसे निकालता है। और क्या संभल में अब चार किलोमीटर पर पुलिस सफाई अभियान शुरु करेगी, जैसे इससे पहले कर चुकी है।

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