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सरकार से विनेश फोगाट की डिमांड, मांगा 4crore रुपए और महंगा फ्लैट

देश की बेटी, पूर्व महिला पहलवान और कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट फिर एक बार चर्चाओं में. लेकिन इस बार कारण ओलंपिक विवाद नहीं, सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि सरकार से ली गई 4 करोड़ की कैश प्राइज और फ्लैट है,

देश की बेटी, पूर्व महिला पहलवान और कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट फिर एक बार चर्चाओं में. लेकिन इस बार कारण ओलंपिक विवाद नहीं, सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि सरकार से ली गई 4 करोड़ की कैश प्राइज और फ्लैट है. दरअसल, ये कैश प्राइज विनेश फोगाट के पेरिस ऑलंपिक में शानदार प्रदर्शन के लिए दिया गया. जी हां, ये वही ऑलंपिक है जिसमें विनेश फोगाट फाइनल में ओवरवेट होने के कारण बाहर हो गई थीं और इसके पीछे विनेश ने सरकार की साजिश बताई थी. अब इस कैश प्राइज को लेने भर से विनेश क्यों चर्चा में आ गई हैं, वो आपको बताते हैं.

दरअसल, हरियाणा की राज्य सरकार ने पहलवान से नेता बनीं विनेश फोगाट को ओलंपिक रजत पदक विजेता के बराबर इनाम देने की पेशकश की थी, जिसमें उन्हें कई विकल्प दिए गए. विनेश ने कैश प्राइज लेने का विकल्प चुना है. हरियाणा सरकार ने अपनी खेल नीति के तहत फोगाट को तीन विकल्प दिए थे. अब क्या थे वो तीन विकल्प, वो जान लीजिए.

विनेश ने चार करोड़ रुपए कैश अवॉर्ड के साथ हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का महंगा प्लॉट की मांग की थी, जिसे सरकार ने भी मंजूरी दे दी है. विनेश ने विधायक होने के कारण सरकारी नौकरी को मना कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, यदि विनेश फोगाट तीनों विकल्पों को भी चुनतीं तो भी सरकार उसको पूरा करती. दरअसल, विनेश 2024 के पेरिस ओलंपिक में फाइनल मुकाबले तक पहुंची थीं. हालांकि 100 ग्राम बढ़े वजन की वजह से वह फाइनल मुकाबला खेलने से पहले ही बाहर हो गई थीं, जिसके बाद CM नायब सैनी ने विनेश का सिल्वर मेडलिस्ट जैसा सम्मान करने का ऐलान किया था. हालांकि जब कुछ नहीं मिला तो विनेश ने विधानसभा के बजट सत्र में कहा था कि सरकार ने उन्हें सिल्वर मेडल के बराबर सम्मान देने की घोषणा की थी. लेकिन 8 माह बीत जाने के बाद जब कुछ नहीं मिला तो फोगाट ने इस मुद्दे को सदन में उठाया था.

विनेश का सम्मान लेना मुद्दा क्यों बना?

दरअसल, भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन की अगुवाई की थी. मामला पुलिस तक गया फिर अदालत तक पहुंचा. इस बीच प्रदर्शन में कई तस्वीरें दिखीं, जहां प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने सरकार पर जमकर हमला बोला और सरकार की नीतियों पर सवाल भी उठाए. यही नहीं, विनेश फोगाट ने उन्हें मिले खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार सरकार को लौटा दिया था और कहा था कि इन पुरस्कारों का उनकी जिंदगी में अब कोई मतलब नहीं रह गया है. इन सबके बावजूद इसी सरकार से कैश प्राइज और फ्लैट लेने पर लोग सवाल कर रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि जिस सरकार की विनेश ने इतनी आलोचना की, विरोध किया, उसी सरकार की तरफ से कैश प्राइज स्वीकारना लोगों को कुछ हजम नहीं हो रहा है. विनेश फोगाट ने अगर सरकार की तरफ से सम्मान के तौर पर दिए गए मेडल को लौटा दिया, तो पुरस्कार के तौर पर कैश प्राइज और फ्लैट कैसे रख लिया. लोगों का कहना है कि विनेश ने मेडल लौटा दिए लेकिन बिना कोई पदक जीते इनाम राशि रख ली और कांग्रेस की विधायक भी बन गईं. बता दें कि विनेश को 50 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल मुकाबले से पहले ज्यादा वजन होने की वजह से 2024 पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

'पैसे की नहीं सम्मान की बात है'

हालांकि, विनेश ने कहा था कि ये पैसे की नहीं सम्मान की बात है. इससे सभी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ेगा. बहरहाल, हरियाणा सरकार ने बड़ा दिल दिखाते हुए ओलंपियन विनेश फोगाट की मांग के अनुरूप उन्हें चार करोड़ की पुरस्कार राशि और एक प्लॉट देने पर सहमति दे दी है. अब इन दोनों विकल्पों को पूरा करने की प्रक्रिया चालू हो गई है और किसी भी दिन विनेश फोगाट के खाते में रकम भेजी जा सकती है.


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